Dying Star New Image : मरते हुए तारों के बारे में हमने आपको कई बार बताया है, लेकिन हालिया खबर तस्वीर के साथ है। वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा यानी मिल्की-वे (Milky way) के बाहर एक मरते हुए तारे की पहली डिटेल्ड इमेज को कैप्चर किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, तारा एक अजीब से अंडे के आकार के कोकून में लिपटा है। इसे WOH G64 नाम दिया गया है। यह हमारी पृथ्वी से 1 लाख 60 हजार प्रकाश वर्ष दूर बड़े मैगेलैनिक बादलों में स्थित है।
एनडीटीवी की
रिपोर्ट के अनुसार, जब कोई तारा अपने आखिरी वक्त में होता है, तो उसमें विस्फोट शुरू हो जाते हैं। इस दौरान वह बहुत ज्यादा चमकदार हो जाता है। इसे सुपरनोवा (Supernova) कहते हैं। हालिया खोज को दुनिया के सामने लाते हुए चिली की एन्ड्रेस बेलो यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिसिस्ट- केइची ओहनाका ने कहा कि पहली बार हम अपनी आकाशगंगा के बाहर एक अन्य गैलेक्सी में मरते हुए तारे की जूम इमेज ले पाए हैं।
इस तस्वीर को यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी (ESO) के वेरी लार्ज टेलीस्कोप इंटरफेरोमीटर (VLTI) में लगे ग्रेविटी इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल करके कैप्चर किया गया। इस तारे का साइज हमारे सूर्य से लगभग 2 हजार गुना ज्यादा है।
दो दशकों से तारे को टटोल रहे साइंटिस्ट
वैज्ञानिक लगभग दो दशकों से इस विशालकाय तारे को टटोलते आए हैं। साल 2005 और 2007 में ओहनाका और उनकी टीम ने VLTI टेलीस्कोप का इस्तेमाल करके तारे की खूबियों का पता लगाया था। उस पर स्टडी की गई। जब VLTI में सेकंड जेनरेशन वाले हाईटेक इंस्ट्रूमेंट लग गए, तब विशालकाय तारे को फिर से कैप्चर किया गया।
रिसर्चर्स का मानना है कि तारे के चारों ओर मौजूद गैस और धूल इसके कोकून के मंद होने और तारे के विशाल आकार की वजह हो सकती है। हालांकि अभी यह जानना बाकी है कि तारे में कब विस्फोट शुरू होंगे और यह एक सुपरनोवा बनने की ओर बढ़ जाएगा।