नासा ने कहा है कि यह स्पेसक्राफ्ट 7 साल की यात्रा करके लौटा है। OSIRIS-REx नासा और यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना का साझा मिशन है जो कि दुनिया का तीसरा एस्टरॉयड सैम्पल लेकर आया है।
नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) इसे ऑब्जर्व कर रही है। यह एस्टरॉयड हर 1.2 साल में सूर्य की परिक्रमा करता है और लगभग हर 6 साल में पृथ्वी के करीब पहुंचता है।
नासा के OSIRIS-REx स्पेसक्राफ्ट से ली गई तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद जाना है कि सूर्य की गर्मी से 10,000 से 100,000 साल में बेन्नू की चट्टानों पर फ्रैक्चर्स होते हैं।
इस एस्ट्रॉयड के ऑर्बिटल मोशन पर भी स्टडी की जाएगी और देखा जाएगा कि यह भविष्य में किस ओर जाएगा, जिससे आने वाले समय में यह पता लगाया जा सके कि यह फिर से पृथ्वी के लिए खतरा साबित हो या नहीं।