अरबपति ‘एलन मस्क' की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) अपने स्टारलिंक सैटेलाइट सिस्टम के जरिए दुनियाभर में सैटेलाइट इंटरनेट पहुंचाने पर काम कर रही है। हालांकि चीन इसे अपने लिए खतरे के तौर पर देख रहा है। चीनी मिलिट्री रिसर्चर्स ने स्टारलिंक के सैटेलाइट सिस्टम को बर्बाद करने के लिए एक ‘हार्ड किल' हथियार डेवलप करने की बात कही है, अगर यह सिस्टम चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होता है। जिस डॉक्युमेंट में यह कहा गया है, वह पेपर पिछले महीने चाइना मॉडर्न डिफेंस टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
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रिपोर्ट के अनुसार, स्टारलिंक को एलन मस्क की स्पेसएक्स ने दुनियाभर में ब्रॉडबैंड सैटेलाइट इंटरनेट पहुंचाने के मकसद से डेवलप किया है। साल 2019 में कंपनी ने पहली बार स्टारलिंक सैटेलाइट्स को लॉन्च किया था। अबतक 2,300 से ज्यादा सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाया गया है। कंपनी की योजना कुल 42,000 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजने की है।
चीनी रिसर्चर इन उपग्रहों की संभावित सैन्य क्षमताओं को लेकर चिंतित हैं। उनका दावा है कि इनका इस्तेमाल हाइपरसोनिक मिसाइलों को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। अमेरिकी ड्रोन्स व स्टील्थ फाइटर जेट्स की डेटा ट्रांसमिशन स्पीड बढ़ाई जा सकती है। चीनी सैटेलाइट्स को बर्बाद करने का भी डर है। स्टारलिंक के सैटेलाइट्स को लेकर चीन ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र को भी पत्र लिखा था।
यही वजह है कि बीजिंग इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रैकिंग एंड टेलीकम्युनिकेशंस के एक रिसर्चर रेन युआनजेन के नेतृत्व में रिसर्चर्स ने हार्ड किल हथियार की बात कही है। हार्ड और सॉफ्ट किल अंतरिक्ष हथियारों की दो कैटिगरी हैं। हार्ड किल ऐसे हथियार हैं सीधे अपने टार्गेट पर हमला करते हैं जैसे-मिसाइल। वहीं, सॉफ्ट किल हथियारों में जैमिंग और लेजर वेपन को शामिल किया जाता है।
सैटेलाइट्स को डिसेबल करने के लिए चीन के पास पहले से ही कई तरीके हैं। इनमें माइक्रोवेव जैमर शामिल हैं, जो कम्युनिकेशंस को बाधित कर सकते हैं। हालांकि रिसर्चर्स का कहना है कि ये उपाय अलग-अलग सैटेलाइट्स के खिलाफ असरदार हैं, लेकिन स्टारलिंक को बर्बाद करने के लिए काफी नहीं हैं। स्टारलिंक में डीसेंट्रलाइज्ड सिस्टम है। रिसर्चर्स के अनुसार, स्टारलिंक सिस्टम पर हमले के लिए हमें कुछ लो-कॉस्ट और बेहतर रिजल्ट वाले उपायों की जरूरत होगी।