भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग साइट Koo तेजी से पॉपुलर हो रही है और इसने 5 करोड़ डाउनलोड के आंकड़े को पार कर लिया है। एक तरफ जहां Twitter के नए मालिक एलन मस्क के बदलाव यूजर्स को पसंद नहीं आ रहे हैं, भारतीय ऐप कू के यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। साल की शुरुआत से लेकर अब तक कू के यूजर्स टाइम में भी बढ़ोत्तरी हुई है, यानि अब यूजर्स ऐप पर ज्यादा समय बिताने लगे हैं। कू एक मल्टीलिंगुअल ऐप है, यानि आप कई भाषाओं में इस पर ब्लॉगिंग कर सकते हैं।
Koo के पांच करोड़ डाउनलोड पूरे होने की घोषणा करते हुए प्लेटफॉर्म के सीईओ और को-फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि ऐप ने एक नया माइलस्टोन पार कर लिया है। इससे पता चलता है कि भारत जैसे विभिन्न भाषाओं वाले देश में ऐप को खूब पसंद किया जा रहा है, जो खासकर भारतीय यूजर्स को ध्यान में रखकर ही डिजाइन किया गया है। उन्होंने कहा यूजर्स का ऐप को तेजी से अपनाना बताता है कि करोड़ों लोगों को ऐप में अपनी समस्याओं का समाधान मिल रहा है।
सपोर्टेड लैंग्वेज की बात करें तो कू हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू,
असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत
10 भाषाओं में उपलब्ध है। ऐप पर 7 हजार 500 से ज्यादा सिलेब्रिटी और मशहूर हस्तियां भी मौजूद हैं। ऐप की खास बात है कि ये सभी लोग अपने खास मौकों जैसे त्यौहारों आदि पर अपनी लोकल लैंग्वेज में पोस्ट करते हैं। सीईओ ने आगे बताया कि भारत में 80 करोड़ इंटरेनट यूजर्स ऐसे हैं जो अपने पोस्ट में अपनी लोकल लैंग्वेज का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। ऐप का मकसद ऐसे ही लोगों, यानि कि भारतीय जनसंख्या के लगभग 90 प्रतिशत हिस्से को अभिव्यक्ति की आजादी देना है।
ऐप के फीचर्स के बारे में बताते हुए अप्रमेय राधाकृष्णन ने कहा कि इसमें मल्टी लैंग्वेज कीबोर्ड, 10 भाषाओं में टॉपिक, लैंग्वेज ट्रांसलेशन, एडिट और फ्री सेल्फ वैरिफिकेशन जैसे फीचर्स हैं। आने वाले समय में ऐप में और अधिक फीचर्स जोड़ने की बात कही गई है ताकि इसके इस्तेमाल को और अधिक सुविधापूर्ण बनाया जा सके। ऐप को मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था। ऐप का खास फीचर इसका ट्रांसलेशन बताया गया है जो किसी टेक्स्ट में छिपे भाव को खोए बिना रियल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर सकता है।