दुनियाभर के वैज्ञानिक कई दशकों से एलियंस से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि उन्हें आजतक कामयाबी नहीं मिली है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अगर एलियंस वास्तव में मौजूद हैं, तो उन्होंने हमसे संपर्क करने की कोशिश क्यों नहीं की। अब एक नई स्डटी में इस बारे में स्पष्टीकरण देने की कोशिश की गई है। कहा गया है कि शायद एलियंस हमारे ग्रह पर इसलिए नहीं आए हैं, क्योंकि यहां इंटेलिजेंस के कोई संकेत नहीं हैं। गौरतलब है कि वैज्ञानिक साल 1930 से अंतरिक्ष में सिग्नल भेज रहे हैं। इन सिग्नलों को हासिल करने या उसका जवाब देने में एलियंस को इतना वक्त नहीं लगना चाहिए।
रिसर्चर्स का कहना है कि हमारी आकाशगंगा में मौजूद 400 अरब सितारों में से लगभग 15,000 तारों और उनकी परिक्रमा करने वाले ग्रहों तक ये सिग्नल पहुंच चुके हैं। arXiv डेटाबेस में पब्लिश
शोध बताता है कि एलियंस को शायद ऐसे ग्रह नहीं मिल रहे, जो उनके लिए जीवन को दिलचस्प बनाते हैं। अगर हमारी आकाशगंगा में पृथ्वी के अलावा भी कई ग्रहों पर जीवन है, तो शायद एलियंस उन लोगों में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं जहां न केवल बायलॉजी बल्कि टेक्नॉलजी के भी संकेत हैं। जिस पेपर में यह स्टडी पब्लिश हुई है, उसका रिव्यू किया जाना अभी बाकी है।
स्टडी ‘फर्मी पैराडॉक्स' (Fermi paradox) की भी बात करती है, जिसके मुताबिक हमारा ब्रह्मांड जितना पुराना है, उस हिसाब से एलियंस ने लंबी दूरी का स्पेस ट्रैवल डेवलप कर लिया होगा। संभावना है कि वो पृथ्वी पर आ चुके होंगे। यह मानना कि एलियंस नहीं है, इस बात का सबूत हो सकता है कि हमारी आकाशगंगा में उनके हिसाब से कोई इंटेलिजेंट जीवन नहीं है।
नई स्टडी में एलियंस के पृथ्वी से संपर्क ना करने के बारे में एक और स्पष्टीकरण दिया गया है। कहा गया है कि अगर हमारी आकाशगंगा में जीवन आम है, तो शायद एलियंस हर एक को सिग्नल भेजकर अपने संसाधनों को बर्बाद नहीं करने वाले हैं। उनकी रुचि टेक्नॉलजी से भरे सिग्नलों में ज्यादा होगी। एलियंस के हमसे संपर्क ना करने की एक वजह यह भी हो सकती है कि पृथ्वी से भेजे गए सिग्नल उन तक पहुंचे ही ना हों। मौजूदा निष्कर्ष भविष्य में होने वाली स्टडीज में काम आ सकते हैं।