चांद पर दोबारा से इंसान को भेजने की योजनाएं अब जमीन पर उतरने लगी हैं। तमाम देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां इस पर काम कर रही हैं। उन्होंने प्राइवेट पार्टनर्स भी जुटाए हैं, जिन्हें अलग-अलग काम दिए गए हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी
नासा (Nasa) की तैयारी बाकी देशों से थोड़ा आगे नजर आती है। उससे जुड़ी एक अमेरिकी कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स (Intuitive Machines) जिस तरह की गाड़ी को चांद पर दौड़ाना चाहती है, उसकी एक झलक गुरुवार को सामने आई। यह एक डेमो यूनिट है यानी असल गाड़ी में थोड़ा बहुत फर्क हो सकता है।
स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने रीयूजेबल ऑटोनॉमस क्रूड एक्सप्लोरेशन रोवर को ह्यूस्टन स्थित स्पेस सेंटर में पार्किंग में दिखाया। इसे मून रेसर भी कहा जा रहा है। यह एक इलेक्ट्रिक रोवर है, जिसे रौश (Roush) ने तैयार किया है। शुक्रवार को यह रोवर नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के विजिटर सेंटर में दिखाया जाना था। इंट्यूटिव मशीन्स में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ट्रेंट मार्टिन ने नासा के अधिकारियों, इंडस्ट्री पार्टनर्स और प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि हम इसे आपके सामने प्रदर्शित करने के लिए बेहद उत्साहित हैं।
पहले धरती पर किया जाएगा टेस्ट
चांद पर भेजने से पहले मून रेसर को धरती पर टेस्ट किया जाएगा। एरिजोना के मेटियोर क्रेटर पर वीकल को टेस्ट किया जाएगा। वहां वैज्ञानिकों ने इस तरह का वातावरण बनाया है जैसा चंद्रमा पर है।
चांद पर लैंडर उतार चुकी है कंपनी
इंट्यूटिव मशीन्स ने अमेरिका को इस साल सेलिब्रेट करने का मौका दिया था, जब उसका लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरा था। यह दुनिया की पहली प्राइवेट कंपनी बन गई थी, जिसके लैंडर ने चांद पर लैंडिंग की थी।
मून रेसर की प्रमुख खूबियां
14 फुट लंबा, 8.5 फुट ऊंचा और 12 फुट चौड़ा मून रेसर काफी पावरफुल है। यह 108 फुट लंबे ट्रेलर को खींच सकता है। इसकी स्पीड 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक है। यह 20 डिग्री की ढलानों में भी चल सकता है और एक फुट ऊंची चुनौती से पार पा सकता है।
हालांकि इंट्यूटिव मशीन्स अकेली नहीं है, तो ऐसे वीकल पर काम कर रही है। जापान की स्पेस एजेंसी जाक्सा (Jaxa) भी टोयोटा के साथ मिलकर एक वीकल डेवलप कर रही है, जिसे 2031 तक चांद पर भेजा जा सकता है।