मंगल पर कहां से आए रंगीन बादल! नासा की यह फोटो कर रही हैरान

क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह के आकाश में रंगीन बादलों की अद्भुत तस्वीरें भेजी हैं जिनमें लाल और हरे रंग की छटा देखी जा सकती है।

मंगल पर कहां से आए रंगीन बादल! नासा की यह फोटो कर रही हैरान

नासा पिछले कई सालों से लाल ग्रह की सतह को अपने रोवर्स के जरिए टटोल रही है।

ख़ास बातें
  • यह घटना 17 जनवरी 2025 को रिकॉर्ड की गई थी
  • वीडियो में मंगल पर रंगीन बादलों को मंडराते देखा जा सकता है।
  • मंगल ग्रह के बादलों में सूखी बर्फ या जमी हुई कार्बन डाइऑक्साइड होती है।
विज्ञापन
मंगल एक ऐसा ग्रह है जिस पर दुनिया के सबसे ज्यादा खोजी अभियान चलाए जा रहे हैं। नासा पिछले कई सालों से इस लाल ग्रह की सतह को अपने रोवर्स के जरिए टटोल रही है। मंगल की धरती कैसी है, वहां का तापमान कैसा है, मंगल का वातावरण कैसा है, यह सब जानना प्रत्येक खगोल प्रेमी को उत्साहित जरूर करता होगा। ऐसे ही उत्साहियों के लिए नासा के रोवर ने अद्भुत नजारा मंगल से अपने कैमरा में कैद करके भेजा है। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल पर लाल-हरे रंग के बादलों को कैमरे में कैद किया है! तो क्या मंगल पर भी बादल मंडरा रहे हैं? क्या है इस तस्वीर का राज? आइए आपको विस्तार से बताते हैं। 

नासा ने एक बार फिर अंतरिक्ष प्रेमियों को चौंका दिया है। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह के आकाश में रंगीन बादलों की अद्भुत तस्वीरें भेजी हैं जिनमें लाल और हरे रंग की छटा देखी जा सकती है। ये बादल मंगल के वातावरण और जलवायु को समझने में मदद कर सकते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये इंद्रधनुषी बादल कार्बन डाइऑक्साइड की बर्फ से बने होते हैं और सूर्य की रोशनी के बिखरने के कारण चमकते हैं।

क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल की सतह पर विचरण करते हुए Mastcam की मदद से एक 16 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड किया था। यह घटना 17 जनवरी 2025 को रिकॉर्ड की गई थी जिसमें मंगल पर इन रंगीन बादलों को मंडराते देखा जा सकता है। मंगल पर हालांकि, वायुमंडल की संरचना अलग है, लेकिन मंगल ग्रह का भी अपना मौसमी पैटर्न है, बिल्कुल पृथ्वी की तरह। NASA का कहना है कि हमारे ग्रह के समान दिखने के बावजूद मंगल ग्रह के बादलों में सूखी बर्फ या जमी हुई कार्बन डाइऑक्साइड होती है।

कई बार ये बादल कई रंगों को धारण कर लेते हैं, जिन्हें इंद्रधनुषी या "मोती जैसे" बादल कहा जाता है। ये दिन के समय दिखाई नहीं देते हैं, और केवल शाम को ही दिखाई देते हैं। ये तभी देखे जा सकते हैं जब ये काफी ऊंचाई पर होते हैं। मंगल ग्रह के वायुमंडल में 95% से ज़्यादा कार्बन डाइऑक्साइड बताई गई है। नासा के अनुसार, ये बादल सतह से लगभग 50 किलोमीटर की ऊँचाई पर बन सकते हैं और बढ़ते तापमान के कारण वाष्पित भी हो सकते हैं।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , NASA Curiosity Rover Mars, Colourful Clouds On Mars
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. BSNL के 5G SIM की सिर्फ 90 मिनटों में की जाएगी होम डिलीवरी 
  2. टेस्ला ने भारत में इलेक्ट्रिक कार की पुरानी बुकिंग्स का दिया रिफंड, जल्द एंट्री का संकेत
  3. Apple के ऐप स्टोर से भारत के डिवेलपर्स को मिली 44,000 करोड़ रुपये से अधिक की सेल्स
  4. Xiaomi ने लॉन्च किए स्मार्ट कंट्रोल फीचर वाले नए वाटर प्यूरीफायर्स, जानें कीमत
  5. Nubia ने लॉन्च किया DSLR जैसे कैमरा फीचर्स वाला Z70S Ultra Photographer Edition, जानें कीमत
  6. बिना इंटरनेट मोबाइल पर देख सकेंगे लाइव टीवी! HMD भारत में ला रही है D2M फोन
  7. CMF Phone 2 Pro: भारत में लॉन्च हुआ 5000mAh बैटरी, 8GB रैम और 50MP कैमरा वाला स्मार्टफोन, जानें कीमत
  8. चाइनीज सैटेलाइट फोन से आतंकियों की मदद? पहलगाम अटैक में इस ब्रांड का नाम आया सामने
  9. सोशल मीडिया, OTT पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
  10. Portronics Vayu 7.0 टायर इन्फ्लेटर लॉन्च, टायर में हवा भरने के साथ फोन भी कर पाएंगे चार्ज
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »