अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) मंगल ग्रह को एक्स्प्लोर कर रही है। नासा ने वहां अपने मिशन भेजे हैं, जिनकी मदद से ग्रह से रॉक सैंपल्स को कलेक्ट किया जा रहा है। बुधवार को नासा ने बताया कि उसने साल 2033 में मंगल ग्रह से 30 रॉक सैंपल्स को पृथ्वी पर लाने की योजना बनाई है और इस मिशन में मदद के लिए वह दो छोटे हेलीकॉप्टर भेज रही है। गौरतलब है कि मंगल ग्रह से सैंपल इकट्ठा करने का काम नासा का पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance rover) कर रहा है। इसने पिछले साल फरवरी में ग्रह पर लैंड किया था और अबतक 11 सैंपल्स को इकट्ठा कर चुका है। नासा के सामने एक बड़ी चुनौती इन सैंपल्स को पृथ्वी पर लाना है, ताकि इनके बारे में डिटेल स्टडी की जा सके।
एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले नासा की तैयारी मंगल ग्रह पर एक और रोवर भेजने की थी, जो पर्सवेरेंस रोवर से उसके सैंपल्स को लेकर उन्हें अपने रोबोट लैंडर में ला सके, जिसे मार्स एसेंट वीकल (Mars Ascent Vehicle) कहा जाता है। हालांकि अब प्लानिंग में बदलाव किया गया है और पर्सवेरेंस ही ज्यादातर काम पूरा करेगा।
लेकिन नासा हमेशा दूसरे प्लान्स तैयार रखती है। पर्सवेरेंस के साथ कोई परेशानी आने की स्थिति में उसके पास एक बैकअप प्लान है। इसके तहत साल 2028 में पृथ्वी से लॉन्च होना वाला लैंडर जो मंगल ग्रह पर साल 2030 के मध्य तक उतरेगा, अपने साथ दो मिनी हेलीकॉप्टर भी ले जाएगा।
पर्सवेरेंस रोवर भी अपने साथ एक हेलीकॉप्टर लेकर आया था। इनजेनिटी (Ingenuity) नाम के इस हेलीकॉप्टर ने अपनी परफॉर्मेंस से पूरी दुनिया को हैरान किया है। यह अबतक मंगल ग्रह पर 29 उड़ानें भर चुका है। जानकारी के अनुसार, 2028 में लॉन्च होने वाले लैंडर के साथ जो हेलीकॉप्टर भेजे जाएंगे, वो थोड़े भारी होंगे। जमीन पर चलने में भी सक्षम होंगे, क्योंकि उनमें पहिए लगे होंगे। इन हेलीकॉप्टर में छोटे आर्म भी होंगे, ताकि वो सैंपल्स को रिकवर कर सकें। जानकारी के मुताबिक, जो ऑर्बिटर इन सैंपल्स को लेकर पृथ्वी पर लौटेगा उसके साल 2033 में यूटा (Utah) रेगिस्तान में लैंड करने की उम्मीद है।