• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • जापान के SLIM लैंडर ने चांद पर की सॉफ्ट लैंडिंग, लेकिन नहीं है पावर! अब मिशन ...

जापान के SLIM लैंडर ने चांद पर की सॉफ्ट लैंडिंग, लेकिन नहीं है पावर! अब मिशन ...

जापान का चांद पर सफलतापूर्वक कदम रखना इसे अब दुनिया का पांचवा देश बना देता है जो चांद पर पहुंचने में कामयाब हुए हैं।

जापान के SLIM लैंडर ने चांद पर की सॉफ्ट लैंडिंग, लेकिन नहीं है पावर!  अब मिशन ...

जापान चांद पर कदम रखने वाला पांचवां देश बन गया है।

ख़ास बातें
  • जापान सफलतापूर्वक चांद पर कदम रखने में कामयाब हो गया है।
  • SLIM व्हीकल ने शनिवार को मध्य रात्रि में चांद की सतह पर लैंड किया।
  • अधिकारी मान रहे हैं कि लैंडिंग के दौरान सोलर पैनल खराब नहीं हुए हैं।
विज्ञापन
जापान सफलतापूर्वक चांद पर कदम रखने में कामयाब हो गया है। जापान के स्‍मार्ट लैंडर फॉर इन्‍वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) व्हीकल ने शनिवार को मध्य रात्रि में चांद की सतह पर लैंड किया। लेकिन क्राफ्ट में कुछ तकनीकी खराबी आने के कारण अभी यह साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि यह अपने सभी मकसद वहां पर पूरे कर पाएगा या नहीं। क्योंकि जिस खराबी की बात यहां की गई है, वह इसके सोलर पावर इस्तेमाल करने से जुड़ी है। ऐसे में अगर लैंडर सोलर पावर का इस्तेमाल नहीं कर पाता है तो मिशन के लक्ष्य पूरा होने में अड़चन पैदा होगी। 

जापान का चांद पर सफलतापूर्वक कदम रखना इसे अब दुनिया का पांचवा देश बना देता है जो चांद पर पहुंचने में कामयाब हुए हैं। इससे पहले अमेरिका, रूस, चीन, और भारत ने चांद पर कदम रखने में सफलता पाई है। Reuters के मुताबिक, देश की अंतरिक्ष एजेंसी जापान ऐरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) की ओर से एक अधिकारी ने कहा है कि लैंडर सतह पर उतरने में कामयाब हो गया है, लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है कि यह अपने टारगेट साइट से 100 मीटर के दायरे के भीतर उतरा है या नहीं।  

जापानी स्पेस एजेंसी के प्रेसिडेंट हिरोशी यामानाका ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्हें लगता है वे सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब हो गए हैं। वहां से लगातार डेटा धरती पर भेजा जा रहा है, जिसका मतलब है कि सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता मिल गई है। लेकिन यहां एक समस्या खड़ी हो गई है। अधिकारियों ने कहा है कि लैंडर पर लगे सोलर पैनल बिजली पैदा नहीं कर पा रहे हैं, और लैंडर अभी उस पर लगी बैटरी से ही चल रहा है। यह बैटरी केवल कुछ घंटों तक ही चल सकती है। 

ऐसे में लैंडर का मिशन खटाई में पड़ सकता है क्योंकि वहां गतिविधि करने के लिए बिजली की आवश्यकता होगी। अधिकारियों ने कहा है कि वे उपलब्ध बैटरी के अनुसार ही वहां पर ज्यादा से ज्यादा काम करने की कोशिश करेंगे। लेकिन साथ में ये भी कहा कि बैटरी खत्म होना मिशन का खत्म होना नहीं है। अधिकारी मान रहे हैं कि लैंडिंग के दौरान सोलर पैनल खराब नहीं हुए हैं। जब सूर्य कुछ हफ्तों में अपना एंगल बदलेगा तो पैनल बिजली पैदा करना शुरू कर सकते हैं, और मिशन में आगे बढ़ा जा सकता है। बहरहाल, जापान चांद पर कदम रखने में कामयाब हो गया है, लेकिन मिशन पर सवालिया निशान लग गया है। ऐसे में देखना होगा कि जापान अपनी इस कोशिश में कहां तक सफल हो पाता है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
  2. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
  3. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  4. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  5. अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! FIR से लेकर सबूत तक होगा ऑनलाइन
  6. Honor की Magic 8 सीरीज के लॉन्च की तैयारी, 4 मॉडल हो सकते हैं शामिल
  7. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ कोर्ट जा सकती हैं बड़ी गेमिंग कंपनियां
  8. Samsung के Galaxy S26 Pro और Galaxy S26 Edge में मिल सकता है Exynos 2600 चिपसेट
  9. itel ZENO 20 भारत में लॉन्च: 5000mAh बैटरी, 128GB तक स्टोरेज और बड़ा डिस्प्ले, कीमत Rs 5,999 से शुरू
  10. Vivo T4 Pro जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल Sony प्राइमरी कैमरा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »