एलियंस से क्यों नहीं हो रहा संपर्क? वैज्ञानिकों ने बताया

मिल्की वे आकाशगंगा लगभग 10 अरब वर्ष पुरानी है और इसमें 100 अरब से अधिक तारे मौजूद हैं।

एलियंस से क्यों नहीं हो रहा संपर्क? वैज्ञानिकों ने बताया

बहुत से अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस बात को मानते हैं कि पृथ्वी के बाहर भी जीवन मौजूद हो सकता है।

ख़ास बातें
  • वैज्ञानिक इस बात को मानते हैं कि पृथ्वी के बाहर भी जीवन मौजूद हो सकता है।
  • अकेले हमारी आकाशगंगा में ही रहने लायक ग्रहों की संख्या बहुत ज्यादा है।
  • एक्सोप्लेनेट K2-18 b पर कुछ गैसों के कैमिकल फिंगरप्रिंट मिले हैं।
विज्ञापन
बहुत से अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस बात को मानते हैं कि पृथ्वी के बाहर भी जीवन मौजूद हो सकता है। हाल ही में एक एक्सोप्लेनेट पर अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसी गैसें खोजी हैं जो किसी जैविक प्रक्रिया के दौरान ही बनती हैं। और ये गैसे पृथ्वी पर भी बनती हैं। इससे पृथ्वी के बाहर जीवन की संभावना पहले से ज्यादा बढ़ गई है। लेकिन इसके साथ ही एक सवाल और भी उठता है कि अगर वाकई में पृथ्वी के बाहर किसी ग्रह पर प्राणी या एलियंस मौजूद हैं तो अब तक हमारे संपर्क में क्यों नहीं आए? वैज्ञानिकों ने इसकी वजह बताई है। 

1950 में एनरिको फर्मी (Enrico Fermi) ने दोपहर के भोजन के दौरान एडवर्ड टैलर (Edward Teller) सहित अन्य प्रसिद्ध भौतिकविदों से यह सवाल किया था, ''सब लोग कहां हैं?" इस दुविधा को 'फर्मी का विरोधाभास' (Fermi's Paradox) नाम दिया गया। पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस सेंटर के डायरेक्टर जेसन राइट ने AFP को बताया कि "यह संख्या का खेल है।" मिल्की वे आकाशगंगा लगभग 10 अरब वर्ष पुरानी है और इसमें 100 अरब से अधिक तारे मौजूद हैं। इससे पता चलता है कि अकेले हमारी आकाशगंगा में ही रहने लायक ग्रहों की संख्या बहुत ज्यादा है।

K2-18b भी इसमें शामिल है जिसके बारे में गुरूवार को वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली खोज की है। एक्सोप्लेनेट K2-18 b पर कुछ गैसों के कैमिकल फिंगरप्रिंट मिले हैं। जिन गैसों के निशान वहां पर मिले हैं, वे गैसें पृथ्वी पर केवल किसी जैविक प्रक्रिया के दौरान ही बनती हैं। इन गैसों के नाम- डीमिथाइल सल्फाइड, या DMS, और डीमिथाइल डाईसल्फाइड, या DMDS हैं। ये गैसें पृथ्वी पर जीवित प्राणियों द्वारा बनाई जाती हैं, मुख्य रूप से सूक्ष्मजीवियों द्वारा। जिसमें समुद्री फाइटोप्लांकटन - शैवाल शामिल हैं। इस खोज को लेकर शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे पता चलता है कि ग्रह सूक्ष्मजीवीय जीवन से भरा हुआ हो सकता है। 

तो एलियंस से अब तक संपर्क क्यों नहीं हुआ? 2015 की एक पुस्तक के अनुसार, 'फर्मी के विरोधाभास' के लिए अबतक 75 काल्पनिक समाधान प्रस्तावित किए गए हैं, या उससे भी ज्यादा। 

हम ब्रह्मांड में बिल्कुल अकेले हैं? 
सबसे पहली संभावना कहती है कि एलियंस से संपर्क इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि वे मौजूद ही नहीं हैं। यानी हम इस ब्रह्मांड में बिल्कुल अकेले ही हैं। लेकिन बहुत से वैज्ञानिक इससे सहमत नहीं है। 

Nature Astronomy द्वारा सर्वे में शामिल संबंधित विषयों के 1000 वैज्ञानिकों में से 87% का मानना है कि कम से कम पृथ्वी के बाहर जीवन का एक आधारभूत रूप अवश्य ही मौजूद है। 67% का मानना है कि एलियंस बाहर मौजूद हैं, और वे कहीं ज्यादा इंटेलिजेंट हैं। 

ग्रेट फिल्टर
एक अन्य थ्योरी कहती है कि जरूर कोई एक बड़ा फिल्टर यूनिवर्स में है जो जीवन को दूर ही कहीं रोके हुए है। या शायद कोई ऐसी बाधा है जो सभ्यताओं को एक निश्चित बिंदु से आगे बढ़ने से रोके हुए है। 

क्या हम एक zoo में हैं? 
'चिड़ियाघर परिकल्पना' (zoo hypothesis) के तहत, तकनीकी रूप से एडवांस्ड एलियंस मनुष्यों को अकेला छोड़ देंगे और हमें दूर से ही देखेंगे, जैसे चिड़ियाघर के जानवर करते हैं।

ब्रह्मांड है घना काला जंगल?
यह थ्योरी कहती है कि ब्रह्मांड एक घना काला जंगल है जहां पर कोई भी अपनी पहचान नहीं बताना चाहता है। अगर वे ऐसा करते हैं तो कोई दूसरा आकर उन्हें खत्म कर देगा। 

कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि एलियंस सभी प्रकार की अज्ञात टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके मैसेज भेज सकते हैं, इसलिए हो सकता है कि आकाशगंगा उतनी शांत न हो जितनी हम सोचते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो एलियंस एक रहस्य हैं। वैज्ञानिक लगातार कोशिश कर रहे हैं कि पृथ्वी के बाहर से आने वाले किसी सिग्नल को डीकोड किया जा सके। कोई ऐसा उपकरण हो जो बाहर से आने वाले सिग्नल को पकड़ सके। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
Turbo Read

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. क्या आपके अगले स्मार्टफोन के बॉक्स से गायब हो जाएगी चार्जिंग केबल? इस कंपनी ने शुरू किया ट्रेंड
  2. Samsung Galaxy S26 Ultra में मिल सकता है 6.9 इंच QHD+ AMOLED डिस्प्ले
  3. अब ‘चश्मा’ बनेगा वॉलेट! स्मार्ट ग्लास से होगा UPI पेमेंट, फोन की जरूरत नहीं
  4. Realme 15 Pro 5G Game of Thrones लिमिटेड एडिशन भारत में हुआ लॉन्च, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  5. JBL Tour One M3 और Smart Tx वायरलेस हेडफोन्स भारत में लॉन्च: मिलेगा 70 घंटे का प्लेबैक और स्मार्ट टच डिस्प्ले
  6. Amazon Sale: Samsung के स्मार्टफोन्स को भारी डिस्काउंट के साथ खरीदने का मौका
  7. IMC 2025: Jio का JioBharat सेफ्टी फर्स्ट फोन हुआ पेश, जानें खासियतें
  8. IMC 2025: 6G में दुनिया को लीड करेगा भारत! 10 सेमीकंडक्टर यूनिट्स पर भी चल रहा है काम
  9. Amazon Sale: Amazfit, Fossil और कई ब्रांड्स की स्मार्टवॉचेज पर भारी डिस्काउंट
  10. Google ने AI मोड में शामिल किया सर्च लाइव, फोन का कैमरा ऑन करके मिलेगा हर सवाल का जवाब
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »