• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • ISRO की बड़ी तैयारी, री यूजेबल रॉकेट के निर्माण की बना रही योजना, होगा यह फायदा

ISRO की बड़ी तैयारी, री-यूजेबल रॉकेट के निर्माण की बना रही योजना, होगा यह फायदा

कहा जा रहा है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, री-यूजेबल रॉकेट के लिए स्‍पेस इंडस्‍ट्री, स्टार्टअप और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ काम करेगी।

ISRO की बड़ी तैयारी, री-यूजेबल रॉकेट के निर्माण की बना रही योजना, होगा यह फायदा

Photo Credit: Twitter/ISRO

GSLV Mk III के बाद इसरो का अगला लॉन्‍च वीकल एक री-यूजेबल रॉकेट हो सकता है

ख़ास बातें
  • इसरो नए री-यूजेबल रॉकेट के निर्माण की योजना बना रहा है
  • इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने सोमवार को यह जानकारी दी
  • इसरो इसके लिए कई प्‍लेयर्स के साथ मिलकर काम कर सकता है
विज्ञापन
भारत कथित तौर पर ग्‍लोबल मार्केट के लिए एक नए री-यूजेबल रॉकेट के डिजाइन और निर्माण की योजना बना रहा है, अंतरिक्ष सचिव और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने सोमवार को बंगलूरू स्पेस एक्सपो (BSX) 2022 के दौरान यह घोषणा की। GSLV Mk III के बाद इसरो का अगला लॉन्‍च वीकल एक री-यूजेबल रॉकेट हो सकता है, जिसके इस्‍तेमाल से सैटेलाइट्स को लॉन्च करने की लागत कम होने की उम्मीद है। कहा जा रहा है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, री-यूजेबल रॉकेट के लिए स्‍पेस इंडस्‍ट्री, स्टार्टअप और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ काम करेगी।

पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, बंगलूरू स्पेस एक्सपो 2022 के 7वें एडिशन के दौरान इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने एक नए री-यूजेबल रॉकेट के डिजाइन और निर्माण की योजना की घोषणा की। वर्तमान में इसरो को एक किलोग्राम पेलोड को ऑर्बिट में स्थापित करने के लिए 10,000 डॉलर (लगभग 7,97,800 रुपये) और 15,000 डॉलर (लगभग 11,96,800 रुपये) के बीच खर्च करना पड़ता है।

बताया जाता है कि एस सोमनाथ ने कहा था कि इसरो को इस कॉस्‍ट को घटाकर 5,000 डॉलर (लगभग 3,98,000 रुपये) या 1,000 डॉलर (लगभग 79,700 रुपये) प्रति किलोग्राम करना होगा। ऐसा करने का एकमात्र तरीका रॉकेट को री-यूजेबल बनाना होगा। यानी एक बार लॉन्‍च करने के बाद उसे दोबारा लॉन्‍च किया जा सके। उन्होंने कहा कि लॉन्च वीकल सेक्‍टर क्षेत्र में देश में अभी तक री-यूजेबल तकनीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि GSLV-MK3  के बाद इसरो द्वारा बनाए जाने वाले अगले रॉकेट का री-यूजेबल किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी, इन्फ्लेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर (IAD) समेत विभिन्न तकनीकों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इन नई तकनीकों को मिलाकर अंतरिक्ष एजेंसी नया यूजेबल रॉकेट बनाने के लिए इंडस्‍ट्री, स्टार्टअप और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ हाथ मिलाना चाहेगी। उन्होंने कहा कि मैं अगले कुछ महीनों में इस (प्रस्ताव) को आकार लेते देखना चाहता हूं। 

री-यूजेबल रॉकेट की बात करें, तो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) अपने तमाम लॉन्‍च के लिए ऐसे रॉकेट इस्‍तेमाल कर रही है। अरबपति एलन मस्‍क की कंपनी स्‍पेसएक्‍स का फॉल्‍कन रॉकेट भी एक री-यूजेबल रॉकेट है, जिसके जरिए नासा ने भी अपने कई मिशन लॉन्‍च किए हैं। यह रॉकेट मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्‍च करने के बाद पृथ्‍वी पर सुरक्षित लैंडिंग करता है और दोबारा इस्‍तेमाल के लिए तैयार हो जाता है। 

 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

नित्या पी नायर

नित्या पी नायर को डिज़िटल पत्रकारिता में पांच साल से अधिक का ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Realme P4 Pro 5G vs Nothing Phone 3a vs Poco X7 Pro 5G: 25 हजार में कौन सा है बेहतर
  2. Pixel मोबाइल पर कनेक्ट होंगे 1 साथ 2 हेडफोन
  3. 10 हजार रुपये में आने वाली टॉप 5 स्मार्टवॉच, 10 दिनों तक चलेगी बैटरी, जानें सबकुछ
  4. डेटिंग में भी घुसा AI, 50 प्रश्न पूछेगा और मिलाएगा आपके पार्टनर से! जानें इस ऐप के बारे में
  5. हाइवे पर फ्री AC रूम, Wi-Fi और शॉवर, बस भरवाना है फ्यूल; बुकिंग सीधा मोबाइल ऐप से
  6. Vivo T4 Pro vs Realme 15 5G vs Nothing Phone 3a: 30 हजार में कौन सा है बेस्ट
  7. Samsung की AI वाली वॉशिंग मशीन, कपड़ों को गीला किए बिना करेगी साफ, प्रेस करने का भी झंझट खत्म!
  8. ऑनलाइन डिजिटल स्कैम के शिकार तो नहीं हुए आप? ऐसे करें ऑनलाइन शिकायत
  9. Gmail पर Spam Email को ऐसे करें Block, स्टोरेज भी हो जाएगी खाली, फॉलो करें ये स्टेप्स
  10. Motorola G06 में मिल सकता है MediaTek Helio G81 Extreme चिपसेट
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »