एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेसएक्स (SpaceX) दुनियाभर में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने के लिए काम कर रही है। इसके लिए कंपनी एक के बाद एक स्टारलिंक सैटेलाइट अंतरिक्ष में पहुंचा रही है। कंपनी को 12 हजार सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए इजाजत मिली है। इसमें से कई हजार सैटेलाइट लॉन्च किए जा चुके हैं। कंपनी ने सेकंड जेनरेशन वाले 30 हजार सैटेलाइट के लिए और अनुरोध किया है। इसी को लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने चिंता जताई है।
रॉयटर्स के मुताबिक, सा ने फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन को लिखा है कि इससे कंजक्शन के मामलों में बढ़ोतरी होने और नासा के साइंस और ह्यूमन स्पेसफ्लाइट मिशन में असर पड़ने की संभावना है। नासा के मुताबिक, मौजूदा वक्त में ऑर्बिट में कुल 25,000 ऑब्जेक्ट हैं। और 600 किलोमीटर से नीचे लगभग 6100 ऑब्जेक्ट हैं। SpaceX द्वारा सेकंड जेनरेशन सैटेलाइट के विस्तार से ऑर्बिट में ऑब्जेक्ट की संख्या दोगुना हो जाएगी और 600 किलोमीटर से नीचे ऑब्जेक्ट की संख्या पांच गुना से ज्यादा बढ़ जाएगी।
अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी पैनल के अंतर्गत आने वाले हार्वर्ड-स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिसिस्ट जोनाथन मैकडॉवेल ने कहा है कि हम इतनी बड़ी संख्या में सैटेलाइट को रखने से चिंतित हैं। यह खगोलीय ऑब्जर्वेशन में बाधा करते हैं। हजारों की संख्या में सैटेलाइट ऑपरेट करने से पहले हमें थोड़ा ज्यादा समय चाहिए।
SpaceX ने इस मामले में मांगे गए कमेंट पर तुरंत जवाब नहीं दिया। एलन मस्क ने 15 जनवरी को ट्वीट किया था कि SpaceX के 1469 स्टारलिंक सैटेलाइट एक्टिव हैं। जल्द 272 सैटेलाइट ऑर्बिट में चले जाएंगे।
SpaceX की तरह ही एमेजॉन ने अपने प्रोजेक्ट कुइपर (Kuiper) के जरिए 3,236 ऐसे सैटेलाइट के निर्माण के लिए 10 बिलियन डॉलर (लगभग 74,290 करोड़ रुपये) खर्च करने का वादा किया है। उसने भी स्पेसएक्स की योजना के बारे में चिंता व्यक्त की थी। एमेजॉन ने कहा चेतावनी दी कि इस ओवरलैप से कुइपर सिस्टम पर जोखिम बढ़ जाएगा। एमेजॉन ने इस मामले में उचित शर्ते लागू करने का अनुरोध किया है।
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