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50 हजार साल में पहली बार पृथ्‍वी के करीब आ रहा हरा धूमकेतु, इस दिन देख सकेंगे

Green comet : वैज्ञानिकों को यह भी कहना है कि इस धूमकेतु को नग्‍न आंखों से तभी देखा जा सकेगा, जब आपके इलाके में प्रदूषण बहुत कम होगा और आसमान व मौसम साफ होगा।

50 हजार साल में पहली बार पृथ्‍वी के करीब आ रहा हरा धूमकेतु, इस दिन देख सकेंगे

Green comet : बताया जा रहा है कि यह धूमकेतु 1 फरवरी और 2 फरवरी के बीच हमारे ग्रह के नजदीक से होते हुए गुजरेगा।

ख़ास बातें
  • 50 साल पहले पृथ्‍वी के पास से गुजरा था यह धूमकेतु
  • C/2022 E3 (ZTF) को पिछले साल खोजा गया
  • कहा जा रहा है कि इसे नग्‍न आंखों से भी देखा जा सकेगा
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आसमान में होने वाली घटनाओं में दिलचस्‍पी रखने वाले लोगों के लिए अगले कुछ दिन बेहद खास होने वाले हैं। लगभग 50 हजार साल पहले एक हरा धूमकेतु (green comet) पृथ्वी के पास से गुजरा था। यह एक बार फ‍िर से लौट रहा है। C/2022 E3 (ZTF) नाम के इस धूमकेतु को पिछले साल खोजा गया था। जानकारी के अनुसार, यह धूमकेतु 1 फरवरी को पृथ्‍वी के सबसे करीब आएगा। कहा तो यह भी जा रहा है कि इसे नग्‍न आंखों से देखा जा सकेगा, लेकिन अगर आपके पास एक दूरबीन या छोटा टेलिस्‍कोप है, तो आप इस धूमकेतु को और बेहतर तरीके से स्‍पॉट कर सकते हैं। 

नासा के मुताबिक, C/2022 E3 (ZTF) धूमकेतु का पीरियड लगभग 50 हजार साल है। इसका मतलब है कि पिछली बार जब यह धूमकेतु पृथ्‍वी के 4.2 करोड़ किलोमीटर तक नजदीक आया था, तब हमारा ग्रह पुरापाषाण काल (Upper Paleolithic period) में था।

वैज्ञानिकों को यह भी कहना है कि इस धूमकेतु को नग्‍न आंखों से तभी देखा जा सकेगा, जब आपके इलाके में प्रदूषण बहुत कम होगा और आसमान व मौसम साफ होगा। यॉर्क यूनिवर्सिटी (York University) ने भी इस धूमकेतु को देखने की योजना बनाई है। कनाडा की इस यूनिवर्सिटी में बहुत बड़ा टेलिस्‍कोप लगा है, जिसके जरिए धूमकेतु को देखा जाएगा। 

बताया जा रहा है कि यह धूमकेतु 1 फरवरी और 2 फरवरी के बीच हमारे ग्रह के नजदीक से होते हुए गुजरेगा। रिपोर्टों के अनुसार, अगर यह धूमकेतु उसी तरह चमकता रहा जैसे अभी चमक रहा है, तो इसे बिना टेलीस्‍कोप के सीधे आंखों के जरिए रात में आसमान में देखा जा सकता है। धूमकेतुओं को लेकर इसलिए कोई भविष्‍यवाणी नहीं की जा सकती, क्‍योंकि इनकी चमक कम भी हो सकती है। 

शुरुआत में वैज्ञानिकों को लगा कि यह कोई एस्‍टरॉयड है। तब यह बृहस्पति की कक्षा के अंदर था। जल्‍द यह धूमकेतुओं की तरह चमकने लगा। C/2022 E3 (ZTF) को वैज्ञानिकों ने पिछले साल ही खोजा है। पुरापाषाण काल के इंसानों को भी इसके बारे में पता भी नहीं रहा होगा।

 

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