एस्टरॉयड्स (Asteroid) का पृथ्वी के नजदीक से गुजरना जारी है। सिर्फ अगस्त में 40 से ज्यादा एस्टरॉयड्स पृथ्वी के करीब से जा चुके हैं। सितंबर में भी यही पैटर्न देखने को मिल रहा है। इस महीने करीब 12 से ज्यादा एस्टरॉयड हमारे ग्रह को क्रॉस कर चुके हैं। इस महीने अबतक पृथ्वी के नजदीक आए एस्टरॉयड्स आकार में छोटे रहे हैं। इसके बावजूद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने इन्हें संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी में रखा। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सभी एस्टरॉयड भविष्य में हमारी पृथ्वी से टकरा सकते हैं। इसके अलावा कई बड़े एस्टरॉयड भी हैं, जो कभी ना कभी पृथ्वी को प्रभावित कर सकते हैं।
ऐसा ही एक एस्टरॉयड
बेन्नू (Bennu) भी है। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) इसे ऑब्जर्व कर रही है। यह एस्टरॉयड हर 1.2 साल में सूर्य की परिक्रमा करता है और लगभग हर 6 साल में पृथ्वी के करीब पहुंचता है। लगभग 1614 फीट आकार का यह एस्टरॉयड साइज में काफी बड़ा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने सितंबर 1999 से जनवरी 2011 के बीच दुनियाभर के ट्रैकर्स की मदद से बेन्नू एस्टरॉयड की ट्रैजेक्टरी को मैप किया है।
नासा के अनुसार, साल 2135 में जब यह एस्टरॉयड पृथ्वी के करीब आएगा, तब इसकी ट्रैजेक्टरी में थोड़ा बदलाव होगा। संभावित रूप से साल 2175 और 2199 के बीच यह पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है। हालांकि ऐसा होने की संभावना 0.037 फीसदी है, जिसका अर्थ है 99.963 संभावना है कि बेन्नू एस्टरॉयड पृथ्वी से नहीं टकराएगा।
बेन्नू नाम मिस्र के एक पौराणिक पक्षी बेन्नू के नाम पर रखा गया है। इस एस्टरॉयड पर
रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों ने नासा के OSIRIS-REx स्पेसक्राफ्ट से ली गई तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद जाना है कि सूर्य की गर्मी से 10,000 से 100,000 साल में बेन्नू की चट्टानों पर फ्रैक्चर्स होते हैं। यह पृथ्वी की तुलना में बहुत तेज है यानी पृथ्वी के मुकाबले एस्टरॉयड पर सतह का रिजेनरेशन ज्यादा तेज होता है और बेन्नू के साथ भी ऐसा ही है।
एस्टरॉयड लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।