अल्फाबेट इंक की गूगल ने मंगलवार को बताया कि कंपनी ने ख़ासतौर पर भारत के लिए डिज़ाइन किए गए एक मोबाइल यूट्यूब ऐप्लिकेशन को रोलआउट किया है। कंपनी का लक्ष्य कमज़ोर इंटरनेट कनेक्शन वाले मार्केट में कंपनी की उपस्थिति मज़बूत करने का है।
यह ऐप ऑफलाइन केंद्रित है और ख़ासकर उन जगहों में बेहद ही कारगर साबित होगा जहां पर कनेक्टिविटी की समस्या है। यूज़र इस ऐप में किसी भी वीडियो को ऑफलाइन मोड में प्रिव्यू कर पाएंगे। और डेटा नहीं रहने की स्थिति में भी वे अपने करीबी दोस्तों से वीडियो को साझा कर सकेंगे। और वीडियो को डाउनलोड करके ऑफलाइन देख सकेंगे।
कंपनी कार्यकारी ने एक इंटरव्यू में कहा कि, इस
ऐप का बीटा वर्ज़न भारत में गूगल प्ले स्टोर पर रिलीज़ कर दिया गया है। और इसके बाद इस ऐप को दूसरे उभरते हुए बाज़ारों में भी जारी किया जाएगा।
( यह भी पढ़ें:
यूट्यूब गो ऐप से ऑफलाइन मोड में वीडियो देखना व शेयर करना हुआ आसान )
विश्लेषकों ने रिलायंस जियो के इंडस्ट्री में आने के बाद से वीडियो खपत में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखी है। टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने पिछले साल कम कीमत पर डेटा पेश किया जिसके बाद से सभी प्रतिद्वंदियों कंपनियों को भी कम कीमत वाले प्लान पेश करने पड़ गए।
एक अरब 30 लाख से ज्यादा लोग और ख़राब कनेक्टिविटी के चलते, भारत उभरते हुए बाज़ारों के लिए बन रहे विभिन्न प्रोडक्ट को टेस्ट करने के लिए एक सबसे सुनहरा स्थान रहा है।
ऐप 8.5 एमबी का है और यह एंड्रॉयड वी4.1 जेली बीन वर्ज़न के बाद के ओएस पर चलने वाले डिवाइस को सपोर्ट करता है। यूट्यूब गो ऐप में कई फ़ीचर ऑफलाइन ऐप से संबंधित हैं और कई डेटा मैनेजमेंट से भी जुड़े हैं। ऑफलाइन मोड में भी दोस्तों के साथ वीडियो साझा करने के अलावा यूज़र वीडियो को थंबनेल के ज़रिए प्रिव्यू कर सकेंगे। इसके अलावा अलग-अलग स्टोरेज में कितने डेटा की खपत होगी, यह भी जान सकते हैं।
रॉयटर्स की ख़बर के अनुसार, यूट्यूब के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंजीनियरिंग, जॉन हार्डिंग ने कहा, ''हमने लोगों से बात की, लेकिन वे यूट्यूब का कोई कमतर वर्ज़न नहीं चाहते थे, उन्होंने पूरा अनुभव लेने की बात कही।''
धीमे कनेक्शन पर वीडियो लोड करने की निराशा के बाद, यूट्यूब टीम ने ऑडियो के साथ वीडियो को तस्वीरों की एक सीरीज़ के रूप में दिखाना शुरू किया, जैसे कि स्लाइड शो। लेकिन भारतीय ग्राहकों ने इस फ़ीचर पर बहुत बेकार तरह प्रतिक्रिया जताई।
फाइनल डिज़ाइन से यूज़र को अपने क्षेत्र में ट्रेंड कर रहे वीडियो को खोज़ने में मदद मिलती है जबकि डेटा का इस्तेमाल कम होता है। यूज़र अब अपनी जरूरत के मुताबिक, वीडियो को देखने से पहले प्रिव्यू कर सकते हैं।
काउंटरपॉइंट टेक्नोलॉजी मार्केट रिसर्च के विश्लेषक नील शाह सवाल करते हैं कि रिलायंस जियो ने जहां भारत में वीडियो खपत को बढ़ावा दिया है, ऐसे में क्या यूट्यूब गो सस्ते डेटा प्लान आने के बाद भी लोकप्रिय हो पाएगा। उन्होंने ईमेल में लिखा कि, ''यूट्यूब गो भविष्य में सिर्फ फ़ीचर फोन या बेसिक फोन के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा।''
यूट्यूब में प्रोडक्ट लीड जय अक्कड़ ने कहा, 180 मिलियन मोबाइल यूज़र और हर साल 400 प्रतिशत तेजी से बढ़ रहे मोबाइल पर वीडियो देखने के समय ने भारत में यूट्यूब की उपस्थिति को मजबूत किया है।