क्या मनुष्य अमर हो सकता है? इस खोज में या कहें कोशिश में कितनी सदियां बीत गईं। इंसान ने लगभग हर संभव उपाय को आजमा लिया है। धार्मिक पहलू भी देखें हैं। कहानियों में अमरता जरूर पढ़ने को मिल जाएगी, लेकिन असल जिंदगी में ऐसा अबतक मुमकिन होता नहीं दिखा है। पर एक
जीव है, जिसमें उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकने और मौत से बचने की अनोखी क्षमता है। नाम है- टुरिटॉप्सिस डोहरनी (Turritopsis dohrnii) जिसे दुनिया ‘अमर जेलीफिश' (immortal jellyfish) के नाम से भी जानती है।
एनडीटीवी की
रिपोर्ट के अनुसार, इस जेलीफिश का जीवन चक्र बाकी जेलीफिश जैसा ही होता है। यह एक लार्वा के रूप में शुरू होता है। फिर धीरे-धीरे डेवलप होकर यह ऐसा आकार ले लेती है जैसा आप तस्वीर में देख रहे हैं।
जब यह जेलीफिश किसी एनवायरनमेंटल स्ट्रेस या शारीरिक चोट से जूझती है तो अपने जीवन चक्र के फर्स्ट स्टेज में वापस आ सकती है यानी यह फिर से युवा बन सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, इस ट्रांसफॉर्मेशन प्रोसेस को ‘ट्रांसडिफरेंशियेशन' (transdifferentiation) कहा जाता है। यह जेलीफिश को उसका जीवन चक्र फिर से शुरू करने की इजाजत देता है।
इस दौरान जेलीफिश की कोशिकाएं, नई कोशिकाओं में पुनर्जीवित हो सकती हैं। इसके बाद वह फिर से डेवलप होती है, जिसे मेडुसा कहते हैं और बुढ़ापा आने पर फिर से खुद युवा अवस्था में धकेल सकती है। यह ऐसी चीज है जो किसी भी ‘अमर जेलीफिश' को बायोलॉजिकल तरीके से उसकी उम्र से खिलवाड़ करने का मौका देती है।
रिपोर्ट के अनुसार, बुढ़ापे से जवानी में लौटे का यह सिलसिला हमेशा जारी रह सकता है। इस तरह की जेलीफिश को सबसे पहले साल 1883 में पहचाना गया था। दुनियाभर के महासागरों में मिलने वाली यह जेलीफिश साइज में काफी छोटी होती है। उदाहरण के लिए आपकी छोटी उंगली के नाखून के जितनी। भले ही यह जेलीफिश बायोलॉजिकली अमर हो, लेकिन समुद्र में इसके सामने कई खतरे होते हैं, जैसे दूसरे जीव।