हाल ही में अमेरिका के प्रेसिडेंट Donald Trump ने सबसे अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का स्ट्रैटेजिक रिजर्व बनाने के लिए एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए थे। अमेरिका की तर्ज पर पाकिस्तान की सरकार ने भी बिटकॉइन का रिजर्व बनाने की घोषणा की है।
अमेरिका के लास वेगास में बिटकॉइन पर एक कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के
क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन पर स्पेशल असिस्टेंट, Bilal Bin Saqib ने बताया, "अमेरिका से प्रेरित होकर हम बिटकॉइन का रिजर्व बना रहे हैं।" पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तन ने क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर कुछ बड़े उपाय किए हैं। पिछले कई वर्षों से आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान ने बिटकॉइन माइनिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) डेटा सेंटर्स के लिए 2,000 MW की सरप्लस इलेक्ट्रिसिटी भी उपलब्ध कराने की जानकारी दी थी। साकिब ने बताया कि इस रिजर्व के लिए पाकिस्तान में एक बिटकॉइन वॉलेट बनाया जाएगा जिसमें सरकार की कस्टडी में डिजिटल एसेट्स को रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस रिजर्व में शामिल बिटकॉइन की बिक्री नहीं की जाएगी।
हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और चीन और सऊदी अरब जैसे देशों से अरबों डॉलर का कर्ज लेने वाला पाकिस्तान इस क्रिप्टो रिजर्व के लिए फंड का इंतजाम कैसे करेगा। अमेरिका के स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व में सरकार की ओर से जब्त किए गए
बिटकॉइन को शामिल किया जाएगा। ट्रंप ने जिस एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए हैं उसमें यह स्पष्ट किया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए टैक्सपेयर्स की रकम का इस्तेमाल नहीं होगा। इस ऑर्डर में यह भी कहा गया है कि स्ट्रैटेजिक रिजर्व में जमा किए गए बिटकॉइन को बेचा नहीं जाएगा। इसका मतलब है कि अमेरिका की सरकार बिटकॉइन की सप्लाई का एक हिस्सा सर्कुलेशन से बाहर करेगी।
एक अनुमान के अनुसार, अमेरिकी सरकार के पास 1,98,000 से अधिक बिटकॉइन हैं जिनकी वैल्यू 21.2 अरब डॉलर से अधिक की है। इन बिटकॉइन्स में से अधिकतर को अमेरिकी सरकार ने आपराधिक मामलों में जब्त किया था। इस सप्ताह की शुरुआत में ट्रंप की सोशल मीडिया कंपनी Trump Media and Technology Group ने भी बिटकॉइन में लगभग 2.5 अरब डॉलर (लगभग 21,416 करोड़ रुपये) का इनवेस्टमेंट करने का फैसला किया था। इस बिटकॉइन होल्डिंग के लिए Crypto.com और Anchorage Digital कस्टडी सर्विस उपलब्ध कराएंगे।