सरकार भारत में फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए लागू लाइसेंस शुल्क में कटौती करने पर विचार कर रही है। यह बदलाव देश में घरेलू ब्रॉडबैंड सेवाओं की लागत को कम कर सकता है और सर्विस प्रोवाइडर को कम लागत पर अपने कवरेज को व्यापक बनाने में मदद करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, नए प्रस्ताव से देश में घरों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए ब्रॉडबैंड कंपनियों द्वारा अर्जित AGR पर लाइसेंस शुल्क कम हो जाएगा और यह सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए सीधा लाभ होगा। इस लाभ का फायदा ग्राहकों को भी होगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा उपलब्ध कराए गए लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, देश में 1.98 करोड़ से अधिक फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड ग्राहक हैं।
Bloomberg की
रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित योजना कहती है कि ब्रॉडबैंड कंपनियों द्वारा घरों से अर्जित AGR पर लाइसेंस शुल्क को घटाकर 1 रुपये सालाना कर दिया जाएगा। आठ प्रतिशत की दर से गणना की गई फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए अनुमानित लाइसेंस शुल्क वर्तमान में एक वर्ष में लगभग 880 करोड़ है। ऐसे में निश्चित तौर पर यह एक बहुत बड़ा बदलाव होगा। प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है, हालांकि यह कहा जाता है कि यह प्रस्ताव विचार के लिए संबंधित मंत्रालयों तक पहुंच गया है।
इस प्रस्ताव से सबसे ज्यादा फायदा रिलायंस जियो इनफोकॉम के Jio Fiber का होगा, जो एक साल पहले पेश किया गया है और भारत में अन्य प्रमुख ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे कि एयरटेल, एसीटी फाइबरनेट और यहां तक कि राज्य के स्वामित्व वाली भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) से सीधा टक्कर ले रहा है। लाइसेंस शुल्क में कटौती के जरिए से राजस्व संभावनाओं में वृद्धि से Jio Fiber देश में अपनी ब्रॉडबैंड सेवाओं में तेजी लाने में सक्षम होगा।
मई में जारी एक ट्राई रिपोर्ट से पता चला है कि Jio Fiber जनवरी 2020 के अंत में 8.4 लाख यूज़र्स के साथ देश में वायर्ड ब्रॉडबैंड बाजार में पांचवें स्थान पर काबिज हो गई है, जबकि BSNL ने 82.3 लाख ग्राहकों के साथ अपनी बढ़त जारी रखी और Airtel 24.3 लाख ग्राहकों के साथ दूसरे नंबर पर रही है। Jio Fiber ने पहले के 8.6 लाख ग्राहकों की तुलना में 20,000 ग्राहकों की गिरावट दर्ज की।