पिछले कई दशकों से मंगल ग्रह पर एलियंस की मौजूदगी के बारे में बात होती रही है। हालांकि अगर लाल ग्रह पर ऐसा कुछ मिला है, तो निश्चित रूप से पृथ्वी से वहां भेजे गए रोवर्स को इसके संकेत मिले होंगे। ऐसा लगता है कि नासा (NASA) का क्यूरियोसिटी रोवर पहले (Curiosity rover) मंगल ग्रह पर कुछ गुप्त जानकारियों की खोज में जुटा है। यह मंगल ग्रह से पृथ्वी पर साइंटिस्ट को इमेजेस भेजता रहता है। ऐसी ही एक तस्वीर में ग्रह के चट्टानी इलाकों में कुछ खास दिखाई देता है। तस्वीर को देखकर ऐसा लगता है कि मंगल ग्रह की चट्टानों के बीच क्यूरियोसिटी रोवर एक दरवाजे तक पहुंचा है। सवाल उठता है कि आखिर यह क्या है। क्या इसका संबंध मंगल ग्रह पर एलियंस की मौजूदगी से है।
यह इमेज नासा के मार्स रोवर ‘क्यूरियोसिटी' पर लगे मास्टकैम से ली गई। यह ग्रह के एक जियोलॉजिकल फीचर को दर्शाता है, जिसे ग्रीनह्यू पेडिमेंट (Greenheugh Pediment) के नाम से जाना जाता है।
तस्वीर को देखकर कोई भी यह विश्वास कर सकता है कि यह मंगल ग्रह पर एक गुप्त गुफा का प्रवेश द्वार है या किसी सुरंग की शुरुआत है, जो दूर तक जाती है। हालांकि यह बात सच्चाई से बहुत दूर है।
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रिपोर्ट के अनुसार, मंगल ग्रह की चट्टानों में जो ओपनिंग दिखाई देती है, वह भ्रामक हो सकती है। भले ही कुछ लोग किसी प्रवेश द्वार की तरह समझे, पर यह चट्टानों के बीच का एक फर्क है, जो कुछ सेंटीमीटर चौड़ा हो सकता है। खास बात यह है कि तस्वीर उस ऑब्जेक्ट के आकार के बारे में पूरी जानकारी नहीं देती है।
जो रेडिट यूजर इस तस्वीर को देखकर कई तरह के अनुमान लगा रहे हैं उन्हें वैज्ञानिक परिपेक्ष्य में भी सोचना चाहिए। चट्टानों में ऐसी आकृति भूकंपों की वजह से भी हो सकती है, जो चट्टान पर दबाव डालकर उसे तोड़ देते हैं। यह एकमात्र फ्रैक्चर नहीं है, जो नजर आया है। इमेज के चारों ओर देखने पर कई और फ्रैक्चर नजर आते हैं।
नासा का क्यूरियोसिटी रोवर इस ग्रह के बारे में आए दिन नई जानकारियां दे रहा है। कुछ अजीब तस्वीरों को छोड़ दें, तो यह रोवर कई तरह के टेस्ट भी अंजाम दे रहा है। कुछ महीने पहले क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह कार्बन सिग्नेचर खोजे थे, हालांकि अभी यह साबित नहीं हो सका है कि वहां कभी जीवन हुआ करता था। इसके बावजूद संभावनाएं बढ़ी हैं। अभी यह रोवर मंगल की सतह से उसके सैंपल जुटा रहा है। इनमें से कई सैंपल्स की जांच में वैज्ञानिकों को पता चला है कि कुछ सैंपल इस ग्रह पर जीवन के संकेत देते हैं। हालांकि यह लंबी रिसर्च का विषय है, जिस और कई और पुख्ता प्रमाण की जरूरत होगी।