• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 3.48 अरब साल पहले पृथ्‍वी से टकराया था पहला उल्‍कापिंड! मची थी भारी तबाही, वैज्ञानिकों ने दिए सबूत

3.48 अरब साल पहले पृथ्‍वी से टकराया था पहला उल्‍कापिंड! मची थी भारी तबाही, वैज्ञानिकों ने दिए सबूत

रिसर्चर्स ने अपनी खोज को बीते सप्‍ताह 54वीं लूनार एंड प्‍लैनेटरी साइंस कॉन्‍फ्रेंस में पेश किया, हालांकि इनका रिव्‍यू होना बाकी है।

3.48 अरब साल पहले पृथ्‍वी से टकराया था पहला उल्‍कापिंड! मची थी भारी तबाही, वैज्ञानिकों ने दिए सबूत

2019 में वैज्ञानिक इन अवशेषों तक पहुंचे थे, जिन्‍हें स्फेरूल (spherules) कहा जा रहा है।

ख़ास बातें
  • वैज्ञानिकों की एक टीम ने किया है दावा
  • नई स्‍डटी को रिव्‍यू नहीं किय गया है अभी
  • ऑस्‍ट्रेलिया में खोजे गए हैं उल्‍कापिंडों के अवशेष
विज्ञापन
उल्कापिंड (Meteorite) और एस्‍टरॉयड (Asteroid) दोनों ऐसी चट्टानी आफतें हैं, जो पृथ्‍वी से टकराने पर बड़ी तबाही ला सकते हैं। अतीत में ऐसा हुआ भी है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि करोड़ों साल पहले धरती से डायनासोरों का खात्‍मा एक एस्‍टरॉयड की टक्‍कर के बाद हुए विनाश से हुआ था। इसी तरह से उल्‍कापिंड भी हमारे ग्रह से टकराते रहे हैं। वर्षों से वैज्ञानिक इनके इतिहास को टटोल रहे हैं। अब उन्‍होंने 3.48 अरब साल पुराने चट्टान के टुकड़ों का पता लगाया है। वैज्ञानिकों को लगता है कि ये किसी उल्‍कापिंड के पृथ्‍वी से टकराने का पहला सबूत हो सकते हैं। चट्टान के टुकड़े ऑस्‍ट्रेलिया में मिले हैं। 

वैज्ञानिकों को लगता है कि जब उल्‍कापिंड धरती से टकराया होगा तो उसने बड़ी तबाही मचाई होगी। उल्‍कापिंड चकनाचूर होकर इधर-उधर बिखर गया होगा और पृथ्‍वी के गर्म वातावरण में उसके टुकड़े पिघल गए होंगे। जब पृथ्‍वी ठंडी हुई होगी, तब उल्‍कापिंड के अवशेष दोबारा वजूद में आए होंगे। रिसर्चर्स ने अपनी खोज को बीते सप्‍ताह 54वीं लूनार एंड प्‍लैनेटरी साइंस कॉन्‍फ्रेंस में पेश किया, हालांकि इनका रिव्‍यू होना बाकी है। 

रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने उल्‍कापिंड के सबूत पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में पिलबारा क्रेटन से खोजे हैं। उल्‍कापिंडों के असर के अबतक के सबसे पुराने सबूत भी पिलबारा क्रेटन में ही मिले हैं, जोकि 3.47 अरब साल पुराने माने जाते हैं। उसके अलावा, दक्षिण अफ्रीका में कापवाल क्रेटन में भी 3.45 अरब साल पुराने उल्‍कापिंड के अवशेष पाए गए हैं। मौजूदा सबूत 3.48 अरब साल आंके जा रहे हैं, जोकि एक रिकॉर्ड है। 

बताया जाता है कि साल 2019 में वैज्ञानिक इन अवशेषों तक पहुंचे थे, जिन्‍हें स्फेरूल (spherules) कहा जा रहा है। आइसोटोप की मदद से वैज्ञानिकों ने अवशेषों की डेटिंग की। यह काफी विश्‍वसनीय डेटिंग तकनीक मानी जाती है। डेटिंग के बाद वैज्ञानिक इस निष्‍कर्ष पर पहुंचे कि अवशेषों की रासायनिक संरचना उन्‍हें इस ग्रह का नहीं बनाती। दिलचस्‍प यह है कि रिसर्चर्स की इस स्‍टडी का रिव्‍यू होना अभी बाकी है। उल्‍कापिंडों के पृथ्‍वी से टकराने का सबूत देने वाली कई स्‍टडी विवादास्‍पद रही हैं। साइंटिस्‍टों के बीच टकराव भी देखने को मिला है। हालिया स्‍टडी पर अन्‍य वैज्ञानिकों का क्‍या रुख रहता है, यह देखने वाली बात होगी। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Ola Electric की बढ़ी मुश्किल, गीगाफैक्टरी में सेल मैन्युफैक्चरिंग में होगी देरी
  2. Tata Motors ने शुरू किया हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रक का ट्रायल
  3. नए पासपोर्ट नियम! कलर कोड, डॉक्यूमेंट्स और एड्रेस अपडेट; रजिस्ट्रेशन से पहले जान लें ये जरूरी बदलाव
  4. APAAR ID: स्टूडेंट्स के लिए काम की है ये डिजिटल आईडी! जानें रजिस्ट्रेशन और डाउनलोड करने का तरीका
  5. Realme ने 512GB के स्टोरेज वेरिएंट में पेश किया Realme 14 Pro+ 5G, जानें प्राइस, फीचर्स
  6. MWC 2025 में Tecno Camon 40 सीरीज के साथ पेश हुए Megabook S15 OLED लैपटॉप और Watch GT 1 स्मार्टवॉच
  7. Samsung ने MWC 2025 में पेश किया Galaxy S25 Edge, 200MP कैमरा वाला फोन है केवल 5.84mm पतला
  8. 4000 हजार रुपये सस्ता मिल रहा iPhone 16e, Flipkart पर डिस्काउंट
  9. इंफोसिस में सैंकड़ों फ्रेशर्स की छंटनी पर IT वर्कर्स की यूनियन की सरकार से शिकायत
  10. सिर्फ 3 दिनों के लिए फोन छोड़ने से बदल सकता है दिमाग, स्टडी में हुआ खुलासा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »