क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाकई सभी बीमारियों का इलाज ढूंढ सकता है? DeepMind के CEO और AI साइंटिस्ट Demis Hassabis का जवाब है, “हां, बिल्कुल।” हाल ही में CBS 60 Minutes को दिए एक इंटरव्यू में Hassabis ने कहा कि अगर सब कुछ सही दिशा में चलता रहा, तो AI अगले 10 सालों में दुनिया की हर बीमारी के इलाज का रास्ता दिखा सकता है।
Hassabis का यह स्टेटमेंट सिर्फ थ्योरी नहीं है। उनकी कंपनी DeepMind पहले ही AlphaFold जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुकी है, जिसने लाखों प्रोटीन स्ट्रक्चर को बेहद सटीकता से प्रेडिक्ट किया है। यह वही तकनीक है जिससे दवाओं के विकास में सालों लगने वाला काम अब कुछ महीनों में हो सकता है।
CBS को दिए गए
इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “हमारा मकसद है रेडिकल अबंडेंस, यानि मेडिकल रिसोर्सेज और इलाज की भरमार, ताकि हेल्थकेयर महंगे इलाज या लंबी वेटिंग लिस्ट पर न टिका रहे।” उन्होंने यह भी माना कि ये सब एकदम आसान नहीं होगा, लेकिन AI की स्पीड और सटीकता अगर कंट्रोल में रही, तो अगले दशक में मेडिकल साइंस पूरी तरह बदल सकती है।
TIME मैगजीन के साथ एक बातचीत में Hassabis ने यह भी जोड़ा कि DeepMind और Google की पैरेंट कंपनी Alphabet, अब AI को सिर्फ टेक इंडस्ट्री तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि इसका असली टारगेट है हेल्थ और साइंस जैसे कोर सेक्टर्स।
हालांकि उन्होंने AI के रिस्क्स को लेकर भी क्लियर बात की। Hassabis का कहना है कि अगर AI का दुरुपयोग हुआ, या इसे बिना रेगुलेशन के छोड़ दिया गया, तो यह सिस्टम हानिकारक भी साबित हो सकता है। इसलिए टेक्नोलॉजी के साथ-साथ एक नैतिक और रेगुलेटेड फ्रेमवर्क भी जरूरी है। DeepMind का यह विजन दिखाता है कि आने वाले सालों में मेडिकल और फार्मा इंडस्ट्री में AI का रोल सिर्फ सपोर्टिव नहीं, बल्कि सेंटरल हो सकता है।