• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Nasa ने अंतरिक्ष से पता लगा लिया, कौन से देश धरती को ‘संकट’ में डाल रहे, देखें मैप

Nasa ने अंतरिक्ष से पता लगा लिया, कौन से देश धरती को ‘संकट’ में डाल रहे, देखें मैप

स्‍टडी में नासा की ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्जर्वेटरी-2 (OCO-2) अंतरिक्ष यान और जमीनी ऑब्‍जर्वेशन से मिले डेटा का इस्‍तेमाल किया गया। रिसर्चर्स ने साल 2015 से 2020 तक कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को ट्रैक किया।

Nasa ने अंतरिक्ष से पता लगा लिया, कौन से देश धरती को ‘संकट’ में डाल रहे, देखें मैप

Photo Credit: NASA’s Scientific Visualization Studio

ध्‍यान देने वाली है कि OCO-2 मिशन का मकसद तमाम देशों के कार्बन उत्‍सर्जन का अनुमान लगाना नहीं था।

ख़ास बातें
  • कार्बन उत्‍सर्जन करने वालों में अमेरिका-चीन सबसे आगे
  • 100 से ज्‍यादा देशों के CO2 उत्‍सर्जन को ट्रैक किया गया
  • स्‍टडी में कई सुझाव भी दिए गए हैं
विज्ञापन
कार्बन उत्‍सर्जन (carbon dioxide emissions) दुनियाभर के देशों के बीच बहस की वजह बनता है। तमाम देश दावा और वादा करते हैं कि वो कार्बन डाईऑक्‍साइड और अन्‍य ग्रीन हाउस गैसों का उत्‍सर्जन कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन कोई ठोस पहल दिखाई नहीं देती। अब रिसर्चर्स ने नासा के अर्थ-ऑब्‍जर्विंग सैटेलाइट की मदद से दुनिया में 100 से ज्‍यादा देशों के कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को ट्रैक किया है। स्‍टडी से जुड़ा एक मैप जारी किया गया है। इसमें उन देशों को हरे रंग से प्रदर्शित किया गया है, जिन्‍होंने कार्बन डाईऑक्‍साइड उत्‍सर्जन की तुलना में उसे ज्‍यादा अवशोषित किया। जब गहरे रंग से प्रदर्श‍ित किए गए देश कार्बन डाईऑक्‍साइड का उत्‍सर्जन अधिक करते हैं। इनमें अमेरिका और चीन सबसे आगे हैं।  

इस स्‍टडी में नासा की ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्जर्वेटरी-2 (OCO-2) अंतरिक्ष यान और जमीनी ऑब्‍जर्वेशन से मिले डेटा का इस्‍तेमाल किया गया। रिसर्चर्स ने साल 2015 से 2020 तक कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को ट्रैक किया। ध्‍यान देने वाली है कि OCO-2 मिशन का मकसद तमाम देशों के कार्बन उत्‍सर्जन का अनुमान लगाना नहीं था।

नासा की अर्थ साइंस डिविजन के डायरेक्‍टर करेन सेंट जर्मेन ने कहा कि यह एक उदाहरण है कि नासा कैसे कार्बन उत्सर्जन को मापने के प्रयासों को डेवलप कर रही है। स्‍टडी से जुड़े लेखकों को कहना है कि यह अध्‍ययन तमाम देशों के लिए फायदेमंद हो सकता है। कई ऐसे देश जिन्‍होंने पिछले कई वर्षों से अपना कार्बन उत्‍सर्जन रिकॉर्ड नहीं किया है, उनका डेटा भी इस स्‍टडी में जुटाया गया है। 

स्‍टडी में पता चला है कि सिर्फ पेड़ों की कटाई से लैटिन अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ओशियाना के इलाकों में कार्बन उत्‍सर्जन बढ़ा है। यह स्‍टडी बताती है कि कार्बन उत्‍सर्जन को किस तरह से कम किया जा सकता है। ऐसे जंगल, जहां इंसानी दखल कम है, उनकी मदद से कार्बन उत्‍सर्जन में कमी लाई जा सकती है। रिसर्चर्स का कहना है कि उनके इस पायलट एक्‍सपेरिमेंट को भविष्‍य में और बेहतर किया जा सकता है, जिससे यह पता चलेगा कि दुनियाभर के देशों में कार्बन उत्‍सर्जन किस तरह से बदल रहा है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Bihar Board 10th Result Live: बिहार बोर्ड के 10वीं के रिजल्ट कुछ ही देर में, यहां चेक करें ऑनलाइन
  2. Lava Agni 3 5G: मात्र Rs. 16 में दो डिस्प्ले वाला 5G फोन, स्मार्टवॉच भी! LAVA की जबरदस्त सेल, जानें ऑफर
  3. सूर्य ग्रहण 2025: आज इतने बजे लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें कहां, कैसे देख सकते हैं ग्रहण का नजारा
  4. भारत में गूगल को राहत, NCLAT ने जुर्माना 936 करोड़ रुपये से घटाकर 220 करोड़ रुपये किया
  5. Instagram ने जोड़ा TikTok जैसा फीचर, अब Reels को कर सकेंगे फास्ट-फॉरवर्ड
  6. OnePlus 13T के डिजाइन का खुलासा, OnePlus प्रेसिडेंट का सुझाव जल्द पेश होगा कॉम्पैक्ट फोन
  7. OTT Release This Week: हॉरर, कॉमेडी, ड्रामा से भरपूर Sabdham, Om Kali Jai Kali, Viduthalai Part 2 जैसी फिल्में इस हफ्ते OTT पर!
  8. कल लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, भारत में मोबाइल, लैपटॉप या TV में ऐसे देखें ऑनलाइन
  9. WhatsApp लाया iOS यूजर्स के लिए बड़े काम का फीचर, मैसेज और कॉलिंग होगी आसान, जानें कैसे
  10. Redmi A5 स्मार्टफोन 5200mAh बैटरी, 32MP कैमरा के साथ हुआ लॉन्च, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »