धरती के पास से लगभग 50,000 वर्ष बाद गुजरेगा दुर्लभ हरा धूमकेतु, अगले सप्ताह मिलेगी झलक

इस धूमकेतु को C/2022 E3 कहा जा रहा है और यह लगभग 50,000 वर्षों से धरती के निकट से नहीं गुजरा है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 27 जनवरी 2023 14:21 IST
ख़ास बातें
  • इसे बाइनॉक्युलर और टेलीस्कोप की मदद से काफी स्पष्ट देखा जा सकेगा
  • यह धरती से यह 2.5 लाइट मिनट्स या 2.7 करोड़ मील की दूरी से गुजरेगा
  • यह 12 जनवरी को सूर्य के अपने निकटतम बिंदु पर पहुंचा था

इसकी झलक अगले सप्ताह बुधवार या गुरुवार को दिखने की संभावना है

एक दुर्लभ चमकीला धूमकेतु अगले सप्ताह धरती के पास से गुजरेगा। अंतरिक्ष की घटनाओं में दिलचस्पी रखने वाले लोग अगले सप्ताह बुधवार और गुरुवार को इस दुर्लभ हरे धूमकेतु की झलक देख सकते हैं। हालांकि, इसे बाइनॉक्युलर और टेलीस्कोप की मदद से काफी स्पष्ट देखा जा सकेगा। इसे C/2022 E3 कहा जा रहा है और यह लगभग 50,000 वर्षों से धरती के निकट से नहीं गुजरा है। 

धूमकेतु अक्सर रात को आसमान में एक सफेद लपट के जैसा दिखाई देता है लेकिन इसका हरा रंग दुर्लभ है। इसकी झलक अगले सप्ताह बुधवार या गुरुवार को दिखने की संभावना है। यह बिना बाइनॉक्युलर या टेलीस्कोप के भी दिख सकता है। एस्ट्रोनॉमर्स ने बताया है कि धरती से यह 2.5 लाइट मिनट्स या 2.7 करोड़ मील की दूरी से गुजरेगा। यह Oort क्लाउड से काफी दूर ट्रैवल कर रहा है, जो हमारे सोलर सिस्टम के आसपास मलबे का एक बड़ा गोला है। इस धूमकेतु की खोज एस्ट्रोनॉमर्स Frank Masci और Bryce Bolin ने पिछले वर्ष 2 मार्च को Zwicky Transient Facility के इस्तेमाल से की थी। एक धूमकेतु बर्फ और धूल से बना होता है। जब यह सूर्य के करीब आता है, तो उसकी बर्फ और धूल वाष्पित होने लगती है। 

यह 12 जनवरी को सूर्य के अपने निकटतम बिंदु पर पहुंचा था, जिसे इसके पेरिहेलियन (perihelion) के रूप में भी जाना जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह धूमकेतु सूर्य के लगभग 16 करोड़ किलोमीटर तक नजदीक आएगा। इसके बाद यह पृथ्वी की ओर बढ़ेगा और अभी तक के अनुमान के अनुसार 2 को फरवरी हमारी पृथ्‍वी के सबसे नजदीक आएगा। ऐसा बताया जा रहा है कि जब C/2022 E3 सूर्य के सबसे करीब आएगा, तब इसे दूरबीन की मदद से देखा जा सकेगा। यह जितना तेज चमक रहा है अगर वही चमक बरकरार रहती है, तो जब यह पृथ्‍वी के करीब आएगा, तब आप रात में इसे बिना बाइनॉक्युलर या टेलीस्कोप की मदद के देख सकेंगे। 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के अनुसार, इस धूमकेतु का पीरियड लगभग 50,000 वर्ष है। इसका मतलब है कि पिछली बार जब यह धूमकेतु पृथ्‍वी के 4.2 करोड़ किलोमीटर तक नजदीक आया था, तब हमारा ग्रह पुरापाषाण काल में था। अभी यह धूमकेतु आंतरिक सौर मंडल (inner solar system) से गुजर रहा है। 
 
 

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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