स्टडी में नासा की ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्जर्वेटरी-2 (OCO-2) अंतरिक्ष यान और जमीनी ऑब्जर्वेशन से मिले डेटा का इस्तेमाल किया गया। रिसर्चर्स ने साल 2015 से 2020 तक कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को ट्रैक किया।
Photo Credit: NASA’s Scientific Visualization Studio
ध्यान देने वाली है कि OCO-2 मिशन का मकसद तमाम देशों के कार्बन उत्सर्जन का अनुमान लगाना नहीं था।
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