Japan के चांद मिशन पर गया SLIM लैंडर अब शायद हमेशा के लिए सो जाने वाला है, या फिर नहीं। जापान की स्पेस एजेंसी JAXA ने बताया है कि स्लिम मून लैंडर एक बार फिर से नींद के आगोश में जा रहा है। यानी कि लैंडर स्लीप मोड में जा रहा है। लैंडिंग साइट पर अब सूरज अस्त होने वाला है। लैंडर को सौर ऊर्जा मिलनी बंद हो चुकी है, और यह काम करना बंद कर चुका है। 14 दिनों तक अब लैंडिंग साइट पर जमा देने वाली ठंड पड़ती रहेगी। ऐसे में क्या जापान का चांद मिशन समाप्त हो जाएगा? आइए विस्तार से बताते हैं।
जापान ने जनवरी 2024 में चांद पर कदम रख कर इतिहास रच दिया था। जापान पांचवा ऐसा देश बन चुका है जो चांद पर सफल लैंडिंग कर पाया है। लैंडर चांद के थियोफिलस क्रेटर में मारे नेक्टारिस नामक स्थान पर 19 जनवरी को लैंड हुआ था। मिशन में शुरुआत से ही चुनौतियां आती रहीं। पहले तो लैंडिंग के समय स्पेसक्राफ्ट बाउंस हो गया जिससे कि यह नाक के बल लैंड हुआ। इस कारण लैंडर पर लगा सोलर पैनल ऐसी स्थिति में पहुंच गया कि सूरज की किरणें इस पर नहीं पड़ीं।
कुछ दिन पहले, 29 जनवरी को ही लैंडर एक्टिव हुआ, जब सूर्य की स्थिति ऐसी हो गई कि इसके सोलर पैनल पर सूर्य का प्रकाश पड़ सके। लेकिन यहां भी लैंडर की किस्मत खराब रही क्योंकि चांद के दिन के हिसाब से इसे सूरज का प्रकाश बहुत लेट मिल रहा था, क्योंकि यह पश्चिम की ओर हो गया था। LiveScience के
अनुसार, अब लैंडर पर 14 दिनों तक सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाएगा। इस बीच लैंडर चांद की बर्फीली की रातों को झेल पाएगा या नहीं, इस पर संशय बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान रात में चांद की सतह का तापमान -130 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। जिससे लैंडर की बैटरी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खराब हो सकते हैं। लेकिन जापानी स्पेस एजेंसी JAXA को उम्मीद है कि सूरज की रोशनी जब दोबारा लैंडर पर पड़ेगी तो यह फिर से उठेगा।
नींद में जाने से पहले लैंडर ने चांद की सतह के कुछ रोचक फोटो भेजे हैं जो स्पेस एजेंसी ने शेयर किए हैं। एजेंसी ने X हैंडल के माध्यम से बताया कि उन्होंने SLIM लैंडर के कम्युनिकेटर को कमांड भेजने की कोशिश की। लेकिन रेस्पॉन्स नहीं आया। इसका मतलब है कि SLIM अब नींद में जा चुका है। सोने से पहले SLIM द्वारा कैप्चर किया गया ये आखिरी नजारा है। एजेंसी ने फोटो को सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है जिसे काफी पसंद किया जा रहा है।