वैज्ञानिकों का काम खत्‍म! AI भी कर सकता है सौर तूफान की भविष्‍यवाणी

एक नई स्‍टडी में कहा गया है कि AI, पिछले साल मई में पृथ्वी पर आए शक्तिशाली सौर तूफान (solar storm) की भविष्यवाणी कर सकता था।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 3 फरवरी 2025 13:21 IST
ख़ास बातें
  • एआई कर सकता है सौर तूफान की भविष्‍यवाणी
  • एक स्‍टडी में वैज्ञानिकों ने किया दावा
  • 2024 में आए सौर तूफान का लगा सकता था पता

अगर भविष्‍य में एआई, सौर तूफान की भविष्‍यवाणी कर पाया तो यह बड़ी कामयाबी होगी।

क्‍या आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस (AI) का दखल विज्ञान के क्षेत्र में भी बढ़ सकता है। एक नई स्‍टडी में कहा गया है कि AI, पिछले साल मई में पृथ्वी पर आए शक्तिशाली सौर तूफान (solar storm) की भविष्यवाणी कर सकता था। वह तूफान सूर्य पर एक्टिव AR13664 नाम के सनस्‍पॉट से निकला था। जेनोआ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का मानना है कि ऐतिहासिक सौर घटनाओं पर एआई को ट्रेनिंग दी जाए तो वह कोरोनल मास इजेक्शन (CME) से पहले के पैटर्नों की पहचान कर सकता है। सूर्य से निकलने वाले CME ही सौर तूफान का रूप ले लेते हैं।  

अगर भविष्‍य में एआई, सौर तूफान की भविष्‍यवाणी कर पाया तो यह बड़ी कामयाबी होगी। मौजूदा वक्‍त में वैज्ञानिक जिन तकनीकों और पद्धतियों का इस्‍तेमाल करते हैं मसलन-सोलर इमेज और डेटा, उससे सौर तूफान का सटीक आकलन नहीं हो पाता है। 

स्‍टडी में कहा गया है कि एडवांस होती तकनीक के बावजूद सोलर फ्लेयर का अनुमान लगाने और CME के पृथ्‍वी तक पहुंचने के पूर्वानुमान में अनश्चि‍तता बनी हुई है। स्‍टडी कहती है कि एआई मॉडल, सौर इमेजेस और अन्य अंतरिक्ष संबंधित मौसमी पैरामीटर्स को बड़ी मात्रा में प्रोसेस करता है। यह हमारे सौर मंडल के बिहेवियर के छोटे बदलावों को भी नोट करता है। एआई, सूर्य से निकलने वाले CME की यात्रा के टाइम की भी सटीक भविष्‍यवाणी कर सकता है।   
 

कोरोनल मास इजेक्शन (CME)

कोरोनल मास इजेक्शन या CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्‍तार होता है और अक्‍सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्‍वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्‍नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्‍यादा होने पर ये पृथ्‍वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं। 
 
 

सोलर फ्लेयर

जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद एनर्जेटिक पार्टिकल्‍स प्रकाश की गति से अपना सफर तय करते हैं। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. दुनिया के सबसे रईस शख्स बने Oracle के चेयरमैन Larry Ellison, बिलिनेयर Elon Musk को पीछे छोड़ा
#ताज़ा ख़बरें
  1. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के बाद Zupee ने की 30 प्रतिशत वर्कर्स की छंटनी
  2. Apple की नई iPhone 17 सीरीज को 10 मिनट में कस्टमर्स तक पहुंचाएगी Blinkit!
  3. Samsung Galaxy S26 Ultra में मिल सकता है अलग डिजाइन वाला रियर कैमरा मॉड्यूल
  4. 6,000mAh की बैटरी के साथ लॉन्च हुआ Itel Super 26 Ultra, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  5. Realme P3 Lite 5G के भारत में प्राइस का खुलासा, इस सप्ताह होगा लॉन्च
  6. दुनिया के सबसे रईस शख्स बने Oracle के चेयरमैन Larry Ellison, बिलिनेयर Elon Musk को पीछे छोड़ा
  7. Acer ने स्टूडेंट और बजट यूजर्स के लिए पेश किया नया लैपटॉप Nitro V 15, जानें कीमत और खासियतें
  8. Xiaomi 16 में मिल सकती है 7,000mAh की बैटरी, इस महीने लॉन्च की तैयारी
  9. Samsung Galaxy F17 5G भारत में 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ लॉन्च, जानें क्या है खास
  10. Samsung ने लॉन्च किए नए सिंगल डोर रेफ्रिजरेटर, 5 स्टार रेटिंग के साथ स्टाइल डिजाइन, कीमत ₹19,999 से शुरू
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.