वक्‍त अतीत से भविष्‍य की ओर ही क्‍यों बढ़ता है? समझिए साइंस के नजरिए से

इस विचार के दशकों पुराना होने के बावजूद वैज्ञानिकों ने अभी तक इस घटना के पीछे के रहस्यों को जानने में बहुत तेजी नहीं दिखाई है। एक नए अध्ययन ने इस कॉन्‍सेप्‍ट पर प्रकाश डाला है।

वक्‍त अतीत से भविष्‍य की ओर ही क्‍यों बढ़ता है? समझिए साइंस के नजरिए से

ऐरो ऑफ टाइम, थर्मोडायनैमिक्‍स (thermodynamics) के दूसरे नियम से उपजा है।

ख़ास बातें
  • एक नए अध्ययन ने इस कॉन्‍सेप्‍ट पर प्रकाश डाला है
  • ऐरो ऑफ टाइम न्यूरॉन्स के पेयर्स के बीच इंटरेक्‍शन से पैदा हुआ है
  • यह रिजल्‍ट न्‍यूरोसाइंस रिसर्चर्स के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं
विज्ञापन
ऐरो ऑफ टाइम (arrow of time) जिसे टाइम्‍स ऐरो (time's arrow) भी कहते हैं, वह वक्‍त यानी समय के यूनिडायरेक्शनल फ्लो को परिभाषित करता है। आसान शब्‍दों में कहें तो यह बताता है कि समय केवल एक दिशा में बहता है, अतीत से भविष्य की ओर। इस विचार के दशकों पुराना होने के बावजूद वैज्ञानिकों ने अभी तक इस घटना के पीछे के रहस्यों को जानने में बहुत तेजी नहीं दिखाई है। एक नए अध्ययन ने इस कॉन्‍सेप्‍ट पर प्रकाश डाला है।

ऐरो ऑफ टाइम, थर्मोडायनैमिक्‍स (thermodynamics) के दूसरे नियम से उपजा है। यह बताता है कि फ‍िजिकल सिस्‍टम्‍स का माइक्रोस्‍कोपिक अरेंजमेंट्स ऑर्डर से डिसऑर्डर की ओर बढ़ता है। इस सिद्धांत के अनुसार अगर कोई सिस्‍टम ज्‍यादा अव्यवस्थित हो जाता है, तो उसके लिए अपना रास्ता खोजना और फिर से एक व्यवस्थित स्थिति में आना मुश्किल हो जाता है। यही सिद्धांत ऐरो ऑफ टाइम को भी मजबूत बनाता है।

थ्‍योरिटिकल साइंसेज के लिए CUNY ग्रेजुएट सेंटर इनिशिएटिव के रिसर्चर्स ने इस स्‍टडी को किया है। उन्‍होंने सिस्टम के विशिष्ट भागों और उनके बीच के इंटरेक्‍शंस को देखकर ऐरो ऑफ टाइम को डिकंपोज करने के तरीकों की तलाश की। रेटिना के अंदर फंक्‍शन करने वाले न्यूरॉन्स ऐसे भागों का एक उदाहरण हो सकते हैं। टीम ने एक क्षण को ऑब्‍जर्व किया कि टाइम ऑफ ऐरो को अलग-अलग टुकड़ों में तोड़ा जा सकता है। रिसर्चर्स ने नोट किया कि ऐरो ऑफ टाइम बड़े और जटिल ग्रुप्‍स के बजाय न्यूरॉन्स के पेयर्स के बीच सरल इंटरेक्‍शन से पैदा हुआ है। 

फिजिकल रिव्यू लेटर्स में पब्लिश हुए पेपर के लेखकों में से एक पोस्टडॉक्टरल फेलो क्रिस्टोफर लिन ने कहा कि हमारी फाइंडिंग्‍स यह समझने की दिशा में पहला कदम प्रदान करते हैं कि हम रोजाना के जीवन में जिस ऐरो ऑफ टाइम को एक्‍सपीरियंस करते हैं, वह माइक्रोस्‍कोपिक डिटेल्‍स से कैसे निकलता है। लिन ने कहा कि यह रिजल्‍ट न्‍यूरोसाइंस रिसर्चर्स के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

डेविड डेलिमा

Gadgets 360 में टेक्नोलॉजी लेखक के रूप में, डेविड डेलिमा की ओपन-सोर्स ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. iQOO 15 भारत में आज हो रहा लॉन्च, सबसे पहले जानें कैसे हैं फीचर्स और कीमत
  2. Realme GT 8 Pro vs iPhone 17 vs Google Pixel 10: तीन के बीच कंपेरिजन, देखें कौन है बेस्ट
  3. Samsung का 5000mAh बैटरी वाला 5G फोन हुआ सस्ता, अभी खरीदने पर होगी बचत
  4. Mahindra ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए लॉन्च किया अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग नेटवर्क
  5. Apple के पोर्टफोलियो का सबसे महंगा स्मार्टफोन हो सकता है iPhone Fold
  6. Xiaomi 17 और Xiaomi 17 Ultra की भारत में शुरू हुई टेस्टिंग, जल्द लॉन्च की तैयारी
  7. Realme का ये पॉपुलर गेमिंग फोन मिल रहा है Rs 6,000 सस्ता! यहां मिल रही है जबरदस्त डील
  8. Samsung Black Friday Sale: TV खरीदने पर मुफ्त मिलेगा साउंडबार, 20% कैशबैक अलग से!
  9. Rs 1,500 में बेचे iPad Air, ग्राहकों ने जमकर उठाया फायदा, रिटेलर को 11 दिन बाद आया होश!
  10. आपके नाम पर जारी SIM के गलत इस्तेमाल के लिए आप होंगे जिम्मेदार!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »