Google की बिलिंग से नाराज शार्क टैंक के जज अनुपम मित्तल, PMO से लगाई गुहार

गूगल पर इससे पहले भी कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया ( CCI) के ऑर्डर का उल्लंघन करने का आरोप लग चुका है

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 24 अप्रैल 2023 21:37 IST
ख़ास बातें
  • गूगल ने ऐप डिवेलपर्स के लिए बिलिंग के तरीके में बदलाव किया है
  • CCI ने कंपनी को ऐप डिवेलपर्स के लिए अनुचित शर्त नहीं लागू करने को कहा था
  • ऐप डिवेलपर्स ने गूगल के कमीशन वसूलने के तरीको को गलत बताया है

पिछले कुछ महीनों से गूगल को विवादों का सामना करना पड़ रहा है

इंटरनेट सर्च इंजन Google को पिछले कुछ महीनों से भारत में विवादों का मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। शार्क टैंक इंडिया के जज और कारोबारी Anupam Mittal ने गूगल के बिलिंग सिस्टम को "गैर कानूनी" करार देते हुए इसे चलाने वाली Alphabet को 'डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी' बताया है। उन्होंने कहा कि गूगल ने देश के कानूनों का उल्लंघन किया है। 

इसके साथ ही मित्तल ने उम्मीद जताई कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "गूगल से कॉल आई है जिसमें भारतीय डिवेलपर्स के लिए उनकी पेमेंट्स को अनिवार्य बताया गया है। यह भारतीय कानूनों का उल्लंघन है। मुझे उम्मीद है कि 'PMO' इस पर ध्यान देगा। यह डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी है।" हाल ही में गूगल की ओर से पॉलिसी में बदलाव किया गया था। गूगल के वैकल्पिक बिलिंग सिस्टम को चुनने पर भी सर्विस फीस चुकानी होगी लेकिन यह स्टैंडर्ड फीस की तुलना में चार प्रतिशत कम होगी। 

गूगल पर इससे पहले भी कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया ( CCI) के ऑर्डर का उल्लंघन करने और वैकल्पिक बिलिंग सिस्टम को चुनने वाले ऐप डिवेलपर्स से 11-26 प्रतिशत तक कमीशन वसूलने का आरोप लगा था। अलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF) ने CCI सहित अथॉरिटीज से इस मामले को देखने और यह सुनिश्चित करने का निवेदन किया था कि गूगल इस ऑर्डर का पूरी तरह पालन करे। 

डिजिटल स्टार्टअप्स से जुड़े पॉलिसी थिंक टैंक ADIF ने एक स्टेटमेंट में कहा था, "हाल ही में गूगल ने ऐप डिवेलपर्स के लिए बिलिंग के तरीके में बदलाव किया है। कंपनी ने बताया है है कि अगर कोई यूजर वैकल्पिक बिलिंग सिस्टम के जरिए भुगतान करता है तो Google play की सर्विस फीस चार प्रतिशत घट जाएगी। इससे गूगल की सर्विस का इस्तेमाल नहीं करने पर भी ऐप डिवेलपर्स को कंपनी को कमीशन चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।" ADIF का कहना था कि इससे CCI के ऑर्डर का गूगल पूरी तरह से उल्लंघन कर रही है।  CCI ने कंपनी को निर्देश दिया था कि उसे ऐप डिवेलपर्स पर ऐसी कोई शर्त नहीं लगानी चाहिए जो अनुचित या भेदभाव वाली हो। इसका कोई कारण नहीं बताया गया है कि यूजर के थर्ड-पार्टी प्रोसेसिंग सर्विस का इस्तेमाल करने पर भी कंपनी 11-26 प्रतिशत की कमीशन क्यों ले रही है। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. क्रिप्टो मार्केट पर सख्ती कर सकती है सरकार, RBI के सपोर्ट वाली डिजिटल करेंसी होगी लॉन्च
  2. दिवाली से पहले Flipkart Big Festive Dhamaka में मात्र 56 हजार में iPhone 16, 16 Pro, 16 Pro Max पर जबरदस्त डील
  3. UPI से पेमेंट्स हुई आसान, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की मिलेगी सुविधा
#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में Tesla की धीमी रफ्तार, सितंबर में Model Y की सिर्फ 60 यूनिट्स की डिलीवरी
  2. मारूति सुजुकी की e-Vitara को दिसंबर में लॉन्च करने की तैयारी
  3. UPI से पेमेंट्स हुई आसान, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की मिलेगी सुविधा
  4. WhatsApp, Signal और Telegram के छूटेंगे पसीने? Arattai लेकर आ रहा है ये सिक्योरिटी फीचर
  5. Oppo Find X9 Ultra में मिल सकते हैं 2 टेलीफोटो कैमरा
  6. 6 महीनों में पेट्रोल जितनी सस्ती होंगी इलेक्ट्रिक कारें, भारत बनेगा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में लीडर!
  7. क्रिप्टो मार्केट पर सख्ती कर सकती है सरकार, RBI के सपोर्ट वाली डिजिटल करेंसी होगी लॉन्च
  8. Lava Shark 2 में मिलेगी 50 मेगापिक्सल AI ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट
  9. WhatsApp कर रहा स्टेटस अपडेट के नए फीचर पर काम, टेस्टिंग शुरू, जानें क्या होगा बदलाव
  10. AI वीडियो जनरेशन की जंग में कूदे Elon Musk, अब Grok बनाएगा फिल्म, जानें कब होगी रिलीज?
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.