मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में बुधवार को 0.31 प्रतिशत की तेजी थी। इसका प्राइस 51,977 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। पिछले एक दिन में इसका प्राइस लगभग 400 डॉलर बढ़ा है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिटकॉइन के लिए अगला रेजिस्टेंस 53,000 डॉलर पर है।
दूसरी सबसे क्रिप्टोकरेंसी
Ether ने लगभग दो वर्ष में पहली बार 3,000 डॉलर का लेवल छुआ है। हालांकि, इसके बाद इसमें गिरावट हुई और यह लगभग 0.25 प्रतिशत घटकर लगभग 2,870 डॉलर पर था। इसके अलावा Tether, Solana, Ripple, Cardano USD Coin, Polkadot, Litecoin और Stellar के प्राइस में गिरावट थी। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 0.16 प्रतिशत घटकर लगभग 1.98 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के वाइस प्रेसिडेंट, Rajagopal Menon ने Gadgets360 को बताया, "बिटकॉइन में अधिकारी खरीदारी का संकेत मिल रहा है। Ethereum में तेजी की स्थिति बन रही है और यह 3,000 डॉलर तक पहुंचने की कोशिश में है।" इस बारे में CoinSwitch के को-फाउंडर, Ashish Singhal का कहना था, "Ethereum काफी लोकप्रिय है। इसे अधिकतर Web3 डिवेलपर्स चुनते हैं। इसका मतलब है अधिक ट्रैफिक और मेंटेनेंस। इस वजह से इसका अपग्रेड लाया जा रहा है।"
कुछ बड़े देशों के नेताओं के साथ ही इनवेस्टर्स से भी
क्रिप्टो मार्केट को बढ़ावा मिल रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती हुई टेक्नोलॉजीज से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत बताई थी। पिछले महीने अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC की ओर से बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति दी गई थी। देश में क्रिप्टो सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। इस महीने की शुरुआत में पेश हुए बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के निवेदन किए थे। हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने क्रिप्टो सेगमेंट का कोई जिक्र नहीं किया था। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स निराश हुए थे। केंद्र सरकार ने लगभग डेढ़ वर्ष पहले प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS लगाया था। इसके साथ ही क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत टैक्स लागू किया गया था। इससे क्रिप्टो की ट्रेडिंग एक्टिविटीज में कमी हुई है।