• होम
  • ऐप्स
  • ख़बरें
  • WhatsApp थर्ड पार्टी चैट फीचर आने में अभी और देरी, Meta ने बताया कारण

WhatsApp थर्ड-पार्टी चैट फीचर आने में अभी और देरी, Meta ने बताया कारण

सोशल मीडिया कंपनी के मुताबिक, इंटरऑपरेबिलिटी के साथ तकनीकी चुनौतियां देरी के मुख्य कारण हैं।

WhatsApp थर्ड-पार्टी चैट फीचर आने में अभी और देरी, Meta ने बताया कारण
ख़ास बातें
  • WhatsApp को यूजर्स के लिए थर्ड-पार्टी चैट फीचर लाने में कुछ और समय लगेगा
  • प्लेटफार्म को तीन महीने के भीतर इसे रिलीज करने के लिए कहा गया था
  • Meta ने एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन आर्किटेक्चर लागू करने के लिए मांगा और समय
विज्ञापन
Meta ने बुधवार को बताया कि WhatsApp को यूजर्स के लिए थर्ड-पार्टी चैट फीचर लाने में कुछ और समय लगेगा। यूरोपीय संघ (EU) के 6 मार्च से लाइव हुए डिजिटल मार्केट एक्ट (DMA) के अनुसार, प्लेटफार्म को तीन महीने के भीतर क्षेत्र में व्यक्तिगत बातचीत में मैसेजिंग इंटरऑपरेबिलिटी की पेशकश करने की आवश्यकता है। हालांकि, थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर्स के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2EE) आर्किटेक्चर को लागू करने में लिमिटेशन्स का हवाला देते हुए, मेटा ने कहा कि यह मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को दिए गए समय से अधिक समय लेगा। कंपनी ने यह भी कहा कि ग्रुप चैट के साथ-साथ ऑडियो और वीडियो कॉलिंग जैसे फीचर्स 2024 के बाद ही संभव होंगे।

एक पोस्ट में, Meta ने अपने इंटरऑपरेबिलिटी फीचर्स के कामकाज के अन्य मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के साथ काम करने की प्लानिंग और उन लिमिटेशन्स पर रोशनी डालते हुए कहा कि कंपनी को अभी दिए गए समय से और अधिक समय चाहिए। टेक दिग्गज ने कहा कि वह लगभग दो वर्षों से इंटरऑपरेबिलिटी के लिए एक सिक्योरिटी और प्राइवेसी-फोकस्ड प्रोसेस को बना रहा है और उसने यूरोपीय आयोग से परामर्श किया है।

सोशल मीडिया कंपनी के मुताबिक, इंटरऑपरेबिलिटी के साथ तकनीकी चुनौतियां देरी के मुख्य कारण हैं। हालांकि, कंपनी का लक्ष्य साल के अंत तक व्यक्तिगत टेक्स्ट मैसेजिंग, वॉयस मैसेज, साथ ही एंड यूजर्स के बीच तस्वीरों, वीडियो और अन्य स्टोर्ड फाइल्स को शेयर करने की सुविधा देना है। हालांकि Meta ने कोई समयरेखा नहीं दी है। मेटा का कहना है कि ग्रुप चैट और कॉलिंग फीचर्स को लागू करना इसके प्लान में बना हुआ है।

WhatsApp के साथ इंटरऑपरेबिलिटी को संभव बनाने के लिए, थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर्स को थर्ड-पार्टी चैट को सक्षम करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होगी। तकनीकी बातों पर प्रकाश डालते हुए, पोस्ट में बताया गया कि WhatsApp एंड यूजर्स और सर्वर के बीच सभी डेटा को एन्क्रिप्ट करने के लिए नॉइज प्रोटोकॉल फ्रेमवर्क का उपयोग करता है। प्रोटोकॉल के एक भाग के रूप में, थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर्स को कुछ ऐसा करने की आवश्यकता होगी जिसे कंपनी 'नॉइज हैंडशेक' कहती है, जो JWT टोकन के साथ सर्वर पर पेलोड देना है।

वहीं, मेटा ने यह भी कहा कि जबतक डेटा WhatsApp के सर्वर में है और ट्रांजिट में है तो वह E2EE की जिम्मेदारी लेगा, लेकिन थर्ड-पार्टी के क्लाइंट द्वारा डेटा प्राप्त होने के बाद यह इसे सुनिश्चित नहीं कर सकता है।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Meta, WhatsApp
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. अनलिमिटेड डाटा, 22 OTT ऐप्स, 350+ TV चैनल, मात्र 1199 रुपये में Airtel दे रहा जमकर फायदे ही फायदे
  2. Flipkart Big Billion Days Sale 2025 में iPhone 16, 14 और 13 पर डिस्काउंट आया सामने, होगी हजारों में बचत
  3. हनी ट्रैप में फंसाकर कोलकाता के कारोबारी से 3 करोड़ रुपये से ज्यादा का क्रिप्टो स्कैम
  4. Oben की इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल्स पर 35,000 रुपये तक के बेनेफिट्स का ऑफर
  5. iPhone 17 vs Google Pixel 10 vs Vivo X200: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  6. चीन ने यहां भी बाजी मार ली! बनाया AI हाथ जो करेगा ऑपरेशन में मदद
  7. Amazon Great Indian Festival vs Flipkart Big Billion Days Sale 2025: यहां जानिए टाइमिंग, बैंक ऑफर और डील्स
  8. India vs Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच T-20 आज शुरू, जानें कब और कहां देखें लाइव प्रसारण
  9. Poco M7 Plus 5G के नए RAM वेरिएंट की भारत में 22 सितंबर से होगी बिक्री
  10. Wifi कवरेज की टेंशन खत्म, घर के कोने-कोने में हाई-स्पीड इंटरनेट, वो भी 99 रुपये में!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »