• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • ‘एलियंस’ की तलाश में समुद्र खोदेंगे साइंटिस्‍ट! जानें क्‍या करने वाले हैं

‘एलियंस’ की तलाश में समुद्र खोदेंगे साइंटिस्‍ट! जानें क्‍या करने वाले हैं

Aliens : प्रोफेसर एवी लोएब (Avi Loeb) इस रहस्यमयी चीज को दोबारा हासिल करने के लिए 2.2 मिलियन डॉलर (करीब 17 करोड़ 99 लाख 31 हजार 400 रुपये) का मिशन प्‍लान कर रहे हैं।

‘एलियंस’ की तलाश में समुद्र खोदेंगे साइंटिस्‍ट! जानें क्‍या करने वाले हैं

Aliens : उल्‍कापिंड को ढूंढकर और उसे परखकर लोएब यह समझना चाहते हैं कि क्‍या वह सिर्फ एक अंतरिक्ष चट्टान है या किसी दूसरी सभ्‍यता का स्‍पेसक्राफ्ट।

ख़ास बातें
  • साल 2014 में समुद्र में गिरा था एक उल्‍कापिंड
  • एक साइ‍ंंटिस्‍ट को लगता है कि वह एलियन स्‍पेसक्राफ्ट हो सकता है
  • साइंटिस्‍ट की टीम उल्‍का की तलाश में समुद्र में उतरेगी
विज्ञापन
एलियंस (Aliens) ऐसा विषय है, जिसने दुनियाभर के लोगों, वैज्ञानिकों और सरकारों को रिझाया हुआ है। अमेरिका से लेकर ऑस्‍ट्रेलिया तक साइंटिस्‍ट एलियंस के बारे में जानकारी जुटाने में लगे हैं। हार्वर्ड के एक प्रोफेसर का मानना ​​है कि लगभग एक दशक पहले ऑस्ट्रेलिया के पास दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ उल्का (meteor) एक एलियन स्‍पेसक्राफ्ट हो सकता है। प्रोफेसर एवी लोएब (Avi Loeb) इस रहस्यमयी चीज को दोबारा हासिल करने के लिए 2.2 मिलियन डॉलर (करीब 17 करोड़ 99 लाख 31 हजार 400 रुपये) का मिशन प्‍लान कर रहे हैं। 

प्रोफेसर लोएब जिस उल्‍कापिंड की बात करते हैं, वह साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया के पड़ोसी पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) के तट से लगभग 160 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। लोएब का मानना है कि उनका अभियान इस सवाल का जवाब दे सकता है कि क्‍या इस ब्रह्मांड में हम अकेले हैं। 

लोएब उल्‍कापिंड को ढूंढकर और उसे परखकर यह समझना चाहते हैं कि क्‍या वह सिर्फ एक अंतरिक्ष चट्टान है या किसी दूसरी सभ्‍यता का स्‍पेसक्राफ्ट। ऐसा लगता है कि लोएब ने अपने अभियान के लिए फंड जुटा लिया है। उनकी टीम समुद्र के तल में खोज करेगी और उल्‍कापिंड की संरचना का पता लगाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह अंतरिक्ष चट्टान पृथ्‍वी पर आई ऐसी तीसरी चीज है, जिसके बारे में जानकारी है। पता नहीं और कितनी अंतरिक्ष चट्टानें पृथ्‍वी पर गिरी हैं। 

लोएब को लगता है कि एलियंस होते हैं, लेकिन इस बात को साबित करने के लिए उनके पास कोई सबूत नहीं है। उन्‍हें लगता है कि इस बारे में अभी और स्‍टडी करने की जरूरत है। लोएब को लगता है कि उनका अभियान एलियंस के बारे में जरूरी जानकारी सामने ला सकता है। 

उन्‍होंने कहा कि अधिकांश तारे सूर्य से 5 अरब साल पहले बने थे। उनके आसपास किसी भी सभ्‍यता के पनपने के लिए बहुत समय था। हो सकता है कोई सभ्‍यता मौजूद हो, जो हमतक पहुंचने की कोशिश करे। उन्‍होंने कहा कि हमें यह मान लेना चाहिए कि इस ब्रह्मांड में हम सबसे शातिर नहीं हैं। एलियंस के बारे में जानने के लिए हमें सिर्फ ऊपर ही नहीं देखना, नीचे भी देखने की जरूरत है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  2. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  3. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  4. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  5. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  6. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  7. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  8. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
  9. Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत की हरी झंडी!
  10. Fairphone 6 का डिजाइन और प्राइस लीक, मॉड्यूलर स्मार्टफोन जल्द हो सकता है लॉन्च
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »