Airtel, Reliance Jio पर TRAI की पेनल्टी पर लगी रोक

टेलीकॉम कंपनियां पेनल्टी नहीं चुकाना चाहती क्योंकि उनके कैश फ्लो पर पहले से प्रेशर है। TDSAT ने कहा है कि DCA सहित रेगुलेशंस को लागू करने में देरी के लिए टेलीकॉम कंपनियां जिम्मेदार नहीं हैं

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 3 फरवरी 2025 16:12 IST
ख़ास बातें
  • यह पेनल्टी स्पैम रोकने में नाकाम रहने पर TRAI ने लगाई थी
  • टेलीकॉम कंपनियों ने TRAI की इस पेनल्टी के खिलाफ TDSAT में अपील की थी
  • इस मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी

इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से आरोपों के कारण TDSAT ने पेनल्टी पर रोक लगाई है

टेलीकॉम कंपनियों पर स्पैम को रोकने में नाकाम रहने पर लगाई गई पेनल्टी पर Telecom Disputes Settlement and Appellate Tribunal (TDSAT) ने स्टे लगा दिया है। यह पेनल्टी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने पेनल्टी लगाई थी। 

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Bharti Airtel और Reliance Jio सहित टेलीकॉम कंपनियों ने TRAI के पेनल्टी लगाने के ऑर्डर के खिलाफ TDSAT में अपील की थी। हालांकि, इस मामले में सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने TDSAT में अपील नहीं की थी। टेलीकॉम कंपनियों का कहना था कि TRAI ने जब पेनल्टी लगाई थी तो डिजिटल कंसेंट एक्विजिशन (DCA) प्लेटफॉर्म को लागू किया जा रहा था। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से आरोपों के कारण TDSAT ने पेनल्टी पर रोक लगाई है। इस मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी। 

टेलीकॉम कंपनियां पेनल्टी नहीं चुकाना चाहती क्योंकि उनके कैश फ्लो पर पहले से प्रेशर है। TDSAT ने कहा है कि DCA सहित रेगुलेशंस को लागू करने में देरी के लिए टेलीकॉम कंपनियां जिम्मेदार नहीं हैं। यह पेनल्टी एयरटेल और रिलायंस जियो के अलावा Vodafone Idea और BSNL पर लगभग 141 करोड़ रुपये की लगाई गई थी। इससे पहले भी टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR) के तहत इन कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा चुका है। TRAI ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) से इस जुर्माने को वसूल करने का  निवेदन किया था। 

TCCCPR को 2010 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य सब्सक्राइबर्स को स्पैम कॉल्स और मैसेज से सुरक्षित करना है। TRAI का मैसेज ट्रेसेबिलिटी कहा जाने वाला नया रूल पिछले वर्ष 11 दिसंबर से लागू किया गया है। इस रूल से स्पैम मैसेज को घटाने में सहायता मिलेगी। नए सिस्टम से मैसेज भेजने वाले व्यक्ति से लेकर इसकी डिलीवरी तक को ट्रैक किया जा सकेगा। इससे मैसेज भेजने में शामिल टेलीमार्केटर्स और अन्य पार्टीज को ट्रैक किया जा सकेगा। नए सिस्टम में उन प्रमोशनल और स्पैम मैसेज को ब्लॉक किया जाएगा जो रजिस्टर्ड फर्मों ने नहीं भेजे हैं। हाल ही में एयरटेल ने बताया था कि उसके नेटवर्क पर 8 अरब से ज्यादा स्पैम कॉल्स की चेतावनी दी गई है। कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) से जुड़ा सॉल्यूशन लॉन्च किया था। कंपनी के नेटवर्क पर कुल कॉल्स में से छह प्रतिशत और सभी SMS में से लगभग दो प्रतिशत की पहचान स्पैम के तौर पर की गई थी। 
 
 

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