WhatsApp पर मैसेज भेजने के लिए आपको यूजर के फोन नम्बर को पहले अपने डिवाइस में सेव करना पड़ता है। लेकिन आप बिना नम्बर सेव किए भी किसी को मैसेज कर सकते हैं। ब्राउजर में लिंक क्रिएट करके वॉट्सऐप मैसेज भेज सकते हैं। Truecaller ऐप के माध्यम से भी बिना नम्बर सेव किए मैसेज कर सकते हैं। Google Assistant के माध्यम से भी ऐसा किया जा सकता है।
CapraRAT एक बेहद आक्रामक टूल है, जो अटैकर्स को संक्रमित Android डिवाइस का रिमोट एक्सेस प्राप्त करने का मौका देता है और इसके जरिए उन डिवाइस का डेटा भी खतरे में होता है।
इजरायल की सायबर सिक्योरिटी मॉनिटरिंग फर्म Hudson Rock के को-फाउंडर, Alon Gal ने LinkedIn पर इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि इससे हैकिंग और फिशिंग के मामले बढ़ेंगे
कंप्यूटर सपोर्ट फर्म Threat Fabric ने पांच एंड्रॉयड ऐप्स को डिवाइसेज से तुरंत हटाने की सलाह दी है। ये ऐप्स File Manager Small, Lite, My Finances Tracker, Zetter, Codice Fiscale और Images & Videos हैं
MobiKwik के प्रवक्ता ने एक ईमेल के जरिए कहा कि कंपनी अपने पीसीआई-डीएसएस और आईएसओ प्रमाणपत्रों के तहत कड़े अनुपालन उपायों के अधीन है, जिसमें वार्षिक सुरक्षा ऑडिट और त्रैमासिक प्रवेश परीक्षण शामिल हैं, जो प्लेटफॉर्म की सिक्योरिटी को सुरक्षित रखते हैं।
मेड इन इंडिया माइक्रोब्लॉगिंग ऐप Koo को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyus Goyal) और रवि शंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) सहित कई सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रोमोट किया जा रहा है।
रिसर्चर का कहना है कि इस व्हाट्सऐप मैलवेयर (WhatsApp Malware) को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह एंड्रॉयड के क्विक रिप्लाई फीचर का इस्तेमाल करता है।
यह बताया जा रहा है कि वेबकिन्ज़ वर्ल्ड डेटाबेस के अंदर समस्याएं कुछ समय के लिए ऑनलाइन प्रसारित हुई और गेम की टीम ने इनका पता लगाया और इनमें से कुछ खामियों को दूर भी किया, लेकिन टीम इस समस्या को पूरी तरह से ठीक नहीं कर पाई।
WhatsApp सोशल हैकिंग प्रकिया में हमलावर पीड़ितों से संपर्क करने के लिए पहले से हैक किए गए अकाउंट का उपयोग करते हैं और यह दिखावा करते हैं कि वे उनके मित्र हैं। इसके बचने के लिए व्हाट्सऐप ने यूज़र्स को कई सुझाव भी दिए हैं।
Instagram इससे पहले मई 2019 में डेटाबेस लीक मामले में फस चुका है। मई 2019 में करोड़ो मशहूर हस्तियों और ब्लॉगर्स का निजी डेटा एक बड़े डेटाबेस के तौर पर ओपन हो गया था।
अब, रिलायंस जियो एक अलग कारण से सुर्खियों में छाई हुई है। हैकिंग समूह एनॉनिमस के हैकरों ने दावा किया है कि रिलायंस जियो ऐप से यूज़र कॉल डेटा को विदेशों में में लीक किया जा रहा है।
एक हैकर ने दावा किया है कि वह कई करोड़ ट्विटर यूज़रनेम और पासवर्ड हैक करने में सफल रहा है। वह इन जानकारियों को कथित तौर पर 10 बिटक्वाइंस में बेच रहा है।