देश में पिछले कुछ वर्षों में टेलीकॉम कंपनियों के सब्सक्राइबर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। हालांकि, दुनिया में भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं जहां टेलीकम्युनिकेशन सर्विसेज के लिए अधिक टैरिफ नहीं है। इस स्थिति में जल्द बदलाव हो सकता है। Reliance Jio और Bharti Airtel जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियां इस वर्ष के अंत तक टैरिफ में दोबारा बढ़ोतरी कर सकती हैं।
एक मीडिया
रिपोर्ट में इंटरनेशनल ब्रोकरेज फर्म Bernstein के एक एनालिसिस के हवाले से बताया गया है कि टेलीकॉम कंपनियां इस वर्ष टैरिफ को 10-20 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं। यह पिछले छह वर्षों में टैरिफ में चौथी बढ़ोतरी हो सकती है। पिछले वर्ष जुलाई में टेलीकॉम कंपनियों ने टैरिफ को 25 प्रतिशत तक बढ़ाया था। इसके पीछे 4G नेटवर्क को मजबूत करने और 5G नेटवर्क के एक्सपैंशन के लिए टेलीकॉम कंपनियों की कैपिटल की जरूरत एक बड़ा कारण था। हाल ही में Bernstein ने रिलायंस जियो और
भारती एयरटेल के रेवेन्यू में मजबूत ग्रोथ का पूर्वानुमान दिया था। इन दोनों कंपनियों के सब्सक्राइबर्स की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) में भी ग्रोथ हुई है।
हालांकि, Vodafone Idea (Vi) की वित्तीय स्थिति खराब है। हाल ही में केंद्र सरकार ने Vi में अपनी हिस्सेदारी को 22.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 48.99 प्रतिशत किया था। इससे यह संकेत मिल रहा है कि सरकार टेलीकॉम मार्केट में तीन कंपनियों के स्ट्रक्चर को बरकरार रखना चाहती है। टेलीकॉम कंपनियों की इनकमिंग कॉल्स के लिए कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) फीचर पेश करने की तैयारी है।
इस फीचर के लिए आधुनिक नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी। इस वजह से यह फीचर केवल 4G और 5G स्मार्टफोन्स पर ही उपलब्ध होगा। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इसके लिए अपनी CNAP टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगी। भारती एयरटेल ने अपने सब्सक्राइबर्स को CNAP फीचर उपलब्ध कराने के लिए Nokia से टाई-अप किया है। इस फीचर के शुरू होने के बाद टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स को Truecaller जैसे थर्ड-पार्टी कॉलर आइडेंटिफिकेशन ऐप्स की कम जरूरत होगी। CNAP में कॉलर को टेलीकॉम कंपनी के डेटाबेस में मौजूद सब्सक्राइबर के नाम के साथ दिखाया जाएगा। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि सब्सक्राइबर्स के लिए यह फीचर कब लॉन्च किया जाएगा। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के नए रूल्स के तहत, स्पैम को रोकने में नाकाम रहने पर टेलीकॉम कंपनियों पर पेनल्टी लगाई जा सकती है।
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