• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • NASA के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (MRO) को मंगल पर दिखा धूल में दबा यह स्पेसक्राफ्ट!

NASA के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (MRO) को मंगल पर दिखा धूल में दबा यह स्पेसक्राफ्ट!

MRO के HiRISE कैमरा ने ये तस्वीरें ली हैं।

NASA के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (MRO) को मंगल पर दिखा धूल में दबा यह स्पेसक्राफ्ट!

Photo Credit: NASA/JPL

NASA के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर ने रिटायर्ड स्पेसक्राफ्ट इनसाइट लैंडर को स्पॉट किया।

ख़ास बातें
  • गुजरते समय के साथ इनसाइट लैंडर के सौर पैनल्स पर धूल जमती चली गई।
  • यह स्पेसक्राफ्ट अपने क्रियाकलाप के लिए सूर्य की रोशनी से पावर लेता था।
  • नवंबर 2018 से दिसंबर 2022 तक इनसाइट लैंडर ने मंगल पर यात्रा की।
विज्ञापन
NASA के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (Mars Reconnaissance Orbiter (MRO) को मंगल पर एक बहुत ही खास फोटो लेने का मौका मिला। इसने मंगल पर एजेंसी के स्पेसक्राफ्ट इनसाइट लैंडर (InSight lander) को देखा जो कि पूरी तरह से लाल ग्रह की धूल में ढका हुआ था। MRO के हाई-रेजॉल्यूशन इमेजिंग साइंस एक्सपेरीमेंट (HiRISE) कैमरा ने ये तस्वीरें ली हैं। तस्वीरें काफी ध्यान खींचती हैं और बताती हैं कि कैसे कुछ समय पहल मंगल पर एक्टिव रहा लैंडर अब ग्रह की लाल व भूरी सतह पर दब गया है। 

मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर द्वारा कैमरा में कैद की गई ये तस्वीरें सिर्फ तस्वीरें मात्र नहीं हैं। ये बताती हैं कि मंगल ग्रह पर वायुमंडल और उसका प्रभाव कैसा हो सकता है। नासा की JPL ने इसके बारे में बताते हुए कहा कि इनसाइट लैंडर के सौर पैनल महीन धूल की एक परत में ढके दिखाई देते हैं। यह वैसी ही रेत और धूल है जो कि पूरे ग्रह पर भी दिखाई देती है। 

नवंबर 2018 से दिसंबर 2022 तक इनसाइट लैंडर ने मंगल पर यात्रा की। यह स्पेसक्राफ्ट अपने क्रियाकलाप के लिए सूर्य की रोशनी से पावर लेता था। लेकिन गुजरते समय के साथ इसके सौर पैनल्स पर धूल जमती चली गई जिससे कि इसकी पावर जेनरेट कैपिसिटी कम होती चली गई। होते होते एक दिन यह बिल्कुल ठप हो गया। अब इस पर धूल जमती जा रही है। 

नासा के वैज्ञानिक इनसाइट लैंडर को अंतिम विदाई देना चाहते थे। साथ ही मकसद था कि अंतिम फोटो के माध्यम से पता चल सके कि गुजरते समय के साथ मंगल पर उड़ रही धूल वहां मौजूद चीजों के साथ कैसा बर्ताव करती है। इनसाइट लैंडर एजेंसी के उस पहले मिशन के रूप में कामयाब हुआ जिसने मंगल पर भूकंपों का पता लगाया। इसने ग्रह के भीतरी हिस्से के बारे में भी डेटा दिया जिसमें इसकी क्रस्ट, मेंटल और कोर के बारे में भी जानकारी शामिल थी। इनसाइट लैंडर ने मंगल पर चार साल तक सक्रिय रूप से काम किया। 

मंगल ग्रह पर धूल को स्टडी करना बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। मंगल पर मौजूद धूल इसके पर्यावरण को तैयार करने में अहम भूमिका निभाती है। यहां पर धूल के तूफान आते हैं जो इसके मौसम के पैटर्न पर असर डालते हैं। इसके अलावा इनसाइट लैंडर पर जमी धूल बताती है कि इसके जमने के कारण उल्का पिंडों के गिरने से बने गड्ढे और स्पेसक्राफ्ट्स के मंगल पर उतरने के कदमों के निशान भी मिट सकते हैं। वैज्ञानिकों को इससे समझने में मदद मिलेगी कि धूल यहां पर कितनी तेजी से किसी वस्तु पर जमती है और अहम चिह्नों को कैसे ढक सकती है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
Turbo Read

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Tesla ने बनाया रिकॉर्ड, चीन की फैक्टरी में 40 लाख EV की मैन्युफैक्चरिंग
  2. Xiaomi 17 जल्द होगा भारत में लॉन्च, इंटरनेशनल वेरिएंट की Geekbench पर लिस्टिंग
  3. OnePlus Pad Go 2 जल्द होगा लॉन्च, MediaTek Dimensity 7300 Ultra चिपसेट
  4. Ola Electric ने शुरू की 4680 Bharat Cell वाले S1 Pro+ की डिलीवरी
  5. Realme Narzo 90 Series 5G में मिल सकती है बड़ी बैटरी, भारत में जल्द होगा लॉन्च
  6. Apple के लिए 2026 रहेगा व्यस्त, इन iPhone के साथ टैबलेट और लैपटॉप होंगे पेश
  7. Starlink इंटरनेट कब होगा भारत में लॉन्च, जानें कीमत और प्लान से लेकर सबकुछ
  8. WhatsApp पर कैसे करें अंजान नंबरों को ब्लॉक, ये हैं स्टेप्स
  9. Motorola Edge 70 अगले सप्ताह होगा भारत में लॉन्च, 5,000mAh की बैटरी
  10. Jolla Phone हुआ 50 मेगापिक्सल कैमरा, 12GB RAM के साथ लॉन्च, जानें फीचर्स और कीमत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »