एस्टरॉयड ‘बेन्नू' (Bennu) ने वैज्ञानिकों को अलर्ट पर रखा हुआ है। हर 6 साल में हमारे ग्रह के करीब आने वाली यह चट्टानी आफत एक दिन पृथ्वी की सतह से टकरा सकती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एस्टरॉयड ‘बेन्नू' जब धरती से टकराएगा, 22 परमाणु बमों जितनी ताकत उसमें होगी। वैज्ञानिकों ने एक सटीक डेट का आकलन करते हुए बताया है कि 24 सितंबर 2182 को बेन्नू एस्टरॉयड की टक्कर पृथ्वी से हो सकती है। खास यह है कि
अमेरिकी स्पेस एजेंसी (Nasa) इस अनुमानित टक्कर को टालने की दिशा में काम कर रही है।
करीब 7 साल पहले नासा ने एक स्पेसक्राफ्ट को बेन्नू एस्टरॉयड की ओर रवाना किया था, ताकि उसके सैंपल्स कलेक्ट किए जा सकें। इस वीकेंड बेन्नू एस्टरॉयड के सैंपल पृथ्वी पर पहुंचने की उम्मीद है। अमेरिका के यूटा रेगिस्तान (Utah desert) में इस रविवार यानी 24 सितंबर को बेन्नू एस्टरॉयड के सैंपल लेकर आ रहा मिशन लैंड कर सकता है।
क्या है बेन्नू एस्टरॉयड
एस्टरॉयड बेन्नू (Bennu) को नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) ऑब्जर्व कर रही है। यह हर 1.2 साल में सूर्य की परिक्रमा करता है और 6 साल में पृथ्वी के करीब पहुंचता है। लगभग 1614 फीट आकार का यह एस्टरॉयड साइज में काफी बड़ा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने सितंबर 1999 से जनवरी 2011 के बीच दुनियाभर के ट्रैकर्स की मदद से बेन्नू एस्टरॉयड की ट्रैजेक्टरी को मैप किया है। नासा के अनुसार, साल 2135 में जब यह एस्टरॉयड पृथ्वी के करीब आएगा, तब इसकी ट्रैजेक्टरी में थोड़ा बदलाव होगा। संभावित रूप से साल 2175 और 2199 के बीच यह पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है।
बेन्नू पृथ्वी से टकराया तो क्या होगा?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का अनुमान है कि बेन्नू एस्टरॉयड पृथ्वी से टकराया तो क्रैश साइट पर लगभग 9.6 किलोमीटर का गड्ढा हो जाएगा। एस्टरॉयड के टकराने से सभी दिशाओं में करीब 966 किलोमीटर एरिया में तबाही होगी।
पृथ्वी पर क्यों लाए जा रहे बेन्नू के सैंपल
नासा का OSIRIS-REx स्पेसक्राफ्ट बेन्नू के सैंपल्स को लेकर लौट रहा है। अनुमान है कि उसने 250 ग्राम सैंपल जुटाया है। सैंपल को स्टडी करके वैज्ञानिक बेन्नू एस्टरॉयड को और समझ पाएंगे। वैज्ञानिकों की स्टडी फ्यूचर में काम आ सकती है अगर नासा इस एस्टरॉयड की दिशा में बदलाव की योजना बनाती है।