• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • सूरज से निकले सौरतूफान बढ़ा रहे बाहरी वायुमंडल में गर्मी, अब सैटेलाइट्स पर मंडरा रहा ये खतरा!

सूरज से निकले सौरतूफान बढ़ा रहे बाहरी वायुमंडल में गर्मी, अब सैटेलाइट्स पर मंडरा रहा ये खतरा!

गर्म हवाएं सैटेलाइट को उसकी निर्धारित जगह से हिला सकती हैं।

सूरज से निकले सौरतूफान बढ़ा रहे बाहरी वायुमंडल में गर्मी,  अब सैटेलाइट्स पर मंडरा रहा ये खतरा!

इस साल पांच बड़े सौर तूफान आ चुके हैं जिन्होंने धरती के बाह्य वायुमंडल में इंफ्रारेड रेडिएशन या हीट को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है।

ख़ास बातें
  • अब तक इस साल पांच बड़े सौरतूफान आ चुके हैं।
  • धरती के बाह्य वायुमंडल में इंफ्रारेड रेडिएशन या हीट तेजी से बढ़ी है।
  • बाह्य वायुमंडल की गर्म हवा सैटेलाइट्स को लगातार छू रही है।
विज्ञापन
2023 में सौरमंडलीय गतिविधियां बहुत अधिक देखने को मिल रही हैं। इन्हीं में से एक सौर तूफान हैं जो पृथ्वी के तापमान को बढ़ा रहे हैं। यह तापमान धरती के ऊपरी  या बाहरी वायुमंडल, जिसे थर्मोस्फीयर (thermospeher) कहते हैं, में तेजी से बढ़ा है। 2023 की शुरुआत से लेकर अब तक कई सौर तूफान पृथ्वी से टकरा चुके हैं। जिन्होंने थर्मोस्फीयर को इतना गर्म अभी से कर दिया है, जितना यह अगले 20 सालों में होने वाला था। इसका एक भयानक परिणाम भी वैज्ञानिक बता रहे हैं। आइए जानते हैं बाहरी वायुमंडल के गर्म होने से कौन से खतरे पैदा हो रहे हैं। 

सोलर स्टॉर्म, सौर तूफान, या जियोमेग्नेटिक स्टॉर्म ऐसे तूफान होते हैं जो सूर्य की सतह से निकलते हैं। सूर्य के लिए 2023 इसकी साइकिल का 11 वां साल है। हर 11 साल में सूर्य की सतह पर होने वाली गतिविधियों में दोगुनी तेजी आती है। हर 11 साल में सूर्य एक साइकल पूरी करता है। यह सूर्य की 25वीं साइकल का समय है। इसमें परिणाम यह होता है कि सूर्य की सतह से ऊर्जा के तूफान फूटते हैं, जिनका असर सौरमंडल के ग्रहों पर बहुत ज्यादा पड़ता है। Spaceweatherarchive के अनुसार, अब ये सौरतूफान पृथ्वी के बाहरी वायुमंडल को गर्म कर रहे हैं। जिसके ऊपर पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव निर्मित सैटेलाइट भी लगातार चक्कर लगा रहे हैँ। ये हवाएं सैटेलाइट को उसकी निर्धारित जगह से हिला सकती हैं। इतना ही नहीं उन्हें नीचे खींच सकती है। ये आपस में टकरा भी सकते हैं और इनके उपकरण खराब हो सकते हैं। Starlink जैसे छोटे सैटेलाइट्स को इससे ज्यादा खतरा बताया गया है। 

बाह्य वायुमंडल की गर्म हवा इन सैटेलाइट्स को लगातार छू रही है। जिसके कारण ये नीचे आने लगे हैं। नासा के वैज्ञानिक Martin Mlynczak इस बारे में स्टडी कर रहे हैं, जिनका कहना है कि पृथ्वी के भीतरी वातावरण पर इस अतिरिक्त गर्मी का उतना प्रभाव नहीं पड़ने वाला है जितना कि ऊपर कक्षा में चक्कर लगा रहे सैटेलाइट पर पड़ रहा है। थर्मोस्फीयर को सोलर गतिविधि के लिए बहुत सेंसिटिव कहा गया है। यह सौर तूफानों से आने वाली ऊर्जा को बहुत तेजी से सोखता है। सूर्य की अब 25 वीं सोलर साइकल चल रही है जिसके कारण इस साल एक के बाद एक सौर तूफान आ रहे हैं। 

अब तक इस साल पांच बड़े सौर तूफान आ चुके हैं जिन्होंने धरती के बाह्य वायुमंडल में इंफ्रारेड रेडिएशन या हीट को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। यह टेरावाट (TW) में बढ़ रही है। 15 जनवरी को 0.59 TW, 16 फरवरी को 0.62 TW, 27 फरवरी को 0.78 TW, 24 मार्च को 1.04 TW और 24 अप्रैल को 1.02 TW हीट इसमें बढ़ गई है। एक टेरावाट या TW में 10 खरब वाट (1,000,000,000,000 Watt) की ऊर्जा होती है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सूर्य से कितनी मात्रा में गर्मी धरती के बाहरी वायुमंडल में पहुंच रही है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े:
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

विज्ञापन

© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »