• होम
  • एआई
  • ख़बरें
  • अब कैमरे के बिना पता लग जाएगा कमरे में हैं कितने लोग, प्राइवेसी पर बड़ा अटैक!, जानें क्या है Who Fi ?

अब कैमरे के बिना पता लग जाएगा कमरे में हैं कितने लोग, प्राइवेसी पर बड़ा अटैक!, जानें क्या है Who-Fi ?

Who-Fi एक एडवांस टेक्नोलॉजी है जो बिना किसी विजुअल इनपुट के इंसानों की पहचान और ट्रैकिंग के लिए AI का उपयोग करती है।

अब कैमरे के बिना पता लग जाएगा कमरे में हैं कितने लोग, प्राइवेसी पर बड़ा अटैक!, जानें क्या है Who-Fi ?

Photo Credit: Unsplash/Dreamlike Street

वाई-फाई टेक्नोलॉजी में नया इजाफा हुआ है।

ख़ास बातें
  • Who-Fi की चर्चा इंटरनेट पर जोरों शोरों से चल रही है।
  • Who-Fi एक एडवांस टेक्नोलॉजी है जो इंसानों की पहचान करती है।
  • Who-Fi सिस्टम के लिए एक सिंगल-एंटीना ट्रांसमीटर की जरूरत होती है।
विज्ञापन

Who-Fi की चर्चा इंटरनेट पर जोरों शोरों से चल रही है। अब हर किसी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि Who-Fi क्या है और यह कैसे काम करता है। दरअसल Who-Fi एक एडवांस टेक्नोलॉजी है जो बिना किसी विजुअल इनपुट के इंसानों की पहचान और ट्रैकिंग के लिए AI का उपयोग करती है। फिलहाल यह टेक्नोलॉजी प्रयोग स्तर पर है और दुनिया में लोगों के बीच टेस्टिंग होना बाकी है। हालांकि, रिसर्च पेपर से खुलासा हुआ है कि इस कॉन्सेप्ट का उपयोग किसी भी साधारण वाई-फाई सिग्नल को बायोमेट्रिक स्कैनर में बदलने के लिए किया जा सकता है। इससे किसी इंसान की एक्टिविटी और एक्टिव स्टेटस को ट्रैक किया जा सकता है और इसके साथ-साथ उनके यूनिक बायोमेट्रिक सिग्नेचर की भी पहचान हो सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Who-Fi कैसे करता है काम


ऑनलाइन प्रीप्रिंट जर्नल arXiv में छपे रिसर्च पेपर के अनुसार, 2.4GHz वाई-फाई सिग्नल का उपयोग इंसानों की पहचान और ट्रैकिंग के लिए हो सकता है। ये पहचान ऑथेंटिकेशन और मॉनिटर दोनों में अहम भूमिका निभाते हैं। हालांकि, यह टेक्नोलॉजी डिजिटल प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर नई चिंताएं भी पैदा कर रही है।

Who-Fi सिस्टम एक वाई-फाई सिग्नल और एक ट्रांसफॉर्मर बेस्ड न्यूरल नेटवर्क के कॉम्बिनेश पर काम करता है। यह LLM "चैनल स्टेट इन्फॉर्मेशन" (CSI) नामक की चीज का विश्लेषण करते हुए समझता है। यह वाई-फाई सिग्नल की पावर और फेज में होने वाले बदलावों को मॉनिटर करता है क्योंकि ये कमरे में इधर-उधर बाउंस करते हैं और किसी व्यक्ति के शरीर से रिफ्लेक्ट होते हैं। इसे रडार और सोनार सिग्नल द्वारा ट्रांसमिटेड सिग्नल के तौर पर समझा जा सकता है।

ऐसे में जब भी कोई व्यक्ति वाई-फाई सिग्नल के पास होता है, तो सिग्नल के नेचुरल पथ में एक अनोखा पैटर्न बनता है। यह पैटर्न इंसानों के अन्य बायोमेट्रिक संकेतों जैसे उंगलियों के निशान, चेहरे के पैटर्न और रेटिना की संरचना जैसा ही सटीक माना जाता है। Who-Fi सिस्टम इस संकेत को पहचान सकता है और इसे इंसानों से जोड़ सकता है।

एक बार इन संकेतों पर ट्रेन होने के बाद सिस्टम इसानों की एक्टिविटी पर नजर रख सकता है और लंबे समय के बाद नेटवर्क एरियार में दोबारा एंट्री करने पर भी उनकी पहचान कर सकता है। यह शरीर की एक्टिविटी का डेटा भी कैप्चर कर सकता है और साइन लैंग्वेज को पहचान सकता है। इस सिस्टम की खासियत यह है कि यह बिना किसी विजुअल या ऑडिटरी सेंसर जैसे कि कैमरा और माइक्रोफोन के काम करता है।

स्टडी के अनुसार, Who-Fi सिस्टम के लिए एक सिंगल-एंटीना ट्रांसमीटर और थ्री-एंटीना रिसीवर की जरूरत होती है, जिससे इसे लगाना सस्ता पड़ता है। सबसे खास बात यह है कि रिसर्चर ने देखा कि Who-Fi ने टारगेट के दीवार के पीछे होने और उसके सामान्य गति से चलने के बावजूद भी 95.5 प्रतिशत सटीक परिणाम दिए। ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति के कपड़े बदलने या बैकपैक पहनने पर भी इसकी सटीकता में कोई बदलाव नहीं आता। एक ही सिस्टम एक साथ 9 इंसानों की पहचान और ट्रैकिंग कर सकता है।

Who-Fi में हाई सिक्योरिटी फीचर हैं, जिसका मतलब है कि किसी मॉनिटर टेक्नोलॉजी द्वारा इसका पता लगाना बहुत मुश्किल है। यह इसलिए भी हो पाया है क्योंकि इस सिस्टम में कोई हार्डवेयर नहीं है और इसमें कोई खास एमिशन पैटर्न, इन्फ्रारेड, रडार या विजिबल स्पेक्ट्रम लाइट नहीं है जिसका पता लगाया जा सके। इसके अलावा पेसिव रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) के चलते Who-Fi आसानी से छिप सकता है।

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , AI
साजन चौहान

साजन चौहान Gadgets 360 में सीनियर सब एडिटर हैं। उन्हें विभिन्न प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo V60 जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,500mAh हो सकती है बैटरी
  2. WhatsApp पर भी तैयार कर सकते हैं AI इमेज, बस करना होगा ये छोटा सा काम
  3. Redmi Note 14 SE 5G भारत में लॉन्च: 6GB रैम, 5010mAh बैटरी और Dolby Vision सपोर्ट, जानें कीमत
  4. टेक कंपनियों ने हजारों लोगों को नौकरी से निकाला, AI आपके लिए भी खतरा?
  5. Google Maps को फॉलो करना पड़ा भारी, महिला की कार खाई में जा गिरी
  6. itel ने पहला किफायती AI फोन Super Guru 4G Max किया लॉन्च, जानें सबकुछ
  7. अब कैमरे के बिना पता लग जाएगा कमरे में हैं कितने लोग, प्राइवेसी पर बड़ा अटैक!, जानें क्या है Who-Fi ?
  8. Realme 15 Pro 5G vs OnePlus Nord 5 vs Poco F7: खरीदने से पहले जानें कौन सा बेस्ट?
  9. 50MP कैमरा, 5200mAh बैटरी वाले Honor फोन की गिरी कीमत, 14 हजार से भी ज्यादा सस्ता खरीदें
  10. Tata Motors की Harrier इलेक्ट्रिक के लिए 6 महीने से ज्यादा की वेटिंग 
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »