• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • एलियंस की खोज के और करीब ले जा सकता है जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप, करेगा यह काम

एलियंस की खोज के और करीब ले जा सकता है जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप, करेगा यह काम

वैज्ञानिकों का मानना है कि जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप की मदद एक्‍सोप्‍लैनेट की सतह (surface) को समझने में ली जा सकती है।

एलियंस की खोज के और करीब ले जा सकता है जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप, करेगा यह काम

गौरतलब है कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का एक टार्गेट आसपास के स्थलीय एक्सोप्लैनेट के वायुमंडल का विश्लेषण करना भी है।

ख़ास बातें
  • जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप की मदद से ऐसे ग्रहों को परखा जा सकता है
  • एक्‍सोप्‍लैनेट ऐसे ग्रह हैं, जो हमारे सूर्य का चक्‍कर नहीं लगाते
  • माना जाता है कि ऐसे ग्रहों पर जीवन की संभावना हो सकती है
विज्ञापन
अंतरिक्ष में तैनात अबतक की सबसे बड़ी दूरबीन यानी ‘जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप' से वैज्ञानिकों को बड़ी उम्‍मीदें हैं। दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियां हमारे सौरमंडल को टटोल रही हैं और उनकी खोजों में एलियंस यानी विदेशी दुनिया भी शामिल है। वैज्ञानिकों को लगता है कि जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप उन एक्‍सोप्‍लैनेट्स का सुराग लगा सकता है, जिन पर जीवन होने की उम्‍मीदें लगाई जाती रही हैं। एक नए शोध में पता चला है कि पृथ्‍वी जैसे संभावित चट्टानी ग्रह की जलवायु उस ग्रह की सतह पर मौजूद जमीन और पानी की मात्रा व उसकी लोकेशन पर निर्भर करती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप की मदद ऐसे ग्रहों की सतह (surface) को समझने में ली जा सकती है।   

स्‍पेसडॉटकॉम के मुताबिक, टोरंटो यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ फ‍िजिक्‍स के स्‍टूडेंट एवलिन मैकडोनाल्ड ने कहा, हमारी रिसर्च में पता चलता है कि पृथ्वी जैसे ग्रहों पर जमीन के डिस्‍ट्रीब्‍यूशन का वहां की जलवायु पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। खगोलविदों को जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप जैसे उपकरणों के साथ इन ग्रहों को देखने में मदद लेनी चाहिए, ताकि उन ग्रहों को बेहतर तरीके समझा जा सके। 

मैकडॉनल्ड्स ने इस स्‍टडी को लीड किया। उनकी टीम ने एक्सोप्लासिम (ExoPlaSim) नाम के एक क्‍लाइमेट सिमुलेशन का इस्‍तेमाल किया, ताकि यह समझा जा सके कि पृथ्वी जैसे ग्रहों पर जमीन के डिस्‍ट्रीब्‍यूशन का वहां की जलवायु पर असर पड़ता है या नहीं। वैज्ञानिक जानना चाहते थे कि जमीन, समुद्र की मात्रा और उसकी लोकेशन का दुनिया की जलवायु पर कैसे असर पड़ता है। 

वैज्ञानिकों को लगता है कि लाल बौने तारों का चक्‍कर लगाने वाले चट्टानी ग्रह जो अपने तारों के बहुत करीब होते हैं, वहां की दुनिया रहने लायक हो सकती है। ऐसे ग्रह ठंडे होते हैं और वहां पानी हो सकता है। हालांकि ऐसे ग्रहों के बारे में काफी रिसर्च की जरूरत है। मसलन, वहां का तापमान बहुत ज्‍यादा होगा, तो कौन सी स्थितियां उसे रहने लायक बना सकती हैं। 

गौरतलब है कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का एक टार्गेट आसपास के स्थलीय एक्सोप्लैनेट के वायुमंडल का विश्लेषण करना भी है। टेलीस्‍कोप यह तय करने में भी मदद करेगा कि उनमें से कोई ग्रह रहने लायक हो सकता है या नहीं। इसकी मदद से वैज्ञानिक उन ग्रहों की सतह को समझने की कोशिश करेंगे। जानेंगे कि वहां की दुनिया रेगिस्‍तानी है या उसमें समुद्र होने की कितनी संभावना है। वैज्ञानिक किसी एक्‍सोप्‍लैनेट पर जीवन की संभावना तलाश पाते हैं, तो वह एलियन दुनिया को खोजने के करीब पहुंच सकते हैं। एक्‍सोप्‍लैनेट उन ग्रहों को कहा जाता है, जो हमारे सूर्य की नहीं, बल्कि दूसरे तारों की परिक्रमा करते हैं।  
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में इस हफ्ते लॉन्च होंगे ये स्मार्टफोन, Realme से लेकर Lava और iQOO का रहेगा जलवा
  2. Samsung Galaxy F36 5G vs Moto G96 5G vs Redmi Note 14 5G: 20 हजार में कौन सा रहेगा बेस्ट फोन?
  3. कोडिंग प्रतियोगिता में AI को इस शख्स ने दी मात, मानव अभी तक मशीन से आगे
  4. भारत का बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX बना हैकिंग का शिकार, 368 करोड़ रुपये का हुआ लॉस
  5. Maruti Suzuki की इलेक्ट्रिक Vitara सितंबर में होगी लॉन्च, जानें स्पेसिफिकेशंस, रेंज
  6. Tecno Pova 7 Pro vs Moto G96 5G vs Samsung Galaxy M36 5G: जानें कौन सा फोन रहेगा बेस्ट
  7. सैमसंग की नई फोल्डेबल स्मार्टफोन सीरीज ने भारत में बनाया बुकिंग का रिकॉर्ड
  8. Redmi 15C में मिल सकती है 6,000mAh बैटरी, जल्द लॉन्च की तैयारी
  9. Samsung Galaxy F36 5G Launched in India: 5000mAh बैटरी और AI फीचर्स वाला सैमसंग फोन भारत में लॉन्च, जानें कीमत
  10. AI से नेताओं की नौकरी तो सुरक्षित है, लेकिन क्या आप सेफ हैं?
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »