ISRO ने कहा, सुनीता विलियम्स की स्थिति गगनयान मिशन के लिए एक सीख होगी

अंतरिक्ष में दो महीने से अधिक से NASA के एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और Butch Wilmore फंसे हैं

ISRO ने कहा, सुनीता विलियम्स की स्थिति गगनयान मिशन के लिए एक सीख होगी

गगनयान मिशन के लिए अप्रत्याशित तकनीकी समस्याओं के लिए तैयारी होना जरूरी है

ख़ास बातें
  • अंतरिक्ष में दो महीने से अधिक से विलियम्स और एक अन्य एस्ट्रोनॉट फंसे हैं
  • गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट इस वर्ष के अंत में हो सकती है
  • इसकी तैयारी को लेकर ISRO काफी सतर्कता बरत रहा है
विज्ञापन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की एस्ट्रोनॉट Sunita Williams के सामने आ रही चुनौतियां देश के Gaganyaan मिशन के लिए महत्वपूर्ण सीख होगी। अंतरिक्ष में दो महीने से अधिक से विलियम्स और एक अन्य एस्ट्रोनॉट Butch Wilmore फंसे हैं। Boeing के Starliner को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अनॉडकिंग करने में मुश्किल हो रही है। इस वजह से इन एस्ट्रोनॉट्स की धरती पर वापसी नहीं हो पा रही। 

ISRO के प्रमुख, S Somanath ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा कि यह स्थिति गगनयान मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण सीख है। इस ह्युमन रेटेड रॉकेट की पहली टेस्ट फ्लाइट इस वर्ष के अंत में हो सकती है। सोमनाथ ने बताया कि NASA के सामने आ रही चुनौतियों को समझने से ISRO को अपने मिशन की तैयारी करने में सहायता मिलेगी। गगनयान मिशन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि इसमें स्पेसक्राफ्ट और प्रोसीजर्स की विभिन्न आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी हो। 

हालांकि, सोमनाथ का कहना था कि मीडिया में विलियम्स की स्थिति को अंतरिक्ष में फंसना बताया जा रहा है, जबकि यह वापसी में अक्षम होने के बजाय अंतिरक्ष में उनकी मौजूदगी को बढ़ाने का मामला है। Starliner में हो रही समस्या के कारण NASA ने SpaceX से सहायता मांगी थी लेकिन Boeing के स्पेससूट और SpaceX के Dragon स्पेसक्राफ्ट के बीच कम्पैटिबिलिटी नहीं होने से चुनौती बढ़ गई है। अनुभवी एस्ट्रोनॉट, विलियम्स इससे पहले भी स्पेस मिशंस में स्टे को बढ़ाने की स्थिति का सामना कर चुकी हैं। इस वजह से उनके पास ऐसी स्थिति से निपटने का अनुभव है। 

गगनयान मिशन के लिए अप्रत्याशित तकनीकी समस्याओं के लिए तैयारी होना जरूरी है। इस मिशन को इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि जिससे यह पहली कोशिश में ही सफलता हासिल कर सकेगा। इसकी तैयारी को लेकर ISRO काफी सतर्कता बरत रहा है। गगनयान मिशन में तीन दिनों के लिए तीन सदस्यीय क्रू को 400 किलोमीटर के ऑर्बिट पर भेजा जाएगा और उसके बाद उन्हें सुरक्षित धरती पर लाया जाएगा। ISRO ने इसके लिए टेस्टिंग और डिमॉन्स्ट्रेशन को बढ़ाया है। पिछले वर्ष ISRO ने चंद्रयान-3 मिशन को सफलता से पूरा किया था। देश ने अंतरिक्ष से जुड़े अभियानों में विशेषज्ञता को बढ़ाया है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में Apple के प्रोडक्ट्स में यूजर्स को सिक्योरिटी के रिस्क की चेतावनी
  2. 2025 BMW iX: 701 Km तक रेंज वाली इलेक्ट्रिक SUV हुई पेश, जानें भारत में कब होगी लॉन्च?
  3. Jio कनेक्शन को एक्टिव रखना हुआ और महंगा! कंपनी ने बंद किए 2 सस्ते प्लान
  4. बोनस का ऐसा तरीका नहीं देखा होगा! 'जितना गिनोगे, उतना ले जाओ' – वायरल हुआ अनोखा वीडियो
  5. Xiaomi 15 Ultra में मिलेगा 16GB रैम और 512GB स्टोरेज वाला वेरिएंट! लॉन्च से पहले कलर ऑप्शन भी लीक
  6. GTA 6 के फैंस का इंतजार खत्म! सितंबर में लॉन्च हो सकता है गेम, स्टोर लिस्टिंग हुई लीक
  7. चीनी AI मॉडल DeepSeek पर गिरी गाज, इस देश ने हटाया ऐप
  8. Vivo के सस्ते स्मार्टफोन Vivo T4x और Vivo Y59 भारत में जल्द होंगे लॉन्च, यहां आए नजर!
  9. बेंगलुरु की कंपनी में निकली 'चीफ डेटिंग ऑफिसर' की नौकरी, ऑनलाइन भी कर सकते हैं अप्लाई; लेकिन पहले जान लें दिलचस्प शर्तें
  10. Samsung Galaxy S25 Ultra vs iPhone 16 Pro Max vs Pixel 9 Pro XL: देखें कौन है बेस्ट
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »