भारत में बिजली कटौती होना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन अमेरिका में यह बहुत बड़ी बात है, खासतौर पर जब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा' (Nasa) को इस समस्या से जूझना पड़े। इस मंगलवार यानी 25 जुलाई को अमेरिका के ह्यूस्टन में नासा की बिल्डिंग में बिजली चली गई। इस वजह से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) और मिशन कंट्रोल के बीच कम्युनिकेशन बाधित हो गया। यानी कुछ समय के लिए स्पेस में मौजूद 7 यात्रियों का पृथ्वी से संपर्क टूट गया था।
न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, अचानक हुई बिजली कटौती की वजह से पहली बार
नासा को बैकअप कंट्रोल सिस्टम पर जाना पड़ा। बिजली गुल होने से मिशन कंट्रोल का आईएसएस के साथ कमांड, टेलीमेट्री और ऑडियो कम्युनिकेशन बाधित हो गया।
ह्यूस्टन स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर में एक अपग्रेडिंग प्रोजेक्ट के दौरान यह घटना हुई। आईएसएस पर सवार अंतरिक्ष यात्री परेशान ना हों, इस वजह से रूसी कम्युनिकेशन सिस्टम की मदद से अंतरिक्ष यात्रियों को सारे मामले की जानकारी दी गई।
रिपोर्ट में नासा के हवाले से कहा गया है कि अंतरिक्ष यात्रियों और आईएसएस को कोई खतरा पैदा नहीं हुआ। बैकअप कंट्रोल सिस्टम की मदद से 90 मिनट में कम्युनिकेशन को फिर से बहाल कर दिया गया था। नासा का कहना है कि समस्या की वजह आईएसएस नहीं, बल्कि ग्राउंड पर आई खराबी थी। कोई भी क्रू मेंबर या स्पेसक्राफ्ट को खतरा नहीं था।
ऐसे हालात से निपटने के लिए नासा के पास बैकअप कंट्रोल सिस्टम मौजूद है। हालांकि ऐसा पहली बार हुआ, जब बैकअप कंट्रोल सिस्टम की मदद लेनी पड़ी। इस सिस्टम को उस वक्त के लिए तैयार किया गया है, जब खराब मौसम यानी तूफान की वजह से नासा की बिल्डिंग को बंद करना पड़े। हालांकि पहली बार बैकअप सिस्टम को चालू करना पड़ा, वह भी बिजली जाने की वजह से। नासा ने ह्यूस्टन से सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने बैकअप कंट्रोल सिस्टम को तैयार किया है।
क्या है आईएसएस
धरती से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में तैनात है-
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) (ISS)। यह कई देशों का जॉइंट प्रोजेक्ट है, जिसमें अमेरिका और रूस भी शामिल हैं। आईएसएस पर अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल हमेशा तैनात रहता है और विज्ञान से जुड़े प्रयोगों व दूसरे कामों को पूरा करता है।