• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • समुद्र से 1.7 किलोमीटर नीचे मिला खतरनाक पूल, इसमें तैरने वाले की हो जाएगी मौत

समुद्र से 1.7 किलोमीटर नीचे मिला खतरनाक पूल, इसमें तैरने वाले की हो जाएगी मौत

इस पूल तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने रिमोट से चलने वाले वीकल का इस्‍तेमाल किया।

समुद्र से 1.7 किलोमीटर नीचे मिला खतरनाक पूल, इसमें तैरने वाले की हो जाएगी मौत

पूल के पास ऐसा वातावरण है, जो पृथ्‍वी पर और कहीं नहीं। कोई भी जानवर यहां पहुंचता है, तो वह फौरन अचेत हो जाता है।

ख़ास बातें
  • इस पूल में तैरने वाली हर चीज खत्‍म हो जाती है
  • इसमें स्‍वीमिंग करना मतलब मौत के मुंह में जाने जैसा है
  • इस पूल में ऑक्‍सीजन ना के बराबर है
विज्ञापन
हमारी पृथ्‍वी में रहस्‍य से भरी कई ऐसी जगहें हैं, जिनकी खोज अभी बाकी है। वैज्ञानिकों ने वर्षों पहले बरमूडा ट्रांएगंल को तलाशा था। ऐसी जगह जहां से गुजरते हुए कोई भी ऑब्‍जेक्‍ट गायब हो जाता है। इस बार एक नई खोज में वैज्ञानिक एक पूल तक पहुंचे हैं, जिसमें स्‍वीमिंग करना मतलब मौत के मुंह में जाने जैसा है। मियामी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने लाल सागर (Red Sea) के तल पर एक घातक पूल की खोज की है। इसे ‘मौत का पूल' कहा जा रहा है। बताया जाता है कि इस पूल में तैरने वाली हर चीज खत्‍म हो जाती है। समुद्र में सतह से करीब 1.7 किलोमीटर नीचे खोजे गए इस पूल तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने रिमोट से चलने वाले वीकल का इस्‍तेमाल किया। 

रिसर्चर्स ने बताया है कि समुद्र में इतनी गहराई पर मौजूद पुल एक डिप्रेसन की तरह है। 10 फीट लंबा यह पूल बहुत ज्‍यादा खारे पानी और केमिकल्‍स से भरा हुआ है। यहां का पानी लाल सागर के बाकी पानी की तुलना में ज्‍यादा खारा है। रिसर्चर्स का कहना है कि यह पूल इसमें पहुंचने वाली जानवरों की जान ले सकता है। 

Live Science से बातचीत में प्रमुख रिसर्चर सैम पुरकिस (Sam Purkis) ने कहा कि इस पूल के पास ऐसा वातावरण है, जो पृथ्‍वी पर और कहीं नहीं। कोई भी जानवर यहां पहुंचता है, तो वह फौरन अचेत हो जाता है। इसकी वजह पानी का बहुत ज्‍यादा खारा होना, उसने ना के बराबर ऑक्‍सीजन होना और पानी में केमिकल की मौजूदगी होना है। 

हालांकि कुछ जीव इस पानी के  आसपास छुपकर अन्‍य जीवों का शिकार भी करते हैं। इनमें झींगा और ईल शामिल हैं, जो पूल के आसपास दुबके रहते हैं। सैम पुरकिस ने कहा है कि इस तरह के पूल की खोज से वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि हमारे ग्रह पर महासागर कैसे बने। उन्होंने बताया कि खारे पानी के पूल में बड़ी संख्या में Microbes हैं जो विविधता से भरे हुए हैं।  

सैम पुरकिस ने कहा कि जब तक हम पृथ्वी पर जीवन की लिमिट्स को नहीं समझते, यह तय करना मुश्किल होगा कि क्या दूसरे ग्रहों पर जीवन हो सकता है। वहीं, न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों द्वारा खोजा जाने वाला यह पहला ब्राइन पूल नहीं है। पिछले 30 साल में लाल सागर, भूमध्य सागर और मैक्सिको की खाड़ी में ऐसे दर्जनों पूलों को खोजा गया है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Lyrid Meteor Shower 2025: 22 अप्रैल को आसमान में टूटेंगे सैकडों तारे! नोट कर लें समय
  2. AI ने मापी बैक्टीरिया के 90 करोड़ साल पुराने इतिहास की गहराई, मिले चौंकाने वाले परिणाम
  3. Oppo Find X8 Ultra vs Galaxy S25 Ultra: कौन सा फोन है सही मायनों में अल्ट्रा परफॉर्मर! जानें यहां
  4. PM Modi AC Yojana 2025: FREE में दिए जा रहे 1.5 करोड़ 5-स्टार AC? सामने आई योजना की सच्चाई ...
  5. Vivo T4 5G आ रहा 7300mAh बैटरी, 90W चार्जिंग के साथ, 22 अप्रैल के लॉन्च पहले जानें सबकुछ
  6. Motorola Edge 60 Fusion या Realme 14 Pro, Rs 25 हजार से कम में कौन सा है बेस्ट?
  7. Tata Motors का Harrier इलेक्ट्रिक की रेंज लगभग 500 किलोमीटर रखने का टारगेट
  8. IPL 2025 Match Live Streaming: आज IPL में PBKS vs RCB, और CSK vs MI का मुकाबला, यहां देखें फ्री!
  9. 140W आउटपुट, 20000mAh बैटरी वाला पावरबैंक Lenovo ThinkPlus लॉन्च, जानें कीमत
  10. ट्रिप पर जाने का है प्लान तो मौसम पर नजर रखने के लिए ध्यान रखें ये बातें
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »