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कभी देखा है सूर्य को इतने करीब से? बुध ग्रह की कक्षा में जाकर 500 डिग्री तापमान में खींची गईं तस्‍वीरें

इन तस्‍वीरों को सोलर ऑर्बिटर पर तैनात 10 साइंस इंस्‍ट्रूमेंट्स की मदद से कैप्‍चर किया जा सका।

कभी देखा है सूर्य को इतने करीब से? बुध ग्रह की कक्षा में जाकर 500 डिग्री तापमान में खींची गईं तस्‍वीरें

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ये ऑब्‍जर्वेशन सूर्य के व्यवहार को समझने के लिए अहम डेटा प्रदान करेंगे।

ख़ास बातें
  • 26 मार्च को ESA का सोलर ऑर्बिटर सूर्य के नजदीक पहुंचा
  • यह बुध ग्रह की कक्षा में पहुंच गया था
  • 500 डिग्री तापमान में सोलर ऑर्बिटर ने तस्‍वीरों को कैद किया
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यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने साल 2020 में अपना सोलर ऑर्बिटर अंतरिक्ष में भेजा था। हाल ही में इसने सूर्य के रिकॉर्ड करीब पहुंचकर हैरान करने वाली तस्‍वीरें खींची हैं। रिपोर्टों के अनुसार, 26 मार्च को ESA का सोलर ऑर्बिटर सूर्य के सबसे नजदीकी ग्रह बुध (Mercury) की कक्षा में पहुंचा। इस तरह की पहुंच को पेरिहेलियन (perihelion) के रूप में जाना जाता है, जिसमें कोई ग्रह सूर्य के सबसे करीब होता है। हालांकि अंतरिक्ष यान को पेरिहेलियन तक पहुंचने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इनमें सबसे बड़ी चुनौती भीषण गर्मी की थी। सोलर ऑर्बिटर जब सूर्य के रिकॉर्ड करीब पहुंचा तो उसे 500 डिग्री सेल्सियस तक तापमान का सामना करना पड़ा। इस दौरान हीट शील्ड ने उसे बचाकर रखा। 

उम्मीद है कि फ्यूचर में सोलर ऑर्बिटर सूर्य के और करीब जाएगा और उसे ज्‍यादा तापमान का सामना करना पड़ेगा। इस कोशिश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हमें सूर्य का वह रूप देखने को मिला है, जो आज से पहले कभी नहीं देखा गया। सूर्य के रिकॉर्ड करीब पहुंचकर ESA के ऑर्बिटर ने पावरफुल फ्लेयर्स, सौर ध्रुवों के शानदार दृश्य और एक रहस्यमयी सौर 'हेजहोग' को कैप्‍चर किया। इन सब आश्‍चर्यों को सोलर ऑर्बिटर पर तैनात 10 साइंस इंस्‍ट्रूमेंट्स की मदद से कैप्‍चर किया जा सका। 
बेल्जियम स्थित रॉयल ऑब्जर्वेटरी के डेविड बर्गमैन ने एक बयान में कहा है कि ये इमेजेस हकीकत में बेहद लुभावनी हैं। उन्‍होंने कहा कि अगर सोलर ऑर्बिटर कल डेटा लेना बंद कर देता है, तब भी वह इन चीजों का पता लगाने के लिए वर्षों तक कोशिश करते रहेंगे। 
 
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वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ये ऑब्‍जर्वेशन सूर्य के व्यवहार को समझने के लिए अहम डेटा प्रदान करेंगे। इनमें सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र और सौर उत्सर्जन भी शामिल है। गौरतलब है कि वैज्ञानिक अबतक सूर्य के बारे में बहुत गहराई से नहीं जान पाए हैं। जहां तक बात है सौर 'हेजहोग' की, तो यह आजतक वैज्ञानिकों के लिए पहेली बना हुआ है। वैज्ञानिकों को पता नहीं है कि यह क्या है और कैसे बनता है। हेजहोग में लगभग 25 हजार किलोमीटर का छोटा क्षेत्र होता है। इसमें गर्म और ठंडी गैसों के ढेर सारे स्पाइक्स होते हैं, जो सभी दिशाओं में पहुंच जाते हैं। वैज्ञानिकों को उम्‍मीद है कि सोलर ऑर्बिटर ऐसे कई अनसुलझे सवालों को समझने में मदद करेगा। फ‍िलहाल तो आप इन शानदार तस्‍वीरों को देखिए। 
 
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ये भी पढ़े: ESA, Sun, Esa solar orbiter, Solar Orbiter Mission, Sun Image, mercury
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