अमेरिका में 5G सर्विसेज शुरू होने के साथ ही ‘आपात' एविएशन संकट की चेतावनी दी गई है। अमेरिका की पैसेंजर और कार्गो विमान कंपनियों के चीफ एग्जीक्यूटिव्स ने 5जी सर्विस शुरू होने के 36 घंटों में ‘संकट' आने की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि AT&T और Verizon, अमेरिका में 5जी सर्विस को शुरू करने के लिए तैयार हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकन एयरलाइंस, डेल्टा एयर लाइन्स, यूनाइटेड एयरलाइंस, साउथवेस्ट एयरलाइंस समेत दूसरी कंपनियों के अधिकारियों ने एक पत्र में लिखा है कि जब तक हमारे मेन सेंटर, उड़ान भरने के लिए क्लीयर नहीं हो जाते, तब तक उड़ाने शुरू नहीं हो पाएंगी।
पत्र में लिखा गया है कि एक दिन में 1100 से अधिक उड़ानों को रद्द, डायवर्ट या लेट करना पड़ सकता है। इसकी वजह से करीब एक लाख यात्रियों पर असर होगा। सोमवार देर रात एयरलाइंस कंपनियां इस बात पर विचार कर रही थीं कि क्या बुधवार को अमेरिका में आने वालीं कुछ इंटरनैशनल फ्लाइट्स को कैंसल करना शुरू किया जाए।
पत्र में UPS एयरलाइंस, अलास्का एयर, एटलस एयर, जेटब्लू एयरवेज और फेडेक्स एक्सप्रेस के भी साइन हैं। लिखा गया है कि यह कदम तत्काल उठाए जा रहे हैं। वाइट हाउस के नेशनल इकॉनमिक काउंसिल के डायरेक्टर ब्रायन डीज, ट्रांसपोर्टेशन सेक्रेटरी पीट बटिगिएग, FAA एडमिनिस्ट्रेटर- स्टीव डिक्सन और फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन (FCC) की अध्यक्ष जेसिका रोसेनवर्सेल को भी यह लेटर भेजा गया है।
लेटर भेजने वाली कंपनियों के ग्रुप इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार किया है। सरकारी एजेंसियों की ओर से भी फौरन कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
गौरतलब है कि फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने एक चेतावनी दी है। इसके मुताबिक 5जी की वजह से एयरप्लेन के संवेदनशील उपकरण जैसे- altimeters असर पड़ सकता है। इसकी वजह से लो-विजिबिलिटी ऑपरेशंस में काफी परेशानी आ सकती है।
AT&T और Verizon ने पिछले साल 80 बिलियन डॉलर (लगभग 5,95,040 करोड़ रुपये) की नीलामी में लगभग सभी सी-बैंड स्पेक्ट्रम जीते थे। दोनों कंपनियों ने इस साल 3 जनवरी को लगभग 50 हवाई अड्डों में बफर जोन बनाने पर सहमति व्यक्त की थी। कंपनियां 5जी सर्विस शुरू करने में दो हफ्तों की देरी करने पर भी सहमत हुई थीं। अब यह टाइम पीरियड भी खत्म हो गया है, लेकिन विमान कंपनियों की चिंता अब भी बनी हुई है।
एयरलाइंस कंपनियां कुछ प्रमुख हवाई अड्डों पर हवाई अड्डे के रनवे के लगभग 2 मील (3.2 किमी) के दायरे में 5G नहीं लागू करने के लिए कह रही हैं। इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की जा रही है।