रिलायंस कम्युनिकेशंस ने गुरुवार को सरकार से कहा कि मई 2016 से वह अपने सीडीएमए ग्राहकों को 4जी एलटीई ग्राहकों में अपग्रेड करना शुरू करेगी। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि कंपनी ने सरकार को भेजे गए एक पत्र में कहा है कि रिलायंस जियो इन्फोकॉम के साथ की गई साझेदारी के तहत 800 मेगाहर्ट्ज़ के उदारीकृत स्पेक्ट्रम का उपयोग कर ग्राहकों को 4जी में अपग्रेड करेगी।
अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी की कंपनियों क्रमश: रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस जियो इंफोकॉम ने जनवरी में अखिल भारतीय स्तर पर 800 मेगाहट्र्ज बैंड में व्यापार और साझेदारी के लिए समझौता करने की घोषणा की थी।
रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 16 सर्किलों में 800-850 मेगाहर्ट्ज़ बैंड में साझेदारी और व्यापार की एवज में सरकार को 5,383.84 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
सरकार द्वारा प्रशासनिक रूप से आवंटित स्पेक्ट्रमों की बाजार आधारित कीमत पर पहुंचने के लिए नीतियों में बदलाव करने से दोनों कंपनियों को काफी राहत मिली है।
वैश्विक बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा कंपनी ड्यूश बैंक इक्वि टी रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, "जियो और आरकॉम ने अधिकतर बाजारों में स्पेक्ट्रम व्यापार-सह-साझेदारी समझौता किया है। इस साझेदारी से पहले आरकॉम को स्पेक्ट्रम का उदारीकरण करना जरूरी है। चार बाजारों में हालांकि नीलामी के आधार पर स्पेक्ट्रम मूल्य तय नहीं किया गया था। इसलिए नीतिगत रूप से इस पर फैसला लिए जाने की जरूरत थी।"
दोनों कंपनियों ने 17 सर्किलों में पहले से साझेदारी कर ली थी। सिर्फ चार सर्किल -राजस्थान, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु बचे रह गए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमने आरकॉम के लिए उदारीकरण की लागत 55 अरब रुपये होने का अनुमान लगाया है। कंपनियों द्वारा साझेदारी के लिए आवेदन किए जाने के बाद दूरसंचार विभाग के पास उसे मंजूरी देने के लिए 45 दिनों का समय होगा। हमारा मानना है कि जियो और आरकॉम जल्द ही साझेदारी के लिए आवेदन करेंगे।"
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