जमीन से कुछ सौ किलोमीटर ऊपर स्थित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) धरती की शानदार तस्वीरों का सोर्स रहा है। यहां पहुंचने वाले अंतरिक्ष यात्री अक्सर पृथ्वी को कैमरे में कैद करते हैं, जिससे हमें नई चीजें देखने को मिलती हैं। ऐसी ही एक तस्वीर को ISS पर मौजूद एक अंतरिक्ष यात्री ने कैप्चर किया, जिसमें 2 विचित्र तरह की नीली रोशनी दिखाई देती हैं। धरती पर एक जगह इतने बड़े दायरे में नीली रोशनी का क्या मतलब है? वैज्ञानिकों की मानें, तो इसकी वजह प्राकृतिक है।
लाइव साइंस की
रिपोर्ट के अनुसार, इस तस्वीर को पिछले साल ‘एक्सपीडिशन 66' के एक सदस्य ने कैप्चर किया था। उस वक्त इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन दक्षिण चीन सागर के ऊपर से गुजरा था। इस तस्वीर को नासा (Nasa) की अर्थ ऑब्जर्वेटरी ने इस साल 9 अक्टूबर को ऑनलाइन रिलीज किया था।
बताया जाता है कि फोटो के निचले हिस्से में दिखाई दे रही नीली रोशनी थाइलैंड की खाड़ी में बिजली चमकने की वजह से नजर आई। आमतौर पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से बिजली को देखना मुमकिन नहीं होता, क्योंकि वो बादलों से ढके होते हैं। लेकिन यह बिजली थोड़ा हटकर चमकी, जिसके इस तरह का नजारा बन गया।
वहीं, तस्वीर के टॉप राइट में दिख रही नीली रोशनी चंद्रमा से विकृत रोशनी की वजह से है। दरअसल, यह तो हम जानते ही हैं कि चंद्रमा की अपनी कोई रोशनी नहीं होती। रात में वह हमें चमकता हुआ इसलिए दिखता है, क्योंकि उस पर सूर्य की रोशनी पड़ रही होती है। सूर्य की रोशनी जब चंद्रमा से होते हुए हमारे ग्रह के वायुमंडल से गुजरती है, तो वह उसी नीली बूंदों में बदल देती है। यही प्रभाव इस बात को भी बताता है कि दिन में हमें आसमान नीला क्यों दिखाई देता है।
इसके अलावा तस्वीर में थाईलैंड से आने वाली कृत्रिम रोशनी का एक चमकता हुआ जाल भी दिखाई दे रहा है। इसके अलावा तस्वीर में चमक रही लाइट वियतनाम और चीन के दक्षिणी क्षेत्र हैनान द्वीप से है। हालांकि इनका सोर्स क्या है, यह साफ पता नहीं चलता। इसकी वजह बादल हैं। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से ली गई यह तस्वीर हमारी पृथ्वी की विशालता के बारे में भी बताती है। साथ रात में चमकते देशों के विकास की झलक भी देती है। ऐसी तस्वीरें बेहद खास होती हैं, क्योंकि इन्हें दोबारा कैप्चर कर पाना मुमकिन नहीं होता।