• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 6.6 करोड़ साल पहले डायनासोरों को खत्म करने वाला एस्टरॉयड बृहस्पति के पार से आया था!

6.6 करोड़ साल पहले डायनासोरों को खत्म करने वाला एस्टरॉयड बृहस्पति के पार से आया था!

वैज्ञानिकों के इस दावे का आधार क्रेटेशियस और पैलियोजीन युग के बीच की अवधि में बने सेडिमेंट सैम्पलों का एनालिसिस है।

6.6 करोड़ साल पहले डायनासोरों को खत्म करने वाला एस्टरॉयड बृहस्पति के पार से आया था!

Photo Credit: NewYorkTimes

वैज्ञानिकों ने 6.6 करोड़ साल पहले धरती से टकराए एस्टरॉयड को लेकर बड़ा खुलासा किया है।

ख़ास बातें
  • एस्टरॉयड की टक्कर के दौरान पृथ्वी से डायनासोरों का खात्मा हो गया।
  • एस्टरॉयड बृहस्पति की कक्षा से भी परे जन्मा था।
  • पुष्टि की गई है कि यह कोई धूमकेतु नहीं था।
विज्ञापन
करोड़ों साल पहले धरती पर डायनासोर जैसे विशालकाय जीव विचरण किया करते थे। कहा जाता है कि अंतरिक्ष से आए एक भारी भरकम एस्टरॉयड यानी चट्टानी पत्थर की धरती से टक्कर हुई और पृथ्वी पर बड़े हिस्से में तबाही हुई। इसी टक्कर के दौरान पृथ्वी से डायनासोरों का खात्मा हो गया। 

अब इस एस्टरॉयड को लेकर वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला अनुमान लगाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती से टकराने वाला वह एस्टरॉयड बृहस्पति की कक्षा से भी परे जन्मा था। यानी वह एस्टरॉयड धरती के आसपास का एस्टरॉयड नहीं था। वह सौरमंडल में करोडों किलोमीटर की दूरी से आया था। रिपोर्ट के अनुसार, Science जर्नल में प्रकाशित हुई हालिया खोज कहती है कि वैज्ञानिकों ने 6.6 करोड़ साल पहले धरती से टकराए उस एस्टरॉयड को लेकर बड़ा खुलासा किया है। यह एस्टरॉयड जुपिटर के ऑर्बिट से परे जन्मा था। इसके बारे में यह भी पुष्टि की गई है कि यह कोई धूमकेतु नहीं था। 

यह एस्टरॉयड Chicxulub में आकर गिरा था जो कि मैक्सिको में वर्तमान में युकाटन प्रायद्वीप के रूप में मौजूद है। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि इस जगह के बारे में नए सिरे से रिसर्च बता सकती है धरती से टकराने वाले खगोलीय पिंडों का ग्रह पर क्या प्रभाव पड़ा होगा। स्टडी के प्रमुख लेखक मारियो फिशर गोड्डे का कहना है कि वे दावे के साथ कह सकते हैं यह एस्टरॉयड बृहस्पति ग्रह की कक्षा से भी परे पैदा हुआ होगा। लेखक का कहना है कि इस तरह की जानकारी आगे समझने में मदद करेगी कि पृथ्वी पर पानी कैसे आया होगा। 

वैज्ञानिकों के इस दावे का आधार क्रेटेशियस और पैलियोजीन युग के बीच की अवधि में बने सेडिमेंट सैम्पलों का एनालिसिस है। यह वही समय था जब एस्टरॉयड के टकराने का प्रभाव धरती पर मौजूद था। इसके लिए वैज्ञानिकों ने रुथेनियम (ruthenium) नामक एक तत्व पर रिसर्च की है। यह तत्व धरती पर बहुत दुर्लभ है, लेकिन एस्टरॉयड में यह तत्व पाया जाना बहुत आम है। Chicxulub में कई भूगर्भीय परतों की स्टडी के बाद पता चला कि यहां मौजूद ruthenium शत प्रतिशत एक एस्टरॉयड से ही आया है। 

स्टडी इस बात का दावा करती है कि एस्टरॉयड के टकराव ने धरती पर एक महाभूकंप पैदा किया जिससे कि पूरी पृथ्वी पर हिमयुग छा गया और डायनासोर के साथ-साथ कई और तरह का जीवन भी नष्ट हो गया। यह C-टाइप एस्टरॉयड की वजह से हुआ जो जुपिटर के परे से आया था। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े:
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. दुबई के क्रिप्टो एक्सचेंज ByBit पर भारत में लगा 9 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना
  2. भारत में Raging Blue कलर में लॉन्च होगा iQOO का Neo 10R
  3. Boult ने Rs 1,099 में लॉन्च की SpO2 मॉनिटरिंग, 24x7 हार्ट रेट ट्रैकिंग फीचर वाली Drift Max स्मार्टवॉच, जानें स्पेसिफिकेशन्स
  4. Realme GT 7 स्मार्टफोन Snapdragon 8 Elite चिपसेट, 16GB रैम के साथ जल्द होगा लॉन्च! सामने आया बेंचमार्क स्कोर
  5. SwaRail: टिकट बुकिंग से लेकर ट्रेन स्टेटस तक, भारतीय रेलवे के इस सिंगल ऐप में मिलेगी सभी सर्विस
  6. MG ZS EV Price Hike: Rs 89 हजार तक महंगी हुई MG की प्रीमियम इलेक्ट्रिक कार, जानें किस वेरिएंट की कितनी बढ़ी कीमत
  7. Lenskart ने लॉन्च किए स्मार्ट ग्लासेस, ब्लूटूथ, वॉयस एसिस्टेंट के साथ गजब फीचर्स, जानें कीमत
  8. भारत में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है सरकार
  9. 500 करोड़ के निवेश से लेकर 18,000 हाई-एंड GPU तक, AI वॉर में एक्टिव हुआ भारत!
  10. महाकुंभ में कम्युनिकेशंस को मजबूत बनाने में मदद कर रही BSNL
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »