• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • सोने से पहले स्मार्टफोन देखने वाले सावधान! 50 मिनट की नींद छीन लेता है मोबाइल स्टडी

सोने से पहले स्मार्टफोन देखने वाले सावधान! 50 मिनट की नींद छीन लेता है मोबाइल- स्टडी

स्टडी फरवरी 2023 से जनवरी 2025 के बीच की गई है।

सोने से पहले स्मार्टफोन देखने वाले सावधान! 50 मिनट की नींद छीन लेता है मोबाइल- स्टडी

रात को सोने से पहले फोन देखने की आपकी आदत आपकी सेहत पर काफी बुरा प्रभाव डाल सकती है।

ख़ास बातें
  • स्टडी के लिए 1,22,000 भागीदारों को शामिल किया गया।
  • स्टडी फरवरी 2023 से जनवरी 2025 के बीच की गई है।
  • सोने से पहले फोन देखने वालों में नींद की खराब गुणवत्ता के चांस प्रतिशत।
विज्ञापन
रात को सोने से पहले फोन देखने की आपकी आदत आपकी सेहत पर काफी बुरा प्रभाव डाल सकती है। एक नई स्टडी कहती है कि जो लोग, खासकर वयस्क, अगर सोने से पहले फोन स्क्रीन पर स्क्रॉल करते हैं तो उनकी नींद एक हफ्ते में 1 घंटे तक कम हो जाती है, और इसी के साथ उनकी दिमागी सेहत पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। यानी रात को सोने से पहले फोन देखना आपकी नींद के साथ-साथ आपके दिमाग को भी नुकसान पहुंचाता है। आइए जानते हैं स्टडी में और क्या तथ्य निकल कर सामने आए हैं। 

स्मार्टफोन या मोबाइल हमारी जिंदगी में ऐसे शामिल हो चुके हैं कि इनके बिना अब रहना असंभव सा लगता है। हरेक व्यक्ति दिन में मोबाइल या स्मार्टफोन पर घंटों बिताता है। लेकिन रात में यह काफी नुकसान देने वाला हो सकता है। JAMA Network में एक नई स्टडी प्रकाशित हुई है। अमेरिकन कैंसर रिसर्च सोसायटी से शोधकर्ताओं ने पाया है कि रोजाना सोने से पहले स्मार्टफोन स्क्रीन पर स्क्रॉल करना हमारे शरीर के सर्केडियन रिदम (circadian rhythm) को बिगाड़ देता है। 

सर्केडियन रिदम उस लय को कहा जाता है जो हमारा शरीर 24 घंटे में पूरा करता है। यानी हर रोज रात को सही समय पर नींद आना, और सुबह उसी के अनुरूप नींद खुल जाना। इसी तरह शरीर एक साइकिल में चलता है। लेकिन स्मार्टफोन का इस्तेमाल इस साइकल को डिस्टर्ब कर देता है। स्टडी कहती है कि सर्केडियन रिदम बिगड़ने से हमारी नींद एक हफ्ते में 50 मिनट तक कम हो जाती है। 

इस स्टडी के लिए 1,22,000 भागीदारों को शामिल किया गया। स्टडी फरवरी 2023 से जनवरी 2025 के बीच की गई है। शामिल किए गए लोगों में 41% ऐसे थे जो रोज सोने से पहले स्मार्टफोन या अन्य किसी स्क्रीन का इस्तेमाल करते थे। जबकि 17.4% ऐसे थे जो किसी तरह की स्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करते थे। पाया गया कि जो लोग बेड पर जाकर डेली स्क्रीन देखते हैं उनमें नींद की खराब गुणवत्ता के चांस 33% ज्यादा थे, बजाए उन लोगों के जो सोने से पहले स्क्रीन नहीं देखते हैं। 

रोजाना स्क्रीन इस्तेमाल लेट सोने से सीधा जुड़ा पाया गया जो कि हर हफ्ते नींद को 50 मिनट तक कम कर देता है। हमारे शरीर में रात के समय सोने के लिए एक हॉर्मॉन निकलता है जिसे मिलेटॉनिन कहते हैं। यह हॉर्मॉन सोने-जागने की साइकल को नियंत्रित करता है। लेकिन यह हॉर्मॉन डिजिटल स्क्रीन की रोशनी आंखों पर पड़ने से डिस्टर्ब हो जाता है। इससे व्यक्ति की प्राकृतिक नींद साइकल बिगड़ जाती है। नींद की गुणवत्ता खराब होने से व्यक्ति के शरीर में कई बुरे प्रभाव पड़ते हैं। यह ऑवरऑल हेल्थ को खराब करता है, साथ ही दिमाग की कार्यप्रणाली के लिए भी हानिकारक है।  
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. BSNL की सर्विस में सुधार की तैयारी, अप्रैल में लिया जाएगा कस्टमर्स से फीडबैक
  2. iPhone 16e vs iPhone 14: खरीदने से पहले देखें कौन सा रहेगा ज्यादा बेहतर
  3. Tata Curvv EV vs Mahindra BE 6: जानें 20 लाख रुपये में कौन सी ईवी है बेस्ट
  4. iPhone न खरीदें ऐसे यूजर्स! ये रहे 3 बड़े कारण
  5. WhatsApp पर लाइव लोकेशन को अपने मुताबिक ऐसे बदलें!
  6. जमीन खरीदने से पहले ऐसे चेक करें बेचने वाला उसका मालिक है या नहीं, ये है स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
  7. Instagram का यह फीचर होने जा रहा बंद, पोस्ट और रील में नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल
  8. Airtel ने Rs 509 से शुरू होने वाले नए कॉलिंग, SMS प्लान किए पेश
  9. BSNL को 4G में देरी से हो रहा रेवेन्यू का नुकसान, सरकार ने दी जानकारी
  10. भारत में 5G यूजर्स की संख्या 25 करोड़ के पार! 2 लाख से ज्यादा गांवों में पहुंचा ब्रॉडबैंड
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »