पेमेंट में कटौती! Blinkit के 1000 राइडर्स ने छोड़ी कंपनी, स्विगी, जेप्टो में किया जॉइन

Blinkit : डिलीवरी एक्जीक्यूटिव्‍स के विरोध के चलते दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में ब्लिंकिट के कई डार्क स्टोर और माइक्रो वेयरहाउस कुछ दिनों के लिए बंद हो गए थे।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 24 अप्रैल 2023 16:35 IST
ख़ास बातें
  • ब्लिंकिट ने पेमेंट में कटौती की, तो राइडर्स ने छोड़ी कंपनी
  • प्रतिद्वंदी कंपनियों में जॉइन किया
  • प्रतिद्वंदी कंपनियों के ऑर्डर्स में भी बढ़ोतरी देखी गई

Blinkit : ब्लिंकिट के पास दिल्ली-एनसीआर में ऐसे करीब 200 गोदाम हैं, जिनकी मदद से वह 2 से 3 किमी के दायरे में कस्‍टमर्स तक डिलिवरी पहुंचाता है।

पहले ग्रोफर्स अब ब्लिंकिट (Blinkit) के नाम से पहचाना जाने वाला ग्रॉसरी डिलिवरी ऐप इन दिनों सुर्खियों में है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्लिंकिट के करीब एक हजार डिलीवरी एक्जीक्यूटिव्‍स ने कंपनी छोड़ दी है। ये सभी स्विगी इंस्टामार्ट, जेप्टो और बीबी नाउ जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में शामिल हो गए हैं। ब्लिंकिट के डिलीवरी एक्जीक्यूटिव्‍स ने यह फैसला पेआउट स्ट्रक्चर में किए गए बदलाव के विरोध में लिया है। इकॉनमिक टाइम्‍स ने इंडस्‍ट्री एक्‍जीक्‍यूटिव्‍स के हवाले से यह बताया है। 

रिपोर्ट के अनुसार, पेआउट स्ट्रक्चर में बदलाव के बाद से कंपनी के डिलीवरी एक्जीक्यूटिव्‍स हड़ताल पर चले गए थे। एक हफ्ते तक उन्‍होंने विरोध जताया और फ‍िर करीब एक हजार डिलीवरी एक्जीक्यूटिव्‍स ने दूसरी कंपनियों का हाथ थाम लिया! रिपोर्ट बताती है कि ब्लिंकिट ने डिलिवरी एक्‍जीक्‍यूटिव्‍स को किए जाने वाले पेमेंट में कटौती कर दी है। मिनिमम पेमेंट को 15 रुपये प्रति ट्र‍िप कर दिया है, जो पहले 25 रुपये प्रति ड‍िलिवरी फ‍िक्‍स्‍ड था और पीक आवर में 7 रुपये प्रति ट्रिप इंसेंटिव दिया जाता था।  

डिलीवरी एक्जीक्यूटिव्‍स के विरोध के चलते दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में ब्लिंकिट के कई डार्क स्टोर और माइक्रो वेयरहाउस कुछ दिनों के लिए बंद हो गए थे। कंपनी इन्‍हें दोबारा शुरू कर रही है। ब्लिंकिट के पास दिल्ली-एनसीआर में ऐसे करीब 200 गोदाम हैं, जिनकी मदद से वह 2 से 3 किमी के दायरे में कस्‍टमर्स तक डिलिवरी पहुंचाता है। 

रिपोर्ट के अनुसार, ब्लिंकिट के पास हड़ताल से पहले दिल्ली-एनसीआर में करीब 3,000 डिलीवरी एक्जीक्यूटिव थे। उनमें से लगभग एक-तिहाई अन्य कंपनियों में शामिल हो गए हैं। यह नहीं पता कि कंपनी के पास अभी कितने एक्‍जीक्‍यूटिव्‍स हैं, क्‍योंकि वह नए लोग भी जोड़ रही है। रिपोर्ट में ब्लिंकिट के एक पूर्व डिलीवरी एक्जीक्यूटिव से भी बात की गई है। 

उनके मुताबिक, हमें उम्‍मीद थी कि कंपनी पुराने रेट कार्ड पर वापस आ जाएगी। ऐसा नहीं होने पर मोहम्मद जाकिर ने जेप्टो के साथ काम करना शुरू कर दिया है। ब्लिंकिट ने जिस विरोध का सामना किया, उससे प्रतिद्वंदी कंपनियों को फायदा हुआ। ईटी की ही एक और रिपोर्ट के अनुसार, हड़ताल की वजह से बिगबास्केट, जिप्टो और इंस्टामार्ट के ऑर्डर्स में 25 से 50 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। हड़ताल की वजह से जिन 100 ब्लिंकिट स्टोर्स को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा था, वह अब खुल गए हैं। गौरतलब है कि ब्लिंकिट का मालिकाना हक जोमैटो के पास है। 

 

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