सूरज से फिर फूटी आफत! M-क्लास कैटिगरी का सोलर फ्लेयर बढ़ रहा धरती की ओर!

नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) की ओर से आज एक सोलर फ्लेयर अलर्ट जारी किया गया है।

सूरज से फिर फूटी आफत! M-क्लास कैटिगरी का सोलर फ्लेयर बढ़ रहा धरती की ओर!

Photo Credit: NASA

इसे एम-क्लास का सोलर फ्लेयर बताया गया है जिसकी इंटेंसिटी काफी ज्यादा होती है।

ख़ास बातें
  • सूर्य में इन दिनों कई तरह की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं।
  • जिससे यहां रेडियो ब्लैकआउट जैसी घटनाएं भी हो चुकी हैं।
  • एक और सोलर फ्लेयर पृथ्वी तक पहुंचने का अलर्ट जारी किया गया है।
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सूर्य में इन दिनों कई तरह की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। पिछले कुछ दिनों में कई सौर तूफान पृथ्वी की ओर पहुंच चुके हैं। इसके अलावा हाल ही में सोलर फ्लेयर (सूर्य के भड़कने से निकली ऊर्जा) भी पृथ्वी तक पहुंच चुका है जिससे यहां रेडियो ब्लैकआउट जैसी घटनाएं भी हो चुकी हैं। आज इसी तरह का एक और सोलर फ्लेयर पृथ्वी तक पहुंचने की खबर आ रही है जो कि काफी प्रभावशाली बताया जा रहा है। इसे M क्लास का सोलर फ्लेयर बताया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं कि सूर्य से निकली ये आफत आज पृथ्वी पर क्या प्रभाव डाल सकती है। 

नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) की ओर से आज एक सोलर फ्लेयर अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, Spaceweatherlive ने भी इस सोलर फ्लेयर को लिस्ट किया है। इसे एम-क्लास का सोलर फ्लेयर बताया गया है जिसकी इंटेंसिटी काफी ज्यादा होती है। यानि कि इस तरह के सोलर फ्लेयर पृथ्वी पर कुछ हद तक प्रभाव डाल सकते हैं। इस सोलर फ्लेयर के धरती तक पहुंचने की संभावना 40% बताई गई है। इसके बारे में कहा गया है कि यह AR3280 नाम के सन स्पॉट से निकला है। 

AR3280 नामक सन स्पॉट सूरज की सतह पर तेजी से फैल रहा स्पॉट है। ये ऐसे स्पॉट होते हैं जो सूरत की सतह पर बनते हैं और इनमें से बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा बाहर निकलती है। जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। 

सोलर फ्लेयर में मौजूद ऊर्जा से भरे कण प्रकाश की गति से अपना सफर तय करते हैं। हाल ही में एक और फ्लेयर सूर्य से निकला था जिसने धरती पर रेडियो ब्लैकआउट कर दिया था। इस फ्लेयर को X1.2 के रूप में क्‍लासिफाइड किया गया। इस फ्लेयर को नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (SDO) ने देखा था। SDO लगातार हमारे सूर्य को मॉन‍िटर कर रही है और उसमें होने वाली हलचलों की जानकारी दे रही है। सूर्य से जिस फ्लेयर का उत्‍सर्जन हुआ, वह एक्‍स क्‍लास का था। इस कैटिगरी के सोलर फ्लेयर सबसे ज्‍यादा पावरफुल होते हैं।
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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