UPI की लोकप्रियता तेजी से बढ़ने के साथ दुनिया में डिजिटल ट्रांजैक्शंस में भारत का योगदान लगभग 46 प्रतिशत हो गया है। PwC की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 12 वर्षों में रिटेल डिजिटल पेमेंट्स में लगभग 90 गुणा की बढ़ोतरी हुई है। NPCI की योजना में UPI के फीचर्स बढ़ाना भी शामिल है। पिछले वर्ष दिसंबर में UPI के जरिए ट्रांजैक्शंस की कुल वैल्यू लगभग 23.25 लाख करोड़ रुपये की थी।
शनिवार को दोपहर के समय भारत में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) सर्विसेज डाउन हो गईं। सर्विस ठप पड़ जाने के कारण यूजर्स को पेमेंट करने में परेशानी होने लगी। इसी दौरान Phone pe, Google Pay, Paytm जैसे ऐप यूजर्स को पेमेंट करने में असुविधा होने लगी। आउटेज ट्रैक करने वाली वेबसाइट Downdetector ने भी इसकी जानकारी दी। हालांकि कुछ समय बाद यूपीआई की सर्विसेज फिर से शुरू हो गईं।
NPCI ने बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा है कि वे 1 अप्रैल से इनएक्टिव मोबाइल नंबर से लिंक UPI आईडी हटाएं। NPCI के अनुसार, यूपीआई आईडी से लिंक इनएक्टिवेटेड मोबाइल नंबर सिक्योरिटी के लिए खतरा हैं। ऐसे में अगर यूजर्स अपने बैंक डिटेल्स को अपडेट किए बिना अपने मोबाइल नंबर बदलते या इनएक्टिवेटेड करते हैं तो उन्हें खतरा हो सकता है क्योंकि फिर से असाइन किए गए नंबर अभी भी पिछले यूपीआई अकांट से लिंक हो सकते हैं।
UPI पेमेंट्स की सुविधा उपलब्ध कराने वाले Google Pay पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए बिल का भुगतान करने पर कन्विनिएंस फीस चुकानी होगी। इससे पहले Google Pay पर मोबाइल रिचार्ज के लिए तीन रुपये की सर्विस देनी होती थी। इस प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रिसिटी, वॉटर और गैस जैसे बिलों के भुगतान के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के अलावा कन्विनिएंस फीस देनी होगी।
भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Jio ने गणतंत्र दिवस के मौके पर ग्राहकों को एक बड़ा तोहफा दिया है। जियो ने अपनी जियोसाउंडपे (Jio SoundPay) सर्विस लॉन्च की है। जियोसाउंडपे के जरिए यूजर्स अब UPI पेमेंट्स का अलर्ट अपने फोन पर ही पा सकेंगे। Jio SoundPay सर्विस JioBharat फोन पर फ्री रहेगी। यूजर बिना किसी साउंड बॉक्स की जरूरत के पेमेंट अलर्ट रिसीव कर सकेंगे।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने मंगलवार को WhatsApp Pay पर UPI से जुड़े यूजर्स को जोड़ने की लिमिट हटा दी है। इससे देश में वॉट्सऐप के सभी यूजर्स को ये पेमेंट सर्विसेज मिल सकेंगी। इससे पहले NPCI ने WhatsApp Pay को चरणबद्ध तरीके से अपने UPI से जुड़े यूजर्स की संख्या बढ़ाने की अनुमति दी थी। वॉट्सऐप के लिए 10 करोड़ यूजर्स की लिमिट थी। इस लिमिट को NPCI ने हटा दिया है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पेटीएम को इसके लिए हरी झंडी दी है। कुछ महीने पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से पेटीएम की बैंकिंग यूनिट पर बैन लगाया गया था। इस बैन का कारण कम्प्लायंस से जुड़े मुद्दे थे। इसके बाद पेटीएम के शेयर प्राइस में भारी गिरावट हुई थी। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में इसमें कुछ रिकवरी हुई है।
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपना अपडेटेड जियोफाइनेंस ऐप लॉन्च कर दिया है। करीब 4 महीने पहले ऐप का बीटा वर्जन पेश किया गया था। कंपनी का कहना है कि तब से अबतक ऐप को 60 लाख यूजर्स डाउनलोड कर चुके हैं। यूजर्स से मिले फीडबैक के बाद नए ऐप को तैयार किया गया है, जोकि गूगल प्ले स्टोर, ऐप स्टोर और माईजियो से डाउनलोड किया जा सकेगा। JioFinance App का मुकाबला Paytm, phonepe, google Pay जैसे ऐप्स से होगा।
इससे श्रीलंका और मॉरीशस की यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए UPI सर्विस उपलब्ध होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे मॉडर्न डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ ऐतिहासिक संबंधों को जोड़ने वाला बताया है
डिजिटल रुपये का दायरा भी बढ़ रहा है। इससे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को पिछले वर्ष के अंत तक इसकी प्रति दिन 10 लाख ट्रांजैक्शंस का टारगेट पूरा करने में आसानी हुई है
पिछले वर्ष एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने कुछ मर्चेंट्स के खिलाफ हो रही जांच को लेकर Paytm से जानकारी मांगी थी। ED ने पेटीएम को चलाने वाली One 97 Communications के कुछ परिसरों की तलाशी ली थी
पेमेंट्स सर्विस का इस्तेमाल आसान बनाने के लिए WhatsApp ने हाल ही में अपनी चैट एप्लिकेशन को एक नए सिंबल के साथ अपडेट किया था। इससे इस सर्विस के लिए साइन करने वाले लोग ऐप में आसानी से फंड भेज सकेंगे और प्राप्त कर सकेंगे
भारतीय नागरिकों का यह डेटा अनसिक्योर्ड Amazon Web Services (AWS) S3 bucket में स्टोर था। एस3 बकैट दुनियाभर में क्लाउड स्टोरेज का एक पॉपुलर फॉर्म है, लेकिन इसके लिए डेवलपर्स को अपने अकाउंट पर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल लगाने की जरूरत होती है।
कहा जाता है कि यह फीचर अभी तक भारत में 10 मिलियन यानी 1 करोड़ से अधिक यूज़र्स तक पहुंच गया है। WhatsApp Payments सर्विस मोबाइल लेनदेन को सक्षम करने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का उपयोग करती है।